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हाशिये का समाज

हाथरस कांड में योगी सरकार ने एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर को किया निलंबित, संबंधित पुलिसकर्मियों का होगा नार्को टेस्ट

Janjwar Desk
2 Oct 2020 4:09 PM GMT
हाथरस कांड में योगी सरकार ने एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर को किया निलंबित, संबंधित पुलिसकर्मियों का होगा नार्को टेस्ट
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हाथरस गैंगरेप मामले में योगी सरकार ने जिन 5 पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया उस लिस्ट में डीएम का नाम नहीं, कल ही डीएम ने पीड़िता के घर जाकर उसके पिता को बयान बदलने के लिए धमकाया था, जो मृतका की भाभी ने वीडियो वायरल कर जनता को बताया था...

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश को सुलगा देने वाले हाथरस कांड में कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इस कार्रवाई के चलते एसपी, एएसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत एक हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि संबंधित पुलिसकर्मियों का नार्को टेस्ट भी होगा। इस पूरी कार्रवाई में सबसे बड़ी कार्रवाई जो डीएम पर होनी थी वो अभी तक नहीं हो पाई है।

14 सितंबर को हाथरस की बेटी के साथ हुई नृशंसता में यूपी सरकार ने देर ही सही पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। जिसके बाद एसपी विक्रांत वीर, डीएसपी रामशब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, हेड कांस्टेबल महेश पाल सहित एक एएसपी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं शामली के एसपी विनीत कुमार जायसवाल को विक्रांत वीर की जगह हाथरस एसपी के पद पर भेज गया है।

गौरतलब है कि पत्रकारों के साथ देश की तमाम जनता हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार के सस्पेंशन का इंतजार कर रही थी। लेकिन शाम के साढ़े आठ बजते बजतेहाथरस गैंगरेप मामले में योगी सरकार ने जिन 5 पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया उस लिस्ट में डीएम का नाम नहीं, कल ही डीएम ने पीड़िता के घर जाकर उसके पिता को बयान बदलने के लिए धमकाया था, जो मृतका की भाभी ने वीडियो वायरल कर जनता को बताया था...

इधर हाथरस में तैनात एसपी विक्रांत वीर भी कम विवादित अफसर नहीं हैं। जब तक उन्नाव में रहे कांड पर कांड करवट रहे। अपराधियों से गलबहियां बनाये रहे। उन्नाव में इसी वर्ष न्याय न मिलबे पर महिला खुद को आग लगाकर जिस अधिकारी के खिलाफ पुलिस आफिस पहुंची थी, वो अधिकारी कोई और नहीं यही विक्रांत वीर थे। लोगों के मुताबिक इस अधिकारी में पैसे की भूख बहुत बड़ी है और पूरे उत्तर प्रदेश मे ऐसे कई एक अधिकारी हैं जिनकी पैसे कमाने की बड़ी भूख है।

तमाम राजनीतिक लोगों ने इस मसले पर प्रतिक्रिया दी है। हाथरस की दलित युवती के साथ हुई नृशंसता पर सांसद सुप्रिया सुले कहती हैं, मुझे लगता है कि यूपी सरकार कुछ छिपाना चाहती है। राहुल और प्रियंका गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ क्या हुआ, डीएम और अन्य लोगों के इस तरह के बयानों से साबित होता है कि यूपी सरकार कुछ छिपाना चाहती है। यूपी में दो दिन में तीन दुष्कर्म के मामले सामने आए। राज्य के गृह मंत्री और मुख्यमंत्री ने कुछ भी नहीं कहा। मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करती हूं कि इसकी विस्तृत जांच होनी चाहिए। अगर योगी सरकार राज्य में महिला सुरक्षा के लिए काम करने में असमर्थ है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाथरस की घटना पर कहा, हाथरस की घटना बहुत दर्दनाक है और पीड़ित परिवार के साथ सरकार का आचरण ठीक नहीं है। हम लोकतंत्र में रह रहे हैं और सत्ता में बैठे लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे इस देश के मालिक नहीं बल्कि 'सेवक' हैं।

राहुल गांधी को कल हाथरस जाने से रोके जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'इतनी बड़ी घटना (हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार) है, लोकतंत्र के अंदर कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता जाना चाहता है अगर कोई छुपाने की बात नहीं है तो रोकने की बात क्यों होनी चाहिए?'

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