Begin typing your search above and press return to search.
ग्राउंड रिपोर्ट

Corruption in Uttar Pradesh : यूपी के अफसरों को चकबंदी के लिए घूस में चाहिए गरीबों-दलितों की जमीन

Janjwar Desk
16 Jun 2022 7:45 PM IST
x
Corruption in Uttar Pradesh : अगर, गांव के लोग घूस देने से मना करते हैं तो उनकी चकबंदी की फाइल को अनंत समय के लिए लटका दिया जाता है। ऐसे में गांव के रहने वाले दलित और गरीब लोग इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं...

Corruption in Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में बांदा जिले ​के त्रिवेणी गांव के लोगों का दर्द समझने वाला कोई नहीं है। यहां के लोगों की जमीन की चकबंदी के नाम पर अधिकारी उनसे अपने या अपने रिश्तेदारों के नाम पर घूस के रूप में जमीन तक लिखवा ले रहे हैं।

अगर, गांव के लोग घूस देने से मना करते हैं तो उनकी चकबंदी की फाइल को अनंत समय के लिए लटका दिया जाता है। ऐसे में गांव के रहने वाले दलित और गरीब लोग इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।

गांव की महिलाओं का कहना है कि एक तो उनकी पास जमीन नहीं है जो थोड़ी बहुत उबर-खाबर जमीन है उसकी चकबंदी के नाम पर भी अधिकारी घूस मांगते हैं, घूस नहीं देने पर फाइल का काम रोक दिया जाता है।

कुछ लेखपाल और सीओ तो चकबंदी के नाम पर अपने या अपने रिश्तेदारों के नाम पर जमीन तक लिखवा लेते हैं। गांव के लोगों का कहना है लाख दो लाख का लालच देकर उनकी जमीन को उनसे छीना जा रहा है। वे परेशानी में हैं पर उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

आपको बता दें कि ये हाल उस प्रदेश का है जहां मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बताते हैं और सबसे बढ़िया गवर्नेंस का दावा करते हैं, पर बुंदेल खंड के इन गरीबो का सुनने वाला कोई नहीं है। रोजगार के तो दलित गौर गरीब परिवार के लोग पहले ही मारे अब जो उनके पास थोड़ी-बहुत जमीन वह भी उने छल-प्रपंच कर छीनी जा ही है।

(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रू—ब—रू कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं।

हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है।

सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आयें और जनज्वार को आर्थिक सहयोग दें।)

Next Story

विविध