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उत्तराखंड के दलित युवा जगदीश को एक माह बाद भी नहीं मिला न्याय, सरकार का पुतला दहन कर जताया आक्रोश
जगदीश हत्याकांड की उपेक्षा से गुस्साए लोगों ने फूंका सरकार का पुतला
जगदीश हत्याकांड की उपेक्षा से गुस्साए लोगों ने सरकार का पुतला फूंका, अल्मोड़ा ले जगदीश के गांव पनुवाद्योखन तक दिखी गुस्से की लहर
Almora Kand : उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के युवा दलित नेता जगदीश चंद्र की हत्या पर सरकार सहित सभी जनप्रतिनिधियों की चुप्पी एवं संवेदनहीनता से आक्रोशित विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन करते हुए सरकार का पुतला दहन किया। इस दौरान मृतक जगदीश के परिजनों, पनुवाद्योखन के ग्रामीणों व विभिन्न राजनैतिक सामाजिक संगठनों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
अल्मोड़ा जिले के भतरौजखान थाने की सीमा में पड़ने वाले पनुवाद्योखन गांव में रहने वाले युवा नेता जगदीश चंद्र की सवर्ण युवती से विवाह करने के कारण उसके सवर्ण ससुरालियों ने इतनी बेरहमी से हत्या कर दी कि जगदीश की लाश का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर तक लाश की स्थिति देखकर सकते में आ गए थे। जगदीश की लाश पर चोटों के 28 निशान थे। हथौड़े की चोट से बने इन निशानों में हर निशान जगदीश के शरीर की टूटी हड्डी का मूक गवाह था। हत्यारों ने जगदीश के सिर, मुंह, नाक, पसली, रीढ़, घुटने, टखने की हड्डियां तोड़ते हुए उसे दर्दनाक मौत दी थी।
अल्मोड़ा में उपपा के युवा दलित नेता जगदीश की निर्मम हत्या व उत्तराखंड में अपराध, अराजकता, अंकिता हत्याकांड के खिलाफ उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी द्वारा पुष्कर धामी सरकार को जनविरोधी नीतियों सरकार की जातिवादी, सांप्रदायिक मानसिकता, सांप्रदायिक भेदभावपूर्ण मानसिकता का पुतला फूंकते हुए मुख्यमंत्री से त्यागपत्र की मांग की गई।
चौघानपाटा में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सरकार से त्यागपत्र की मांग करते हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार प्रदेश में अपराध, अराजकता, लंपटता, अपराधी तत्वों को संरक्षण देकर उत्तराखंड को दबंगई व भ्रष्टाचार के दलदल में धकेल चुकी है। पिछले 22 वर्षों में उत्तराखंड सरकार ने इस राज्य को निर्मम लूट खसोट भ्रष्टाचार, अपराध, अराजकता का केंद्र बना दिया है। जहां कानून का राज खत्म हो गया है और सत्ताधारी नैतिकता की सभी हदें पार कर चुके हैं जिससे राज्य को बचाने के लिए एक बड़े आंदोलन की जरूरत है।
इस दौरान पुतला दहन में उपपा की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा, अमीनुर्हमान, पर्वतीय पटवारी महासंघ के पूर्व प्रदेश महामंत्री पौड़ी नागरिक समिति के नेता श्री नरेश नौरियाल, उपपा की नगर अध्यक्ष हीरा देवी, श्रीमती चंपा देवी, एडवोकेट नारायण राम, गोपाल राम, उछास की नेता भारती पांडे, भावना पांडे, दीक्षा सुयाल, कुंवर राज, पूर्णिमा चम्याल, भावना नेगी, मोहम्मद शाकिब, प्रकाश चंद्र, हेमा पांडे बसंत राम, के.आर. टम्टा आदि लोग शामिल रहे।
दूसरी तरफ मृतक जगदीश के गांव पनुवाद्योखन में गांव के बाहर मुख्य सड़क पर पुलिस विभाग द्वारा पनुवाद्योखन गांव को गोद लिए जाने की घोषणा करते हुए लगाए गए बहुचर्चित बोर्ड के पास ही ग्रामीणों ने सरकार का पुतला दहन किया।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि एक महीने पहले हुआ जगदीश हत्याकांड पुलिस विभाग द्वारा पनुवाद्योखन गांव को गोद लेने की घोषणा करते हुए सड़क पर लगाये गए इस बोर्ड की पूरी पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। बोर्ड की यह घोषणा आज पुलिस विभाग के लिए शर्मनाक इबारत बन चुकी है।
इस मौके पर दिलीप कुमार, पृथ्वी पाल, हरीश चंद्र, गंगा, लक्ष्मी देवी, पुष्पा देवी, दीपा, कमला देवी, खष्टी देवी, अमृता देवी, नंदी देवी, गंगा देवी, दयाकृष्ण भुवन चंद्र, प्रकाश चंद्र, शेरराम, दिगंबर प्रसाद, परिराम, बालकिशन राम, नंदकिशोर, संतोष कुमार, विकास कुमार, अर्जुन कुमार, मनोज कुमार, भगरथ कुमार, शुभम कुमार, शिव कुमार सहित कई लोग मौजूद रहे।
इधर रामनगर में भी शनिवार 1 अक्टूबर को जगदीश की पत्नी गीता व परिजनों को न्याय, जगदीश की विधवा गीता एवं बहन गंगा को सरकारी नौकरी, महिलाओं और बेटियों को सुरक्षा देने की मांग को लेकर इकट्ठा हुए विभिन्न कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड सरकार एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लखनपुर क्रांति चौक पर प्रदर्शन किया।
इस दौरान ललित उप्रेती के संचालन में आयोजित सभा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रभात ध्यानी ने उत्तराखंड सरकार पर जातिवादी मानसिकता से ग्रसित होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जगदीश हत्याकांड को एक महीना हो गया है। लेकिन मुख्यमंत्री, सल्ट विधायक अल्मोड़ा सांसद के द्वारा जगदीश हत्याकांड पर आज तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई और न ही इन्होंने उसके परिजनों एवं जगदीश की विधवा गीता की सुध ली।
समाजवादी लोग मंच के मनीष कुमार ने उत्तराखंड सरकार पर जातिवादी मनुवादी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार जाति एवं धार्मिक पहचान के आधार पर काम कर रही है, जिसके कारण सामाजिक रुप से कमजोर एवं अल्पसंख्यकों में असुरक्षा का भाव पैदा हो गया है।
शिक्षक नेता नरी राम स्नेही ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जाति धर्म से ऊपर उठकर हर नागरिक को सुरक्षा एवं न्याय दें लेकिन जगदीश हत्याकांड में सरकार द्वारा जिस तरह से संवेदनहीनता दिखाई है उससे सामाजिक रुप से कमजोर वर्गों में अच्छा संदेश नहीं गया है।
यहां के प्रदर्शन में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, समाजवादी लोक मंच, इंकलाबी मजदूर केंद्र, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, महिला एकता मंच, मनमोहन अग्रवाल, ललित उपरेती, नवीन नैथानी, लालमणि, चिंताराम, रईस अहमद, किरण आर्य, भुवन, लालता प्रसाद श्रीवास्तव, मेघा आर्य, गीता, तुलसी छिम्बाल, सरस्वती जोशी, ललिता रावत, सुनील, मोहन सिंह सजवान, किशन शर्मा, सूरज सैनी, राजेंद्र, मोहन तिवारी आदि थे।