खिरियाबाग की महिलाओं से दूर भागते आंदोलनकारियों को धमकाने और गाली देने वाले भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ
आजमगढ़ भाजपा सांसद निरहुआ हेट स्पीच file photo
Azamgarh news : किसान नेता राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ सदर सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ से पत्रकारों द्वारा महंगाई का सवाल पूछे जाने पर यह कहना कि हिंदुस्तान से बाहर जाना चाहिए पत्रकार की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है। पत्रकारों को अब निरहुआ की शिक्षा की जरूरत नहीं हैं निरहुआ को शूटिंग और सेटिंग से फुर्सत हो तो वह आम आदमी का दर्द जानें। निरहुआ ने इससे पहले भी आजमगढ़ के लोगों को मनबढ़ बोलते हुए ऊपर पहुंचाने, घुटना तोड़ देने और जेल में डालने का धमकी भरा बयान दिया था। निरहुआ भूल जाते हैं आजमगढ़ उनका संसदीय क्षेत्र है कोई फिल्म स्टूडियो नहीं है। उन्हें हीरोबाजी, डॉयलागबाजी न कर गंभीरता से रहने की जरूरत है।
राजीव यादव ने कहा कि किसान मजदूर कप्तानगंज में आ रहे सांसद दिनेश लाल यादव, निरहुआ से मिलने के लिए गए, वहां भाजपा नेताओं और पुलिस ने मिलने से रोककर अन्नदाता का अपमान किया। जिस तरह वहां माताएं बहनें गईं थीं और निरहुआ ने मुलाकात नहीं की, उससे साफ है कि खिरिया बाग में जिन मांगों के साथ चार महीने से धरना चल रहा है उसका भाजपा सांसद के पास कोई जवाब नहीं है।
गौरतलब है कि भाजपा सांसद दिनेश यादव निरहुआ पर आरोप है कि उन्होंने आज़मगढ़ में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों को मनबढ़ कहा था। इसके अलावा उन्होंने आंदोलनकारियों को ऊपर पहुंचाने, जेल में डालने और घुटने को घायल करने वाला बयान दिया था और कहा था कि एयरपोर्ट का विरोध करने वाले लोग जमीन हड़पने चाहते हैं।
आगे राजीव यादव ने कहा कि दिनेश लाल यादव निरहुआ कह रहे हैं कि वह महाराज जी से मिले तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को आगे नहीं बढ़ाने और रोकने की बात कही है। ऐसे में सवाल है कि मुख्यमंत्री योगी अगर किसानों मजदूरों की मांग मान लिए हैं, तो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट न बनाने का शासनादेश भी दिया होगा, क्योंकि सरकार मौखिक तौर पर नहीं चलती। ऐसे में निरहुआ आजमगढ़ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर हवाई पट्टी विस्तारीकरण परियोजना को रद्द करने का शासनादेश सार्वजनिक करें। अगर शासनादेश नहीं है तो झूठ बोलने का कारोबार आजमगढ़ में बंद करें।
आजमगढ़ के लोग पढ़े-लिखे समझदार लोग हैं और इस तरह के झूठे बयान में आने वाले नहीं हैं। जब तक लिखित रूप में यह नहीं दिया जाता है कि आजमगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम पर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण की जो योजना है, उसे रद्द नहीं किया जाता तब तक माताएं बहनें किसान मजदूर में संघर्ष करते रहेंगे।
निरहुआ को शर्म आनी चाहिए जो उन्होंने बोला कि किसान राजनीति के शिकार हैं। 23 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं और भाजपा सांसद को यह विरोध राजनीतिक दिख रहा है। चार महीने से धरना चल रहा है और निरहुआ एक भी दिन किसानों मजदूरों से मिलने खिरिया बाग नहीं आए। निरहुआ जो कह रहे हैं कि एयरपोर्ट सरकार चाहेगी बनाएगी, नहीं बनाएगी उन्हें जानना चाहिए की यह देश किसी पार्टी का नहीं है यह देश जनता का है और जनता तय करेगी उसको एयरपोर्ट की जरूरत है कि नहीं है। निरहुआ और भाजपा सरकार को यह समझना लेना चाहिए की किसान और मजदूर इस देश को बनाता है और वह तय करेगा देश का भविष्य।
निरहुआ इस बात का उत्तर दें कि आगामी 13 तारीख से चलने वाले सत्र में क्या वह चार महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे किसानों मजदूरों की आवाज सदन में उठाएंगे।