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Satish Kumar 1st Dalit CEO of Railway Board : 119 के इतिहास में साल में पहली बार कोई दलित अधिकारी बना रेलवे का सीईओ
IRMS officer Satish Kumar becomes 1st Dalit CEO of Railway Board :आमतौर पर मीडिया में दलितों के उत्पीड़न और उन्हें न्याय न मिलने की खबरें अखबारों की सुर्खियां बनी रहती हैं, मगर आज की सुर्खियां जरा हटके हैं। यह है किसी दलित शख्स के नाम दर्ज एक महान उपलब्धियों को लेकर। जी हां, दलित जाति से ताल्लुक रखने वाले सतीश कुमार का नाम आज इतिहास में दर्ज हो गया है। वह रेलवे के 119 साल के इतिहास में पहले ऐसे दलित अधिकारी हैं, जिन्हें रेलवे बोर्ड का सीईओ बनाया गया है।
इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (IRMS) अधिकारी सतीश कुमार रेलवे बोर्ड के नए अध्यक्ष और सीईओ बनेंगे। वह रेलवे के 119 साल के इतिहास में रेलवे बोर्ड अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित अधिकारी होंगे। इस उपलब्धि के अलावा सतीश कुमार के नाम रेलवे सुरक्षा को लेकर एक बड़ी उपलब्धि दर्ज है। सतीश कुमार ने फॉग सेफ डिवाइस पर महत्वपूर्ण काम किया है। यह उनका भारतीय रेलवे के लिए एक ऐसा योगदान है, जिससे कोहरे की स्थिति में भी ट्रेनों का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित हो पाता है।
जानकारी के मुताबिक दलित IRMS अधिकारी सतीश कुमार के पास रेलवे में सेवा का तीन दशक से भी ज्यादा का अनुभव है। वह रेलवे महाप्रबंधक समेत कई शीर्ष पदों पर अपनी सेवायें दे चुके हैं। अब वह रेलवे बोर्ड की मौजूदा सीईओ जया वर्मा सिन्हा की जगह लेंगे और अपना कार्यभार 31 अगस्त को संभालेंगे। जया वर्मा सिन्हा 31 अगस्त को रिटायर हो रही हैं, जिन्होंने एक साल पहले कार्यभार रेलवे बोर्ड की सीईओ का पदभार संभाला है। सतीश कुमार के अलावा जया वर्मा सिन्हा के नाम भी तब एक नया रिकॉर्ड जुड़ा था, वह रेलवे बोर्ड की सीईओ बनने वाली पहली महिला बनी थीं।
IRMS अधिकारी सतीश कुमार ने मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MNIT), जयपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंक में बीटेक किया था। इसके साथ उन्होंने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी से ऑपरेशन मैनेजमेंट एवं साइबर लॉ में पीजी डिप्लोमा भी किया था। 1986 बैच के इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (IRSME) अधिकारी रहे सतीश कुमार ने मार्च 1988 में रेलवे ज्वाइन किया था।
कार्यभार संभालने के बाद सतीश कुमार ने सेंट्रल रेलवे के झांसी डिवीजन और बनारस डीजल लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) में काम किया था। उत्तर-पूर्वी रेलवे, गोरखपुर और और पटियाला लोकोमोटिव वर्क्स में भी वह काम कर चुके हैं। इन दोनों डिवीजन की परिचालन क्षमता बढ़ाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके अलावा उनका एक महत्वपूर्ण योगदान फॉग सेफ डिवाइस है। यह उनका एक ऐसा योगदान है, जिससे कोहरे की स्थिति में भी ट्रेनों का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित किया जा सकता है। यानी रेलों को दुर्घटनाओं से बचाने की दिशा में इस योगदान को महत्वपूर्ण माना जा सकता है।