कानपुर जेल का टूटा 160 साल पुराना रिकॉर्ड, 1245 की क्षमता में 2868 बंदी कैदी कैसे होगी सोशल डिस्टेंसिंग
जनज्वार, कानपुर। जिला जेल कानपुर में कैदियों बंदियों की संख्या का 160 साल पुराना रिकार्ड टूट गया है। कानपुर कारागार की स्थापना के बाद पहली बार बंदियों और कैदियों की संख्या 2800 के पार निकल गई है, जबकि इस जेल की अधिकतम क्षमता महज 1245 कैदी-बंदी रखने की ही है। कल ही यहां 12 कैदी कोरोना संक्रमित मिले थे। इतनी अधिक संख्या और कोरोना संक्रमण के भय से जेल प्रशासन की नींद उड़ी हुई है।
गौरतलब है कि कानपुर कारागार की स्थापना साल 1860 में हुई थी। जेल सूत्रों के मुताबिक उस दौरान बंदियो को रखने के लिए 25 बैरकें बनाई गईं थीं। इन सभी बैरकों में बंदियों कैदियों को रखने की क्षमता 1245 है। बावजूद इसके मौजूदा समय में जिला जेल में 2868 कैदी बंदी हैं। जिनमें बंदियों की संख्या 2700 है बाकी सजायाफ्ता 168 कैदी हैं। इससे पहले साल 2017 में बंदियों कैदियो की संख्या 2600 के लगभग पहुँची थी।
कैदियों बंदियों की इतनी बड़ी तादाद के बाद बैरकों के भीतर शोसल डिस्टेंसिंग का पालन कराना असंभव हो गया है। ऐसे में अगर कोरोना फैला तो हालात संभालने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसे देखते हुए बीते समय जेल प्रशासन की तरफ से जिला प्रशासन और डीआईजी को पत्र लिखा गया था। डीएम कानपुर आलोक तिवारी, डीआईजी प्रीतिंदर सिंह व जेल अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों ने बैठक कर इसपर चर्चा की है।
गुरूवार 18 मार्च को जिलाधिकारी आलोक तिवारी के आदेश पर स्वास्थ विभाग की आठ टीमों ने जेल में बंद कैदियों और स्टाफ के नमूने लिए हैं। स्वास्थ विभाग की टीम ने देर शाम 2500 सैंपल लिए। अन्य कैदियों बंदियों का आज शुक्रवार 19 मार्च को नमूना लिया जाएगा। जेल अधीक्षक आरको जायसवाल ने बताया कि 'जेल में छमता से अधिक बंदी व कैदी हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।'