तिरुवनंतपुरम। केरल के इडुक्की जिले में हुए भीषण भूस्खलन के बाद शनिवार 8 अगस्त को पांच और शव बरामद होने के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। भूस्खलन में बची मंजुला के बेटे का शव मलबे से निकलने के बाद उसके विलाप, चीखों ने निराशा को बढ़ा दिया। शनिवार को उसके बेटे दिनेश का शव मलबे के नीचे से निकाले गए पांच लोगों में शामिल था। दिनेश के शव को वाहन से ले जाने के दौरान गमगीन मंजुला रोए जा रहे थी।
गुरुवार 6 अगस्त की रात मुन्नार के लोकप्रिय पर्यटन स्थल से लगभग 30 किलोमीटर दूर भूस्खलन हुआ था। क्षेत्र के निवासियों ने कहा कि कम से कम 43 लोग अभी भी लापता हैं। खराब मौसम के बावजूद तलाशी अभियान जारी रहा।
मंजुला ने रोते हुए कहा, 'मुझे नहीं पता कि मुझे अब क्यों रहना चाहिए .. मैंने अपने दोनों बेटों को खो दिया है। जबकि उनमें से एक को निकाल लिया गया है, दूसरा अभी भी मलबे के नीचे पड़ा है। वे एक कॉलेज में पढ़ रहे थे और कोरोनोवायरस महामारी के कारण घर आ गए थे। महामारी। और अब, वे दुनिया से चले गए हैं, मुझे क्यों जीवित रहना चाहिए?' अब उसके पास अपना दुख बांटने लिए केवल उसका पति है।
इस त्रासदी में बचे और इडुक्की जिले के एक अस्पताल में सर्जरी का इंतजार कर रहे दीपन ने रोते हुए कहा कि उन्होंने अपने माता-पिता और पत्नी को खो दिया था, जो सात महीने से अधिक गर्भवती थी।
दीपन ने कहा, 'उसकी गर्भावस्था को लेकर शुक्रवार को एक समारोह आयोजित किया जाना था। इसलिए, हम सभी गुरुवार की रात को जल्दी सो गए। मैं आधी रात में अपने घर की मिट्टी ढह जाने के कारण खुद को कीचड़ के ढेर में फंसा हुआ पाकर जाग गय, क्योंकि हमारा घर ढह गया था। बाहर निकाले जाने से पहले मैं कई घंटों तक वहां फंसा रहा। मैंने सब कुछ खो दिया है।'
लेकिन दुख की दास्तां के बीच त्रासदी में बच गए लोगों में खुशी की लहर भी है। मुरुगेसन खुद को खुशकिस्मत मानते है कि वह बच गए। इडुक्की जिले के एक अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ कर रहे मुरुगसेन ने बताया, 'जब मैं तेज आवाज सुनकर उठा तो .. मैं अपने बेटे और पत्नी के साथ जिस कमरे में रह रहा था, वह ढह गया था। बचने का कोई रास्ता नहीं था। लेकिन फिर, हमने बाहर आने के लिए छत की टाइलों के जरिए निकलने का फैसला किया और कामयाब रहे।'
जिले के रहने वाले राजस्व मंत्री ई. चंद्रशेखरन और बिजली मंत्री एमएम मणि ने घटनास्थल का दौरा किया जहां बचाव अभियान जारी है। चंद्रशेखरन ने कहा, 'अंतिम लापता शख्स के मिलने तक बचाव कार्य जारी रहेगा।' जहां केरल सरकार ने शोक संतप्त परिवारों को 5-5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक परिवार को 2-2 लाख रुपये देने की घोषणा की है।