तेलंगाना में वकील दंपती की दिनदाड़े गोली मारकर हत्या, बार एसोसिएशन और मुख्य न्यायाधीश से पहले ही लगा चुके थे सुरक्षा की गुहार
हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले एक दंपती की आज बुधवार 17 फरवरी को पेद्दापल्ली जिले में अज्ञात व्यक्तियों ने दिनदहाड़े हत्या कर दी। मथानी की एक स्थानीय अदालत में एक मामले में पेश होने के बाद हैदराबाद से कार में लौट रहे गट्टू वामन राव और उनकी पत्नी गट्टू नागमणि मार्गविहीन रामगिरी मंडल में कलवाचेरल के पास पहुंचे ही थे कि वहां पहले से ही घात लगाए अज्ञात लोगों अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
पुलिस ने दंपती को पेद्दापल्ली के एक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल हुए विजुअल राव (53) सड़क पर खून से लथपथ पड़े हैं, जबकि वाहनों को गुजरते हुए देखा जा सकता है। वहीं उनकी पत्नी नागमणि (50) कार में बुरी तरह लहुलुहान पड़ी थीं।
मृतक महिला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें नागमणि (Nagamani) चोटों के बीच उस कार में फंसी दिख रही है, जिसमें यह दंपती सफर कर रहा था।
मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि हमला करने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। पुलिस ने कुछ लोगों को संदेह के आधार पर हिरासत में लिया है।
न्यूज मिनट से हमले के बारे में बात करते हुए नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता चिक्कुडु प्रभाकर ने कहा, "हमले में मारे गये वकील दंपती पिछले कुछ दिनों से उच्च न्यायालय में सरकार की अवैधताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे। वे यह उजागर करने वाले थे कि सत्ताधारी पार्टी के नेता किस तरह से जनता के धन का शोषण करते रहे हैं। राज्य सरकार को इस हत्या की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"
वह आगे कहते हैं, "कुछ दिन पहले उन्होंने बार एसोसिएशन के सामने उन्होंने अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा दिये जाने की मांग भी की थी। इस बारे में मुख्य न्यायाधीश को भी सूचित किया था और सरकार को भी सूचित किया गया। फिर भी अगर वे इस तरीके से मारे गए, तो यह स्पष्ट है कि सत्ताधारी पार्टी के सदस्य हत्या के पीछे हैं।'
हत्या की निंदा करते हुए, तेलंगाना उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ (टीएचसीएए) ने एक बयान जारी कर कहा कि वे अपने सहयोगियों की हत्या की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि दोषियों पर बिना किसी देरी के मुकदमा चलाया जाए। अधिवक्ता बिरादरी को बचाने के लिए 'अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम' बनाने के लिए कदम उठाने और उपाय शुरू करने के लिए यह सही समय है।
इसके अलावा टीएचसीएए की कार्यकारी समिति ने कल गुरुवार 18 फरवरी को तेलंगाना उच्च न्यायालय में हत्या के विरोध में एक आह्वान किया है।