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हाशिये का समाज

बिना मर्जी के 18 साल से कम उम्र की पत्नी से यौन संबंध को माना जाए बलात्कार, गृह मंत्रालय को दिल्ली के LG ने भेजी सिफारिश

Janjwar Desk
6 Nov 2022 2:56 PM GMT
बिना मर्जी के 18 साल से कम उम्र की पत्नी से यौन संबंध को माना जाए बलात्कार, गृह मंत्रालय को दिल्ली के LG ने भेजी सिफारिश
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बिना मर्जी के 18 साल से कम उम्र की पत्नी से यौन संबंध को माना जाए बलात्कार, गृह मंत्रालय को दिल्ली के LG ने भेजी सिफारिश

नई दिल्ली। 18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ बिना मर्जी यौन संबंध को बलात्कार मानने की सिफारिश दिल्ली के उप राज्यपाल ने गृह मंत्रालय से की है। सिफारिश मंजूर होने की स्थिति में यह जुर्म के दायरे में आ जायेगा जो दंडनीय होगा। इस सिफारिश में दिल्ली के एलजी की ओर से भारतीय दण्ड संहिता की धारा 375 के अपवाद 2 को खत्म करने को कहा गया है।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय को आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को खत्म करने की सिफारिश करते हुए यह सिफारिश भेजी है। सिफारिश के इस प्रस्ताव में यह माना गया है कि ऐसा लागू होने पर यौन अपराधों से बच्चों को बचाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इससे पॉक्सो एक्ट की विसंगति भी दूर होंगी।

बताते चलें कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में उस रिट याचिका को लेकर देश की विभिन्न सरकारों की राय मांगी थी, जिसमें आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 की वैधता को चुनौती दी गई है। आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है। साथ ही यह पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप भी नहीं है।

दरअसल आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 में यह प्रावधान किया गया है कि यदि 15 से 18 वर्ष के बीच की लड़की की शादी हो जाती है, तो उसका पति उसके साथ गैर-सहमति से यौन संबंध बना सकता है और आईपीसी के तहत उसे दंडित करने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में यदि इस सिफारिश को लागू कर आईपीसी में संशोधन किया जाता है, तो 15 से 18 वर्ष के बीच की पत्नी के साथ गैर-सहमति से यौन संबंध बलात्कार की श्रेणी में आएगा। आईपीसी के तहत ही गंभीर जुर्म होगा।

इसके साथ ही यह सिफारिश लागू होने पर यौन अपराधों से बच्चों को बचाने संबंधी अधिनियम (पॉक्सो) के बीच की विसंगति को भी दूर करेगा, जो 18 वर्ष तक के किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अपराधों और आईपीसी के मौजूदा प्रावधानों पर लागू होता है।

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