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आजीविका

चमोली त्रासदी : मजदूर बेटे की लाश की पहचान के लिये DNA सैंपल देने के बाद सदमे में चली गयी मां की जान

Janjwar Desk
21 Feb 2021 4:47 PM GMT
चमोली त्रासदी : मजदूर बेटे की लाश की पहचान के लिये DNA सैंपल देने के बाद सदमे में चली गयी मां की जान
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यह तस्वीर लखीमपुर खीरी के उन परिवारों की है, जिनके अपने चमोली हादसे में या तो मर चुके हैं या अभी तक कोई खोज खबर नहीं मिल पायी है (file photo)

छोटी नाम की महिला की मौत ऐसे वक्त में हुयी, जबकि उसका एक बेटा चमोली हादसे में गायब है और दूसरा बेटा भाई की तलाश में वहां कई दिनों से है, कि उसका कहीं से कुछ पता चल पाये, फिर वो लाश ही क्यों न हो...

जनज्वार, लखीमपुर खीरी। उत्तराखंड के चमोली में मची तबाही के 2 हफ्ते से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है, मगर अभी तक लगभग 150 लोगों के शव नहीं मिल पाये हैं। परिजनों को अब अपनों के जिंदा नहीं बल्कि लाशों का इंतजार है, ताकि वो उनका अंतिम संस्कार कर पायें। हालांकि जो लाशें निकाली गयी हैं, उनमें से भी दर्जनों की पहचान नहीं हो पायी है। अब लाशों की पहचान करने के लिए डीएनए टेस्ट किया जा रहा है।

चमोली में मची भारी तबाही में यूपी के भी दर्जनों मजदूर शामिल हैं। यहां के लखीमपुर खीरी के भैरमपुर गांव से भी एक मजदूर लापता है। उसकी भी जिंदा या मुर्दा अब तक खबर नहीं मिल पायी है। लाश की पहचान के लिए अब प्रशासन ने गायब हुए मजदूरों के मां-बाप का डीएनए लेना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में भैरमपुर से गायब हुए विनोद की मां का भी सैंपल लिया जाना था, ताकि किसी लाश से सैंपल मिले तो उन्हें शव सौंपा जा सके।

परिजनों का कहना है कि बेटे की लाश की कल्पना मात्र से ही मां को सदमा लग गाया और आज रविवार 21 फरवरी को उनकी मौत् हो गयी। जानकारी के मुताबिक विनोद तपोवन में काम करने गया था और 7 फरवरी को वहां आए सैलाब के बाद से वह लापता है। 14 दिन बाद भी विनोद का अता-पता नहीं चल पा रहा है। तमाम मजदूरों के लापता होने या मौत की खबर पाकर विनोद का बड़ा भाई सुरेश भी उसका पता लगाने तपोवन गया था और वह अभी तक वहीं है, मगर जिंदा या मुर्दा किसी भी हालत में विनोद का पता न चल पाने पर मां का डीएनए करवाया जाना था।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा तपोवन में लापता मजदूरों की तलाश और वहां बन रही सुरंग में भरे मलबे की खुदाई के दौरान मिल रहे क्षत-विक्षत लाशों तथा अंगों की पहचान के लिए सभी लापता और मर चुके मजदूरों के परिजनों का डीएनए टेस्ट के जरिए शिनाख्त कराने का फैसला लिया गया है। मजदूर विनोद के भी गायब होने के बाद शनिवार 20 फरवरी को एसडीएम ओमप्रकाश गुप्ता जिला अस्पताल व सीएचसी निघासन के डॉक्टरों की टीम के साथ उसके घर गये थे, ताकि उसकी मां का डीएनए सैंपल लिया जा सके।

मीडिया में आयी जानकारी के मुताबिक निघासन तहसील के सभी गांवों से लापता मजदूरों के परिजनों को तहसील में ही बुलाकर डीएनए सैंपल लिये जा रहे हैं। विनोद की मां 46 वर्षीय छोटी का भी सैंपल कल शनिवार 20 फरवरी को लिया गया था। डीएनए सैंपल देने के बाद छोटी गुमसुम हो गयी और आज 21 फरवरी की सुबह उसकी मौत हो गयी। परिजनों के मुताबिक विनोद के गम में छोटी की जान चली गयी है। हालांकि इस मामले में एसडीएम निघासन ओपी गुप्ता कहते हैं कि लापता युवक के परिवार की महिला की मौत की सूचना मिली है और वह बीमार बताई जा रही है।

छोटी नाम की महिला की मौत ऐसे वक्त में हुयी, जबकि उसका एक बेटा चमोली हादसे में गायब है और दूसरा बेटा उसकी तलाश में वहां है, कि उसका कहीं से कुछ पता चल पाये, फिर वो लाश ही क्यों न हो।

जानकारी के मुताबिक भैरमपुर गांव के मन्नू गौतम की करीब चार साल पहले मौत हो चुकी है और उसकी विधवा पत्नी 46 वर्षीय छोटी अपने दो बेटों सुरेश और विनोद के साथ किसी तरह गुजर-बसर कर रही थी। जमीन का एक भी टुकड़ा न होने के कारण परिवार मजदूरी से ही जीवन-यापन करता था।

छोटी के बड़े बेटे की कुछ समय पहले शादी हुई थी और वह वहीं गांव के आसपास मजदूरी करता था, जबकि छोटा बेटा 20 साल का विनोद तपोवन में एनटीपीसी के हाइड्रो प्रोजेक्ट पर काम करने गया था।

छोटी के पड़ोसी कहते हैं डीएनए सैंपल देने के बाद से महिला यह सोच-सोचकर सदमे में थी कि अब उसके बेटे का जीवित मिलना असंभव है। पति की मौत से ठीक से उबर भी नहीं पायी छोटी के लिए अपने जवान बेटे की मौत कल्पना भी भारी हो रही थी और इसी सदमे ने उसकी जान ले ली। डीएनए सैंपल देने के बाद 19 फरवरी शनिवार के शाम करीब सात बजे से उसके सीने में तेज दर्द होने लगा। घर में मौजूद बड़े बेटे सुरेश की पत्नी काजल ने आसपास के लोगों को बुलाया, मगर तब तक छोटी की मौत हो चुकी थी।

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