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जंगलराज : राम मंदिर के नाम पर तिलकधारी कॉलेज के शिक्षकों-कर्मचारियों का जबरन काटा गया वेतन, VC बोले आरोप निराधार
मनीष दुबे की रिपोर्ट
जनज्वार। अयोध्या में राम मंदिर का नक्शा पास हो चुका है। भले ही अभी तक मंदिर के नाम पर एक भी ईंट ना लगी हो, लेकिन करोड़ों का चंदा जमा हो चुका है। इतर इसके कुछ लोग अलग तरह से दान लेकर दे रहे हैं। बीते दिनों 'जनज्वार' ने मेरठ की एक खबर छापी थी, जिसमें एक स्थानीय नेता अयोध्या राम मंदिर के नाम पर रसीदें काट रहा था। बाद में बजरंग दल की आपत्ति पर मुकदमा और गिरप्तारी हुई थी। प्रदेश में मंदिर स्वीकृति के बाद यह पहला मामला देखने में आया था।
अब इसी तरह का एक दूसरा मामला जौनपुर से आ रहा है, जिसपर विरोध के स्वर उठ रहे हैं। यहां जिस तरह से रूपया काटा जा रहा है वह अपने आप में मेरठ से भी भिन्न है। यहां के एक डिग्री कॉलेज में कर्मचारियों के खातों से हजारों रुपये काटे जाने की बात सामने आ रही है। सबसे बड़ी बात यह कि कॉलेज मैनेटमेंट के अकाउंट से पैसे रविवार को उड़ गए, जिसके बाद एक शिक्षक ने बैंक के प्रबंधक पर बिना अनुमति उसके खाते से रुपये काट लेने का आरोप लगाया है।
दरअसल पूर्वांचल विश्वविधालय से संबंधित कॉलेज तिलकधारी सिंह पीजी कॉलेज के बाबुओं, प्रोफेसरों सहित अन्य कर्मचारियों के खातों से ढाई-ढाई हजार रूपये कॉलेज प्रबंधन ने काट लिए। रुपये काटने की बाबत जब पता किया गया तो जानकारी दी गई की यह पैसा अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा देने के लिए काटे जा रहे हैं, जिसपर कई कर्मचारियों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है तो कुछ ने बिना पूछे बताए ही रूपये काटे जाने की बात कही है।
'जनज्वार' ने जब इस विषय पर कॉलेज के प्रोफेसरों व अन्य स्टॉफ से बात की तो परत दर परत कई बातें खुलकर सामने आईं। तिलकधारी पीजी कॉलेज के प्रोफेसर प्रशांत कुमार त्रिपाठी ने 'जनज्वार ' से हुई बातचीत में कहा, स्कूल प्रबंधन ने बिना पूछे बताए उनके खाते से ढ़ाई हजार रूपये काट लिए। जब इस विषय में हमने बैंक मैनेजर नितिन कुमार से बाकत की तो उनने बताया कि यह पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए काटा जा रहा है। प्रशांत आगे कहते हैं कि यह तो सरासर अन्याय है, हर बात में आपकी अपनी मर्जी चलेगी क्या।'
असिस्टेंट प्रोफेसर हरिबक्श कहते हैं, 'कॉलेज प्रबंधन ने कम से कम बताया तो होता। बताया भी नहीं, पूछा भी नहीं, सभी के खाते से पैसे काट लिए गए।' जनज्वार को इस बारे में कुछ ऐसे भी इनपुट मिले थे कि कर्मचारियों से उनके ग्रेड के मुताबिक रुपये काटे जा रहे हैं, जिसपर हरिबक्श ने हमें बताया कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है कॉलेज में प्रोफेसर हो, एसोसिएट प्रोफेसर हो अथवा पिओन सभी के खातों से एक ही मद में यानी ढ़ाई-ढ़ाई हजार रूपये ही काटे जा रहे हैं, जो कि बिल्कुल गलत हो रहा है।
जबकि इसी मामले में शिक्षक सत्य प्रकाश सिंह ने यह कहते हुए राम मंदिर के नाम पर रुपये काटे जाने की बात पर मुहर लगाई है कि हां, कॉलेज स्टाफ के एकाउंट से पैसे काटे तो जा रहे हैं लेकिन इस बात पर हम सबकी एक मीटिंग हुई थी जिसमें सर्वसम्मति से राम मंदिर निर्माण के लिए अपनी तनख्वाह से रुपये काटे जाने की सहमति हुई थी। हो सकता है कोई शिक्षक उस मीटिंग में ना आ पाया हो, जिसके चलते उसे बात पता न रही हो। जब हमने उनसे कहा कि जनाब शिक्षक एक नहीं आया या कई नहीं आए, जबकि विरोध के स्वर तो अधिकता की संख्या में हैं, जिसके बाद सत्य प्रकाश ने नौकरी बचाने अथवा नौकरी में बने रहने की गर्ज से हमसे कुछ नहीं कहा।
सहमति भले ही बनी हो अथवा नहीं, पर इस बात की पक्की पुष्टि हमें मिल चुकी थी कि तिलकधारी पीजी कॉलेज का प्रबंधन अपने स्टॉफ की सैलरी से ढाई हजार रुपये राम मंदिर निर्माण के लिए काट रहा है। इस कॉलेज के स्टॉफ में लगभग चार लोग जो कर्मचारी हैं, मुस्लिम समुदाय के बताये जा रहे हैं, इनके एकाउंट से भी पैसे कटे हैं। इनमें से एक महिला साजिया परवीन है। साजिया की तैनाती नई है। साजिया के अलावा शकील अब आजमगढ़ उर्दू विभाग में ट्रांसफर हो चुके हैं, इनके अलावा दो स्टॉफ अन्य हैं जो मुस्लिम हैं।
इस बात को जानने के लिए कि कहीं शासन स्तर से राम मंदिर निर्माण के लिए कॉलेज कर्मचारियों के तनख्वाह में से पैसा काटने का कोई आदेश तो नहीं आया है, जनज्वार संवाददाता ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, वाराणसी एवं आजमगढ़ मण्डल ज्ञान प्रकाश वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि इस तरह का कोई आदेश हमारे किसी भी विभाग से निर्गत नहीं किया गया है। हमारे यहाँ से सभी शिक्षकों के खाते में एक साथ रुपये भेज दिए जाते हैं अब ये उन शिक्षकों की मर्जी है कि खाते से निकालकर किस मद में खर्च करें। उनकी इस बात पर हमने उन्हें बताया कि शिक्षकों को बिना बताये ही राम मंदिर के नाम पर रुपया काट लिया जा रहा है, जिसकी पुष्टि बैंक मैनेजर तक ने कर दी है। हमारी बात को सुनने के बाद ज्ञान प्रकाश ने कहा कि यह सब कॉलेज प्रबंधन की बदमाशी और मिलीभगत है।
आज सोमवार 7 सितंबर के दिन स्कूल से दर्जनों की संख्या में शिक्षक संबंधित एसबीआई के मैनेजर से मिले, जिसके वीडियो भी जनज्वार के पास उपलब्ध है। वीडियो में बैंक मैनेजर नितिन कुमार साफ बोल रहे हैं कि खातों से रुपये काटे गए हैं। बैंक मैनेजर ने यह भी कबूला कि उक्त काटे गए रुपये राम मंदिर निर्माण के चंदे के लिए काटे गए हैं। इसके बाद बैंक का मैनेजर कहते हैं कि जिस किसी को भी आपत्ति होगी उसके रुपये शाम तक उसके खाते में वापस लौटा दिए जाएंगे। इससे पहले मैनेजर का कहना था कि उन्हें कॉलेज प्रबंधन की तरफ से राम मंदिर निर्माण के लिए खाते से रुपये काटने का लिखित प्रस्ताव पत्र मिला था, जिसमें प्रबंधक व प्रिंसिपल तथा अकाउंटेंट के साईन हैं।
इस संबंध में हमने जब कॉलेज की वीसी का पक्ष जानने के लिए उन्हे फोन लगाया तो उनका फोन नहीं उठा और ना ही उनके पीए का फोन ही उठा। लेकिन इससे पहले वीसी ने मीडिया में जारी अपने बयान में कहा था कि मीडिया पर ढाई हजार रुपये श्रीराम जन्मभूमि दान के नाम पर काटने की खबर चला रहे हैं।
इस पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर ने गहरी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा था कि यह खबर पूर्ण रूप से निराधार और सत्य से परे है। ऐसा लगता है कि इस साज़िश में विश्वविद्यालय परिसर के कुछ लोग भी शामिल हो सकते हैं, जो कि दुखद है। अगस्त माह का वेतन सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के खाते में जा चुका है, उसकी पे-स्लिप भी उन्हें मिल चुकी है जिसमें कोई कटौती नहीं की गई। इसके बावजूद इस तरह की खबर चलाकर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साथ-साथ श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट की भी छवि ख़राब की जा रही है। उन्होंने जिला प्रशासन से ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
वीसी के इस बयान के बाद जनज्वार को मिले हालिया इनपुट्स यह आ रहे हैं कि तमाम बातें उठने के बाद अब कॉलेज प्रबंधन अपने स्टॉफ पर दबाव बना रहा है कि उन्हे अपने वेतन से राम मंदिर निर्माण के लिए रुपये कटवाने हैं। पहले बगैर रजामंदी के खाते से रुपये काटने के बाद अब रजामंदी के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
इस बात की तस्दीक के लिए हमने जौनपुर एसबीआई के बैंक मेनेजर नितिन कुमार से फोन पर बात भी की। मैनेजर का कहना था कि जो भी कर्मचारी रुपये नहीं देना चाहता वो हमें एक अप्लिकेशन दे दे, हम रुपये उसके खाते में वापस कर देंगे। वहीं कॉलेज स्टॉफ का स्टॉफ इस बात पर अड़ा है कि जब पैसे काटते वक्त हमसे पूछा बताया नहीं गया तो अब लिखकर हम क्यों दें कि हमारे खातों से पैसे न काटे जायें।
राम मंदिर निर्माण के नाम पर वेतन कटौती किये जाने पर शिक्षक नेता प्रोफेसर राजेश चंद्र मिश्रा कहते हैं, क्या यह राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम धारा 60 ख (2) का उल्लंघन नहीं है? उन्होने बताया उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा 60 ख (2) के अनुसार वेतन को इस अधिनियम, क़ानूनों या अध्यादेश या किसी अन्य कानून द्वारा प्राधिकृत लोगों को छोड़कर किसी भी प्रकार की कटौती के बिना वेतन का भुगतान किया जाएगा।