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Gujrat Election 2022: क्या BJP भेद पाएगी चुनावी चक्रव्यूह का सातवां दुर्ग? 2024 लोकसभा के लिए गुजरात पर टिकी देश की निगाहें
Gujrat Election 2022 Phase 2: वोट डालकर AAP के CM प्रत्याशी ने किया बड़ा दावा, कहा- 103 प्लस होंगी सीट
Gujrat Assembly Election 2022: गुजरात के मतदाताओं ने राज्य में होने जा रही 15वीं विधानसभा के साथ 2024 लोकसभा चुनाव का संदेश भी तय कर लिया है। जो आगामी 8 दिसंबर को सबके सामने आ जाएगा। BJP पिछली 6 बार से राज्य की सत्ता पर काबिज है। सातवें चुनाव में पार्टी को कांग्रेस (Congress) के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) की तगड़ी चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सवाल है कि क्या भाजपा राज्य की सत्ता सातवीं बार हासिल कर पाएगी?
मोदी के लिए कितनी आसान होगी 2024 की राह
लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात चुनाव पर देशभर की निगाहें टिकी हैं। जोरदार एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर का सामना कर रही भाजपा की सत्ता में वापसी के लिए नरेंद्र मोदी व अमित शाह ने जबर्दस्त परिश्रम किया है। यहां लोगों की नजर सिर्फ राज्य में जीत हार पर ही नहीं सीट की मार्जिन पर भी लगी है। पहले से जीत का बेहतर प्रदर्शन ही मोदी के लिए 2024 में जीत की राह आसान करेगी।
सत्ता वापसी का कांग्रेस में कितना दम?
पूरे 22 साल बाद कांग्रेस ने पिछले चुनाव सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था। पिछली दफा पाटीदार व दलित आंदोलन के उलट इस बार सत्ता विरोधी लहर अधिक थी। बावजूद इसके राज्य कांग्रेस व प्रत्याशियों को उनके ही हवाले छोड़ दिया गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिर्फ दो सभाएं की और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी गुजरात पहुँची ही नहीं। नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अपने विवादित बयानों से चर्चा बटोरने के अलावा कोई खास योगदान नहीं दे पाए। ऐसी परिस्थिति में कांग्रेस का प्रदर्शन 8 तारीख को गौरेकाबिल रहेगा।
किस करवट बैठेगा AAP का उंट?
गुजरात में तीसरा पक्ष लंबे समय तक कभी सफल साबित नहीं हो पाया है। AAP ने यहां पूरे दम-खम से चुनाव लड़ा है। पार्टी ने शहर से गांव तक अपनी पहुँच बनाई है। ऐसी स्थिति में आप को मिलने वाला वोट और उसका शेयर का इंतजार देश कर रहा है। दिल्ली और पंजाब के बाद AAP गुजरात में भी अप्रत्याशित नतीजे की उम्मीद कर रही है।
मुस्लिम वोटों पर बड़ा सवाल?
राज्य (Gujrat Assembly Election 2022) में तकरीबन 10 फीसद आबादी मुस्लिमों की है। ये लोग जीत-हार तय करने की स्थिति में हैं। ये लोग लंबे समय तक कांग्रेस को वोट देते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के हाथ किसी मुस्लिम कैंडिडेट को उतारने में तंग रहे हैं। इस चुनाव कांग्रेस ने 6 तो आप ने दो मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। AIMIM ने एक दर्जन मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
बताते चलें कि इस चुनाव मुस्लिम वोटरों का झुकाव AIMIM के साथ आप की तरफ भी बनता नजर आया है। हालांकि, सबकुछ साफ तो चुनाव नतीजों के बाद ही किया जा सकेगा, मुस्लिम वोटर आखिर किसकी तरफ से पॉलिटिक्स का संकेत दे रहा है?