तो दिल्ली के LG जवाबदेही के बिना सत्ता का आनंद ले रहे हैं?
तो दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना जवाबदेही के बिना सत्ता का आनंद ले रहे हैं?
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के मुदृदे पर केजरीवाल सरकार को घेरने वाले दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ( LG VK Saxena ) अब खुद जिम्मेदारी के साथ काम न करने को लेकर फंसते नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High court ) के एक फैसले की वजह से एलजी के सामने यह स्थिति उत्पन्न हुई है। हाईकोर्ट के ताजा रुख की वजह से आम आदमी पार्टी ( AAP ) को एलजी वीके सक्सेना पर हमला बोलने का मौका मिल गया है। आप नेताओं का कहना है कि एलजी केवल डंडा नहीं चला सकते। अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें जिम्मेदारी भी स्वीकार करनी होगी। वो बिना जिम्मेदारी के सत्ता का मजा नहीं ले सकते।
2 सफाईकर्मियों की मौत के लिए एलजी जिम्मेदार
दरअसल, हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा शहर में एक सीवर की सफाई के दौरान दो लोगों की मौत ( Delhi Sever Death ) का दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High court ) ने संज्ञान ले लिया है। साथ ही दिल्ली सरकार, एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड को जारी कर इन मौतों के लिए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। आप नेताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के इस रुख का स्वागत किया है। साथ ही दिल्ली की एलजी पर हाईकोर्ट को गुमराह करने का भी आरोप लगाया है। आप नेताओं का कहना है कि सीवर में सफाई के दौरान दो कर्मचारियों की मौत डीडीए की लापरवाही की वजह से हुई है। डीडीए एलजी के मातहत है, इसलिए इस दुखद घटना के लिए वीके सक्सेना ही जिम्मेदार हैं। आप के आरोप पर एलजी ( LG VK Saxena ) कार्यालय या दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
जवाबदेही के बिना सत्ता का आनंद नहीं ले सकते एलजी
आम आदमी पार्टी के विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली एलजी ( LG VK Saxena ) जवाबदेही के बिना सत्ता का आनंद नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश शर्मा को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने और यह पूछने के लिए धन्यवाद देता हूं कि जब दिल्ली में हाथ से मैला ढोने पर प्रतिबंध है तो यह घटना कैसे हुई। डीडीए सीधे एलजी के अधीन आता है। इन दो मौतों के लिए एलजी ही जिम्मेदार है। एलजी जवाबदेही के बिना सत्ता का आनंद नहीं ले सकते।
इस मसले पर भाजपा की चुप्पी शर्मनाक
भारद्वाज ने दावा किया है कि डीजेबी के उपाध्यक्ष होने के नाते उन्होंने घटना का संज्ञान लिया और समाचार पत्रों में इसके बारे में पढ़ने के तुरंत बाद अपने कार्यालय से रिपोर्ट मांगी। उन्होंने सक्सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने एलजी कार्यालय के कदम उठाने और उनकी जिम्मेदारी स्वीकार करने की प्रतीक्षा की लेकिन भाजपा ( BJP ) नेताओं की टालमटोल के अलावा उन्होंने जो मौन चुप्पी बनाए रखी। यह शर्मनाक है।
हाईकोर्ट को गुमराह न करें एलजी
सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल ( LG VK Saxena ) कार्यालय पर दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High court ) को गुमराह करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के वकील ने अदालत में यह नहीं बताया कि सफाईकर्मियों की मौत डीडीए की लापरवाही की वजह से हुई है। यही वजह है कि अदालत ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी किया । अब दिल्ली सरकार के वकील अदालत को बताएंगे कि ये जिम्मेदारी किसकी है। दिल्ली के एलजी को यह समझना चाहिए कि सत्ता हमेशा जवाबदेही के साथ आती है। वो खुद की जवाबदेही े भाग नहीं सकते। उपराज्यपाल ने पीड़ितों के परिवारों से न तो मुलाकात की न ही खेद व्यक्त किया। एलजी ने इस तरह की घटना को दोबारा रोकने के लिए डीडीए में किए गए सुधारात्मक उपायों की रूपरेखा क्यों नहीं बनाई?
राजशेखर राव को न्याय मित्र नियुक्त किया
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके में नौ सितंबर को एक सफाईकर्मी और एक सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई थी। जब वे सफाई करने के लिए नीचे गए एक सीवर के अंदर जहरीली गैसें ले गए थे।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए एक जनहित याचिका दर्ज करने का निर्देश दिया और 11 सितंबर की एक समाचार रिपोर्ट के आधार पर मामले में दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड को नोटिस जारी किया। अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव को भी सहायता के लिए न्याय मित्र ;नियुक्त किया है।