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पुलिस प्रशासन द्वारा मजदूर नेताओं के शोषण के खिलाफ कुमाऊं कमिश्नर को श्रमिक संयुक्त मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन

Janjwar Desk
4 July 2024 6:19 AM GMT
पुलिस प्रशासन द्वारा मजदूर नेताओं के शोषण के खिलाफ कुमाऊं कमिश्नर को श्रमिक संयुक्त मोर्चा ने सौंपा ज्ञापन
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उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से आये प्रतिनिधियों ने नैनीताल क्लब में बैठक कर भाजपा सरकार के संरक्षण में पुलिस प्रशासन द्वारा श्रमिकों के दमन को क्षोभपूर्ण बताया, आगामी 7 जुलाई को गाँधी पार्क, रुद्रपुर में होने वाली मज़दूर महा पंचायत को पूरे दम-खम के साथ सफल बनाने का आह्वान किया गया...

नैनीताल। श्रमिक संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में उत्तराखंड के विभिन्न राजनीतिक सामाजिक और श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कुमाऊं कमिश्नर एवं पुलिस उप महानिदेशक कुमाऊं से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया और वार्ता की।

प्रतिनिधि मण्डल ने आधा दर्जन श्रमिक नेताओं पर ऊधम सिंह नगर जिला प्रशासन द्वारा गैर-कानूनी तरीके से की जा रही गुंडा एक्ट की कार्रवाई को निरस्त किए जाने, पुलिस द्वारा डॉल्फिन फैक्ट्री के गुंडों द्वारा मजदूरों पर किए गए हमले एवं महिलाओं के साथ की गई छेड़खानी के मुकदमे को दर्ज करने, श्रमिक नेताओं पर लगाए गए झूठे मुकदमे निरस्त करने, श्रमिक संयुक्त मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष दलजीत सिंह के साथ एसएसपी द्वारा गुंडागर्दी करने, डॉल्फिन, लुकास टीवीएस, करोलिया लाइटिंग, इंटरार्क सहित सभी श्रमिक समस्याओं के समाधान, सिडकुल समेत सभी औद्योगिक व्यापारिक व सेवा संस्थानों में श्रम कानून का अनुपालन किए जाने तथा नए न्यूनतम वेतन लागू करवाने की मांग की।

प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि ताजा घटनाक्रम में सिडकुल, पंतनगर में बुनियादी श्रम कानूनों को लागू करने, मालिक के गुंडों के हमलों व दमन के खिलाफ डॉलफिन मज़दूरों के जारी आंदोलन के दौरान उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी द्वारा इंकलाबी मज़दूर केंद्र के पूर्व अध्यक्ष कैलाश भट्ट सहित डॉलफिन मज़दूर संगठन के नेताओं ललित कुमार, सोनू कुमार, वीरु सिंह, बबलू सिंह और राजेश सक्सेना पर गुंडा एक्ट लगाने एवं जिला बदर करने की चेतावनी के साथ नोटिस जारी किये गये हैं।

जिले के एसएसपी की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर 19 जून को जारी किये गये इन नोटिसों की भाषा भी बेहद निम्न स्तरीय और आपत्तिजनक है। ऊधम सिंह नगर का जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन नियम कानून व संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर मैनेजमेंट के इशारों पर काम कर रहा है, जिसके कारण मजदूरों एवं क्षेत्र की जनता का कानून व्यवस्था से विश्वास खत्म होने लगा है अतः इस समूचे मामले की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।

वार्ता के दौरान कुमाऊँ कमिश्नर दीपक रावत ने निष्पक्ष कार्यवाही करने तथा श्रमिक समस्याओं के समाधान के लिए पूर्व में गठित जिलास्तरीय प्रशासनिक कमेटी सक्रिय करने आदि का आश्वासन दिया। वहीं डीआईजी महोदय ने कहा कि पुलिस स्तर पर निष्पक्ष कार्यवाही और मज़दूरों की तहरीर पर मुक़दमें दर्ज होनी चाहिए और इसके लिए वे प्रयास करेंगे।

इसके बाद उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से आये प्रतिनिधियों ने नैनीताल क्लब में बैठक की और भाजपा सरकार के संरक्षण में पुलिस और प्रशासन द्वारा श्रमिकों के दमन को क्षोभपूर्ण बताया। इस दौरान आगामी 7 जुलाई को गाँधी पार्क, रुद्रपुर में होने वाली मज़दूर महा पंचायत को पूरे दम-खम के साथ सफल बनाने का आह्वान किया गया। वक्ताओं ने कहा कि महापंचायत द्वारा सरकार को माकूल जवाब व चेतावनी देना होगा।

प्रतिनिधि मंडल व बैठक में उत्तराखंड लोक वाहिनी के अध्यक्ष राजीव लोचन साह, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी व महासचिव प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोकमंच के मुनीश कुमार, श्रमिक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी, मज़दूर सहयोग केन्द्र के अध्यक्ष मुकुल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के महासचिव रोहित, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी, भाकपा माले के कैलाश जोशी, कारोलिया लाइटिंग इंपालाइज यूनियन के हरेंद्र सिंह, डॉल्फिन मजदूर संगठन के ललित, नील मेटल कामगार संगठन के पंकज जोशी, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महेश, उछास की भवन पांडे, कैलाश भट्ट, दिनेश उपाध्याय समेत कई लोग शामिल थे।

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