UDISE Report : कोरोना महामारी के झटकों को झेलने के काबिल नहीं हैं देश के शिक्षण संस्थान, जानें क्यों?
UDISE Report : केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ( Education Ministry ) की ओर से जारी यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस ( UDISE+ ) 2021-22 की रिपोर्ट ने देश की लचर सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। यूडीआईएसई प्लस की रिपोर्ट से साफ स्कूल शिक्षा को मजबूत करने की जरूरत है। ऐसा इसलिए कि साल 2020-21 और 2021-22 के बीच देश में 20000 से ज्यादा स्कूल बंद हो गए।
2.8 लाख शिक्षकों की गई नौकरी
इतना ही नहीं, साल 2021-22 में स्कूलों में 95.07 लाख शिक्षक रह गए जबकि साल 2020-21 में इनकी संख्या 97.87 लाख हुआ करती थी। यानि इन स्कूलों में कार्यरत 2.8 लाख से ज्यादा शिक्षकों ने नौकरी भी गंवाई। यानि मॉडल फैमिली के लिहाज से ही मानें तो 12 लाख से ज्यादा लोग तो स्कूल टीचिंग में नौकरियों की कमी की वजह से प्रभावित हुए। खुशी की बात ये है कि देश के स्कूली शिक्षण संस्थानों में 95.07 लाख शिक्षक हैं, जिसमें से 51 फीसदी महिला शिक्षक शामिल हैं।
इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि स्कूल शिक्षण व्यवस्था से संबंधित अन्य रोजगार यानि ट्यूशन, परिवहन, पाठ्य पुस्तकों के लेखन, 20 हजार भवनों के रखरखाव से मिलने वाले अवसरों व अन्य अवसर भी ठप हो गए। दरअसल, कोरोना काल में 2020-21 के दौरान देशभर में 20 हजार से अधिक स्कूल बंद हुए और पिछले साल की तुलना में शिक्षकों की संख्या में 1.95 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस बात का खुलासा शिक्षा मंत्रालय की बृहस्पतिवार को जारी नई रिपोर्ट में हुआ है।
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE Report ) की 2021-22 के लिए स्कूली शिक्षा की रिपोर्ट के मुताबिक 2020-21 में 15.09 लाख की तुलना में 2021-22 में देश में सिर्फ 14.89 लाख स्कूल बचे। बंद होने वाले स्कूलों की संख्या में अधिकांश स्कूल निजी और अन्य प्रबंधन वाले स्कूल बंद शामिल हैं। इन स्कूलों में केवल 44.85 फीसदी स्कूलों में कंप्यूटर की सुविधा थी। लगभग 34 फीसदी में ही इंटरनेट कनेक्शन था। 27 फीसदी स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) के लिए विशेष शौचालय हैं और 49 फीसदी से अधिक में रेलिंग वाला रैंप है।
UDISE Report : एनरोलमेंट में सुधार के मिले सकेंत
यूडीआईएसई प्लस की रिपोर्ट के मुताबिक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व उच्चतर माध्यमिक में विद्यार्थियों के सकल नामांकन अनुपात में सुधार के संकेत मिले हैं। यूडीआईएसई प्लस की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021-22 में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक में 25.57 करोड़ छात्रों ने दाखिला लिया। यह 2020-21 की तुलना में 19.36 लाख अधिक है। उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में सबसे अधिक छात्रों का नामांकन और शिक्षकों की भर्ती हुई है। 2021-22 में एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग में आठ लाख से अधिक नई छात्राओं ने नामांकन किया है। साल 2021-22 में 12.29 करोड़ से अधिक छात्राओं ने प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक नामांकन कराया जो 2020-21 में लड़कियों के नामांकन की तुलना में 8.19 लाख का ज्यादा है।
शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक स्कूलों में गिरावट मुख्य रूप से निजी और अन्य प्रबंधन के तहत स्कूलों को बंद करने के कारण सामने आये हैं। इसके पीछे मुख्य वजह पैसों की कमी होना बताया गया है। हालांकि, शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में इन पहलुओं पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया। इसी तरह रिपोर्ट में शिक्षकों की संख्या में गिरावट और ड्रॉप-आउट दर जैसे अन्य संकेतकों के बिगड़ने के संभावित कारकों पर ध्यान नहीं दिया गया है।