Varanasi News : वाराणसी के मेंटल हॉस्पिटल में 7 दिन में 5 रहस्यपूर्ण मौतें, किसी बड़ी साजिश से नहीं किया जा सकता इनकार
Varanasi News : वाराणसी के मेंटल हॉस्पिटल में 7 दिन में 5 रहस्यपूर्ण मौतें, किसी बड़ी साजिश से नहीं किया जा सकता इनकार
उपेंद्र प्रताप की रिपोर्ट
Varanasi News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में सप्ताह भर के अंदर पांचवीं मौत से हड़कंप मचा हुआ है। अटेंडेंट दुर्गा प्रसाद को सस्पेंड कर दिया गया है। एक हफ्ते में अस्पताल में हुई एक के बाद एक पांचवी मौत से प्रशासन के सकते आ गया है। मामले की गंभीरता को समझते हुए डीएम कौशल राज शर्मा ने बुधवार को मानसिक अस्पताल में पहुंचकर जांच कमेटी गठित की है। एक घंटे तक टीम ने व्यवस्थाओं को परखा और कर्मचारियों के बयान लिए। मरीजों के परिजनों से भी बात की। टीम को हर कदम पर अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा।
इसके पहले एडीएम प्रोटोकॉल और सीएमओ वाली समिति देर शाम मानसिक चिकित्सालय पहुंची थी। टीम ने कहा कि अस्पताल का जायजा लेने के बाद प्रथम दृष्टया अव्यवस्थाएं मिली हैं। जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपेंगे। टीम का मानना है कि अस्पताल में मानवाधिकारों का पालन ठीक तरह से नहीं हो रहा है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। टीम ने हर वार्ड का निरीक्षण किया। एक अधिकारी के लंबे अरसे से तैनात होने के संबंध में भी रिपोर्ट तैयार की गई है।
मानसिक अस्पताल वाराणसी में मंगलवार देर रात अस्पताल में भर्ती एक महिला की मौत हो गई। अस्पताल निदेशक डॉ. लिली श्रीवास्तव के अनुसार महिला एकदम ठीक थी। अचानक देर रात तबीयत खराब हुई तो चिकित्सकों ने इलाज किया और दवा दिया। लेकिन उसकी हालत खराब होती चली गई। चिकित्सकों ने बचाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन उसे बचा नहीं सके। अस्पताल में हुई पांचवी मौत के बाद परिसर में चिकित्सकों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। इससे पहले मंगलवार सुबह सारनाथ निवासी श्रेया (34) की इलाज के दौरान मौत हो गई। सूचना मिलने पर परिजनों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत कराया। अस्पताल में हुई पांचवी मौत के बाद परिसर में चिकित्सकों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
अस्पताल कर्मी करते हैं मनमानी
मंगलवार सुबह श्रेया की मौत के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य अधीक्षक लिली श्रीवास्तव सहित इलाज करने वाले डॉक्टरों पर अपना गुस्सा निकाला और जमकर हंगामा किया। सूचना पर कैंट थाने के अर्दली बाजार चौकी इंचार्ज तरुण कश्यप पहुंचे और मामले को शांत कराया। बता दें कि हाल ही में बांदा जिले का कैदी हरिशंकर फरार हो गया था तो उसी के बाद एक अस्पताल कर्मी द्वारा बांदा के ही दूसरे कैदी की जमकर पिटाई कर दी गई थी।
बांदा से आए कैदी की हुई थी मौत
पिछले दिनों बांदा से आए कैदी राहुल (26) की मौत हो गई थी। एक ही दिन बाद बस्ती जिले के प्राइवेट मरीज दिलीप मिश्रा (34) की मौत हो गई। वहीं, आजमगढ़ के आए एक अज्ञात की भी मौत हो गई। एक हफ्ते के अंदर 4 मौत से अस्पताल की व्यवस्था पर प्रश्नवाचक चिन्ह लगा है। मानसिक चिकित्सालय में लगातार हो रही घटनाओं को देख स्वास्थ्य अधीक्षक डॉ. लिली श्रीवास्तव ने अटेंडेंट दुर्गा प्रसाद को सस्पेंड कर दिया है। कर्मचारी के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बाकायदा नोटिस भी लगाया गया है। हालांकि, कर्मी को गेट पर सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ड्यूटी करने को कहा गया है। ताकि वह अपना हाजिरी बना सके। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि मानसिक चिकित्सालय की व्यवस्थाओं तथा इलाज की गुणवत्ता की जांच के लिए एडीएम प्रोटोकॉल और सीएमओ की जांच समिति गठित की गई है। टीम अस्पताल जाकर सभी बिंदुओं पर जांच करेगी। कोई अनियमितता है तो स्पष्ट करेगी।
वाराणसी के पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में भर्ती मनोरोगियों की मौत का सिलसिला जारी है। बुधवार की सुबह एक और महिला मरीज की मौत हो गई। इस तरह से बीते एक हफ्ते में पांच मरीजों की जान जा चुकी है। इसके अलावा एक बंदी यहां की सुरक्षा व्यवस्था को धता देकर भाग चुका है। साथ ही, एक बंदी कर्मचारियों की पिटाई से गंभीर रूप से घायल हो चुका है। यह घटनाएं इतना बताने के लिए पर्याप्त हैं कि वाराणसी का मानसिक चिकित्सालय दुर्व्यवस्थाओं का शिकार है और यहां के कर्मचारियों की कार्यशैली गंभीर सवालों के घेरे में है।
डॉक्टर नहीं थे तब हुई मौत
मानसिक चिकित्सालय में भर्ती महिला कहां की रहने वाली थी और उसका क्या नाम था, इस संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। बताया जा रहा है कि महिला को वाराणसी के सीजेएम के आदेश से भर्ती किया गया था। मंगलवार की रात महिला की तबीयत खराब हुई तो अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं मौजूद था और उसे किसी अन्य अस्पताल के लिए भी रेफर नहीं किया गया। उचित उपचार के अभाव में महिला की मौत हो गई। मानसिक चिकित्सालय में भर्ती सारनाथ क्षेत्र की श्रेया (34) की मंगलवार को मौत हो गई थी। श्रेया की मौत की सूचना मिलने पर उसके परिजनों ने मानसिक अस्पताल की निदेशक डॉ. लिली श्रीवास्तव और इलाज करने वाले डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया था। इसके कुछ देरी बाद आजमगढ़ से आए एक अन्य मरीज की मौत हो गई थी। उसकी उम्र लगभग 50 वर्ष थी। मानसिक स्थिति सही न होने के कारण वह अपना नाम और पता नहीं बता पाया था। उसे आजमगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश से भर्ती कराया गया था। मानसिक चिकित्सालय में भर्ती बांदा जिले का कैदी हरिशंकर बीती 8 जून को सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर भाग गया था। इसके बाद अस्पताल कर्मियों द्वारा एक बंदी की पिटाई की गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। 9 जून को बांदा से आए हुए बंदी राहुल उपाध्याय की मौत हो गई थी। इसके एक ही दिन बाद बस्ती जिले के प्राइवेट मरीज दिलीप मिश्रा की मौत हो गई थी।
साजिश से नहीं किया जा सकता इनकार
वाराणसी के पत्रकार राजीव सिंह कहते हैं कि 'अब सवाल यह उठ रहा है कि मानसिक अस्पताल वाराणसी में सालों से जमे स्टाफ और अधिकारियों की मनमानियों की खबरें आम बात रही हैं। अस्पताल में मरीजों की बेहतर देखभाल दवा और उनके साथ मानवीय व्यवहार भी हाशिए पर चला गया है। थोड़ी सी लापरवाही मरीजों को तरह-तरह की यातनाएं भी दी जाती है। इसी का नतीजा है कि हाल के दिनों में इलाज को आए पेशेंट की जान जा रही है। फिलहाल जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लिया है। अब मानसिक अस्पताल में हुई मौतों के कारणों की जांच की जाएगी। लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि मानसिक चिकित्सालय भेजे गए मरीजों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, जो बहुत चिंताजनक और निंदनीय है। हाल में हुई मौतों के आंकड़ों को देखें तो किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। अस्पताल के सभी लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए।'