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Sheikhpura News : बिहार के शेखपुरा में पंचायत का 'तालिबानी' फैसला, गांव के यज्ञ में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए जारी किया यह फरमान
Sheikhpura News : पंचायत के फैसले से गांव के अनुसूचित जाति के लोग आहत
Sheikhpura News : हमारे सामज में जातिगत वैमनस्यता की खबरों में हाल के दिनों में लगातार इजाफा हो रहा है। गांवों में जहां समरसता का माहौल होता था अब वहां भी हालात बिगड़ने लगे हैं। ताजा मामला बिहार के शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड के मालदह पंचायत के फेदालीबीघा गांव का (Seikhpura News) है। मीडिया में चल रही खबरों के मुतबिक इस गांव में अनुसूचित जाति के लोगों को छुआछूत के नाम पर गांव में होने वाले यज्ञ में शामिल होने से रोका जा रहा है।
गांव के ही दिव्यांग व्यक्ति अरुण रविदास की मानें तो गांव में 22 तारीख को यज्ञ का आयोजन होना है। आयोजन को लेकर पहले गांव के सभी लोगों को पंचायत बुलाकर सहयोग की अपील की गई है। हम लोगों ने कई गांव में घूम-घूम कर चंदा एकत्रित करने में सहयोग किया। आयोजित होने वाले यज्ञ के लिए मिट्टी संकलन में भी सहयोग किया। पर इसके बावजूद गांव के व्हाट्सएप ग्रुप में एक पर्चा को वायरल करके यह संदेश दिया गया कि कलश यात्रा में गर्भवती महिला, दिव्यांग व्यक्ति और अनुसूचित जाति के लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।
यह खबर फैलते ही गांव के लोगों में काफी मायूसी छा गयी है। वहीं 70 वर्षीय ग्रामीण छोटन रविदास कहना है कि गुरुवार 05 मई की शाम गांव के मंदिर में पंचायत बुलायी गयी थी। इस पंचायत में यह फैसला सुनाया गया कि अनुसूचित जाति के लोगों को कलश यात्रा और यज्ञ में शामिल नहीं होने देना है। उधर, इस संबंध में पूछने पर आयोजक समिति के प्रमुख जनार्दन महतो ने बताया कि यह पुरानी परंपरा है। छुआछूत की वजह से गांव वालों ने यह निर्णय लिया है। इसमें कुछ गलत नहीं है। उनकी ओर से कहा गया कि सभी अनुसूचित जाति के लोग कबीरपंथी हैं और उन लोगों का धर्म भी अलग है इसलिए गांव के लोग सहमति से यह फैसला ले रहे हैं।
वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी भरत कुमार शर्मा ने बताया कि गांव के सार्वजनिक यज्ञ (Seikhpura News) में किसी भी जाति विशेष को शामिल नहीं होने देना दंडनीय अपराध है। उनके पास लोग लिखित शिकायत लेकर आएंगे तो इस पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस संबंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सह कार्यवाहक अभय कुमार ने बताया कि यह समाज और धर्म को तोड़ने की बात है। लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए। छुआछूत जैसी कुप्रथा का अंत हो चुका है। सभी लोग को धार्मिक आयोजन में शामिल होने देना चाहिए।