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खुटानी पॉवर प्रोजेक्ट की टनल का मलबा कर रहा पिथौरागढ़ में दलितों की जमीन बर्बाद, भीम आर्मी ने महीनेभर की मोहलत के बाद किया आर-पार की लड़ाई का ऐलान

Janjwar Desk
31 Aug 2022 1:10 PM GMT
खुटानी पॉवर प्रोजेक्ट की टनल का मलबा कर रहा पिथौरागढ़ में दलितों की जमीन बर्बाद, भीम आर्मी ने महीनेभर की मोहलत के बाद किया आर-पार की लड़ाई का ऐलान
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खुटानी पॉवर प्रोजेक्ट की टनल का मलबा कर रहा पिथौरागढ़ में दलितों की जमीन बर्बाद, भीम आर्मी ने महीनेभर की मोहलत के बाद किया आर-पार की लड़ाई का ऐलान

Khutani Power project Pithoragarh : अनुसूचित जाति के लोगों को उनकी भूमि से बेदखल किया जा रहा है। उनकी भूमि हड़पी जा रही है, निर्माणधीन टनल के मलवे से अनुसूचित जाति के भूमिधरों के खेत और खेती बर्बाद की जा रही है, उनके मकानों के नीचे से बन रहे टनल के लिए किए जा रहे विस्फोटों से उनके मकानों में दरारें आने लग गयी है, टनल का काम पूरा होने तक मकान ध्वस्त हो सकते हैं...

Khutani Power project Pithoragarh : जिले की सरयू नदी के किनारे पर खुटानी पावर कम्पनी प्रा. लि. द्वारा पिथौरागढ़ जिले की तहसील गणाई के ग्राम सिरसोली पट्टी बनकोट में बन रहा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट इलाके के अनुसूचित जाति के ग्रामीणों की कृषि भूमि को जबरन हड़पने और उनको उनकी पुश्तैनी भूमि एवम भवनों (मकानों) से बेदखल करने के इल्जामों से चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है। इलाके के अनुसूचित जाति के लोगों की आवाज को मुखर स्वर देते हुए भीम आर्मी ने अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। इस प्रोजेक्ट में तमाम धांधलियों की शिकायत की जा रही है और हर धांधली अनुसूचित जाति के लोगों को ही भारी पड़ रही है। गौर करने वाली बात यह भी है कि जिस जमीन पर सुरंग का मलवा डाला जा रहा है, उसको अधिग्रहित करने में भी अनियमितताओं का आरोप लग रहा है।

मामले के विस्तार में जाते हुए बता दें कि सरयू नदी के किनारे पर खुटानी पावर कम्पनी प्रा. लि. द्वारा पिथौरागढ़ जिले की तहसील गणाई के ग्राम सिरसोली पट्टी बनकोट में बन रहे इस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की सुरंग का मलवा डालने के लिए डंपिंग जोन के लिए जमीन ली जानी थी। शासन के अपर सचिव हरबंस सिंह चुघ ने साल 2017 की 4 मई को पिथौरागढ़ के तत्कालीन जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में जमीन लिए जाने के लिए कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी थी।

इन शर्तों में तमाम शर्तों के अलावा जिन उल्लेखनीय बातों को कहा गया था उनमें कहा गया था कि जिस भूमि का संक्रमण प्रस्तावित है, उसके भूस्वामी अनुसूचित जनजाति के न हो और अनुसूचित जाति के भूमिधर होने की स्थिति में भूमि खरीदने से पूर्व सम्बन्धित जिलाधिकारी से नियमानुसार अनुमति प्राप्त की जाएगी, प्रोजेक्ट द्वारा भूमि खरीद की प्रक्रिया के बाद भूमि का धारा-143 के तहत भू उपयोग परिवर्तन कराना जरूरी होगा, आवेदक द्वारा स्थापित किये जाने वाले उद्यम में उत्तराखण्ड मूल के बेरोजगारों को न्यूनतम 70 प्रतिशत से अधिक का नियमित रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा, जिलाधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि भूमि खरीद में किसी राजस्व विधि/नियमों का उल्लंघन तो हो बल्कि प्रस्तावित भूमि भारमुक्त/बन्धक मुक्त होने एवं विवाद रहित होने पर ही क्रय की जाए, किसी भी दशा में प्रस्तावित क्रेताओं को प्रस्तावित भूमि के अतिरिक्त अन्य भूमि के उपयोग की अनुमति नहीं होगी।

भूमि क्रय के तत्काल बाद उसका सीमांकन किया जाए, जिससे वहां किसी का कब्जा न हो सके, जिलाधिकारी द्वारा प्रस्तावित भूमि के मध्य व किनारे चेक रोड, नाला तथा राज्य सरकार की अवशेष भूमि आदि होने अथवा न होने की स्पष्ट सूचना/विवरण शासन को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायी जायेगी। इतनी शर्तें जिस भूमि खरीदने के लिए शासन की ओर से लगाई गई, उसी भूमि खरीद के बाद इन शर्तों की अवहेलना शुरू हो गई। आरोप है कि अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनों को बिना मुआवजा दिए ही प्रोजेक्ट के लिए लिया गया है। प्रोजेक्ट के लिए बनने वाली सुरंग का मलवा जिस स्थान पर डाला जा रहा है, उसके पास कई अनुसूचित जाति के लोगों की कृषि जमीन भी खराब हो रही है।

ग्रामीणों की तमाम शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई न होने पर अब भीम आर्मी व भारत एकता मिशन कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोलते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजकर एक महीने में समस्याओं का समाधान न होने पर व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है। ग्रामीणों के साथ कार्यकर्ताओं के काफिले के साथ डीएम पिथौरागढ़ के कार्यालय पर पहुंचे भीम आर्मी व भारत एकता मिशन कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा है कि खुटानी पावर कम्पनी द्वारा निर्माणाधीन हाइड्रो प्रोजेक्ट के अंतर्गत सड़क प्रोजेक्ट निर्माण एवं मक डंपिंग के कार्य में आने वाली समस्त भूमि का 70 प्रतिशत हिस्सा सिरसोली गाँव के अनुसूचित जाति भूमिधरों से आता है। राजस्व गाँव सिरसोली दुनई और भानमती में पड़ने वाले हाइड्रो प्रोजेक्ट बनने से सर्वाधिक पीड़ित एवम प्रभावित ग्राम सिरसोली के ही अनुसूचित जाति के स्थायी निवासी एवम पुश्तैनी भूमिधर है। कम्पनी द्वारा नियम-कानून के विरुद्ध जन विरुद्ध पर्यावरण विरुद्ध तथा प्रदूषण नियंत्रण के मानक विरुद्ध कार्य किये जा रहे कार्यो से सिरसोली ग्राम पंचायत के अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आजीविका और अस्तित्व का खतरा पैदा हो गया है।

अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को उनकी भूमि से बेदखल किया जा रहा है। उनकी भूमि हड़पी जा रही है, निर्माणधीन टनल के मलवे से अनुसूचित जाति के भूमिधरों के खेत और खेती बर्बाद की जा रही है। उनके मकानों के नीचे से बन रहे टनल के लिए किए जा रहे विस्फोटों से उनके मकानों में दरारें आने लग गयी है। टनल का काम पूरा होने तक मकान ध्वस्त हो सकते हैं।

इस मामले में भीम आर्मी ने मांग की है कि खुटानी पावर कम्पनी के द्वारा सिरसोली ग्राम के अनुसूचित जाति के लोगों की भूमि को जबरन कब्जे को रोका जाए। बिना सहमति के पीडब्लूडी ने बनकोट-बटगेरी रोड से भानमती तक पहुँच एप्रोच सड़क बना दी है जो डीपीआर में स्वीकृत नवशे से अलग है। कम्पनी जिस रास्ते से नियम विरुद्ध नदी में मलवा डाल रही है उसमें सिरसोली के अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि ही बर्बाद हो रही है। बर्बाद हो रहे खेत स्वीकृत मक डंपिंग क्षेत्र में नही है। इस पर रोक लगाई जाए। अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि को खरीदने हेतु जिलाधिकारी से कोई भी अनुमति या अनुमोदन प्राप्त नही किया गया है। शासनादेश में उल्लेखित राजस्व ग्राम भानमती के खाता संख्या 05 के अनुसूचित जाति के खातेदारों बचीराम पुत्र प्रेम राम आदि की भूमि को खरीद में दर्शाया ही नहीं गया अर्थात अनुसूचित जाति के खातेदारों को खाते की भूमि से ही बेदखल कर दिया गया है।

इस प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही व पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए। खुटानी पावर कम्पनी द्वारा सिरसोली गाँव के अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को न केवल उनकी भूमि से बेदखल किया जा रहा है बल्कि उनके मकानों को भी ध्वस्त करने हेतु कार्य किया जा रहा है। कम्पनी ने गाँव वालो को पहले बताया था कि टनल गाँव के रिहायशी क्षेत्र से 500 मीटर पीछे है। जबकि इसके उलट कम्पनी धोखे और जालसाजी से गाँव के मकानों के नीचे से टनल बना रही है। जिससे कई मकानों में दरारें आने से मकान टूटने/ध्वस्त होने के कगार पर हैं। कम्पनी की इस कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जाए। कम्पनी द्वारा मलवा डालकर ग्राम पंचायत और वन पंचायत की भूमि को बर्बाद किया गया है। इससे ग्राम के गरीब अनुसूचित जाति के भूमिधरों जो खेतीबाड़ी और छुटपुट पशुपालन कर अपना परिवार पल रहे थे उनको भुखमरी का खतरा पैदा हो गया है।

मलवे से घास और चारा पत्ती के पेड़ पौधे बर्बाद हो गए हैं। आजीविका के साधन बर्बाद हो जाने से ग्रामवासीयों के अस्तित्व को संकट आ गया है। कम्पनी अपने हितों को सिद्ध करने के लिए ग्रामवासियों को आपस में लड़वाकर अनुसूचित जाति के ग्रामवासियों में द्वेष और बैर की भावना पैदा कर रही है। किसी भी अनुसूचित जाति के भूमिधर की भूमि खरीदने या अधिग्रहण से पूर्व जिलाधिकारी महोदय से अनुमति नहीं ली गयी है कम्पनी सबकुछ जालसाजी और धोखाधडी से कर रही है। कम्पनी द्वारा अनुसूचित जाति की भूमि को स्टाम्प शुल्क भुगतान कर नही खरीदा गया है अर्थात कम्पनी द्वारा स्टाम्प शुल्क की चोरी की गई है तथा शासनादेश की शतों का उल्लंघन करके अर्जित भूमि का 143 भी न करा कर सरकारी टैक्स और राजस्व को हानि पहुँचाने का अपराध किया जा रहा है।

वन विभाग की शर्तों का उल्लंघन करते हुए मलवा निर्धारित और स्वीकृत स्थानों में नहीं रख कर नदी में बहाया जा रहा है, जिससे स्थानीय भूमिधरों की भूमि को मलवे से दबाया जा रहा है। कम्पनी द्वारा सिरसोली गाँव के गरीब और बेरोजगार युवकों को प्राथमिकता से योग्यता के अनुसार रोजगार देने की बात कही गयी थी लेकिन कम्पनी ने किसी भी ग्रामवासी को एम्प्लॉयमेंट/जोइनिंग लेटर के साथ रोजगार नही दिया है। इन सारे घपलों की जांच करने के साथ ही कम्पनी को हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट निर्माण के लिए मिली सभी स्वीकृतियों को तुरन्त प्रभाव से निरस्त कर किया जाए। जो अनुसूचित जाति के भूमिधरों की भूमि नियम विरुद्ध सड़क मक डंपिंग एवं प्रोजेक्ट निर्माण हेतु ली गयी उस पर से कम्पनी का कब्जा हटाते हुए भूमि का कब्जा भूमिधरों को दिया जाए।

गाँव के अनुसूचित जाति के गरीब भूमिधरों के मकानों के नीचे से निर्माण की जा रही टनल का कार्य तुरन्त बंद किया जाए। इसे नही रोका गया तो इससे भविष्य में गाँव के समस्त अनुसूचित जाति के भूमिधरों के पुश्तैनी मकान ध्वस्त हो जाएंगे। कम्पनी द्वारा प्रोजेक्ट साइट में डीपीआर में स्वीकृत एप्रोच रोड में नियम विरुद्ध बदलाव कर दूसरे जगह से जो सड़क बनाई गई इसकी कोई स्वीकृति सम्बन्धित विभागों से नही ली गयी है। सड़क निर्माण जबरन काटी गयी इस भूमि को वापस उसके भूस्वामियों को दी जाय तथा यह भी जाँच की जाए कि कम्पनी द्वारा बिना विभागीय स्वीकृति लिए ही सड़क का एलाईमेंट क्यों बदला गया ? कम्पनी द्वारा जो धोखाधड़ी और जालसाजी करके अनुसूचित जाति के भूमिधरों की भूमि हड़पी और उनको भूमि से बेदखल किया, इसकी व्यापक जाँच करवा कर कम्पनी के निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी जालसाजी और षडयंत्र के अपराध की धाराओं में मुकद्दमा दर्ज किया जाए।

इस मामले में भीम आर्मी व भारत एकता मिशन कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को एक महीने की मोहलत देते कहा कि यदि 30 दिन अर्थात के भीतर संतोषजनक कार्यवाही करते हुए सुरंग निर्माण कार्य को बंद कर अनुसूचित जाति की जबरन ली गयी भूमि उन्हें वापस नहीं की गई तो जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। इस दौरान गोविंद बौद्ध, रघुवीर प्रसाद, भुवनराम, कुलदीप कुमार, विजयलाल, अंकित कुमार, सूरजराम, अनिल कुमार, अशोक कुमार, संदीप कुमार, साजन कुमार, राजेंद्र प्रसाद सहित कई लोग मौजूद रहे।

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