BJP के छात्र संगठन ABVP पर BHU IIT में छात्रा के यौन उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलनरत छात्रों पर पुलिस की मौजूदगी में हमले का आरोप
लखनऊ। बीएचयू आईआईटी में छात्रा के यौन उत्पीड़न के खिलाफ पिछले दो दिनों से लंका गेट पर धरना दे रहे छात्र-छात्राओं पर आज रविवार 5 नवंबर को एबीवीपी द्वारा पुलिस की मौजूदगी में हमले का आरोप है। आरोप है कि इस दौरान पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इतना ही नहीं आंदोलनकारी आइसा नेता रौशन को गिरफ्तार किया गया, जिसकी भाकपा माले ने कड़ी निंदा की है। माले ने प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में छात्र-छात्राओं पर इन हमलों और पुलिस दमन के लिए केंद्र व राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने आज जारी एक बयान में कहा कि आंदोलनकारी छात्राओं पर संघ-भाजपा से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के हमले के दौरान पुलिस का मूकदर्शक बने रहना इस बात का संकेत है कि हमला प्रशासन व पुलिस की शह पर किया गया। पुलिस ने पीड़ित छात्रा का यौन उत्पीड़न करने वाले अपराधियों और एबीवीपी के हमलावर गुंडों को गिरफ्तार करने की जगह आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन करने व उसमें भाग ले रहे आइसा नेता को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार छात्र नेता को कहां ले जाया गया, पुलिस व प्रशासन इसे नहीं बता रहा है। उधर, एबीवीपी के हमले में कई छात्राओं को चोटें आई है। छात्राओं के साथ छीना-झपटी की गई। उन्हें लातों से मारा व अभद्र गालियां दी गईं।
राज्य सचिव ने कहा कि इससे पहले इलाहाबाद विवि में छात्रों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान दलित शोध छात्र व आइसा नेता विवेक को प्राक्टर राकेश सिंह द्वारा परिसर में अपमानजनक व्यवहार करने और लाठी से उनकी बर्बर पिटाई करने की घटना हो चुकी है। यहां भी पुलिस ने छात्रों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करते हुए कई छात्रों को ही जेल भेज दिया और प्राक्टर के खिलाफ कार्रवाई की उनकी मांग को लगातार अनसुना कर रही है। इसे लेकर इलाहाबाद में भी छात्र आंदोलनरत हैं। माले नेता ने कहा कि इलाहाबाद से बनारस तक न्याय व लोकतंत्र की मांग कर रहे छात्र-छात्राओं का दमन हो रहा है और प्रशासन निर्लज्ज व्यवहार कर रहा है। राज्य सचिव ने बीएचयू में गिरफ्तार आइसा नेता रौशन की फौरन रिहाई, एवीबीपी के हमलावरों की गिरफ्तारी और छात्रा के यौन उत्पीड़न के दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की।
जानकारी के अनुसार, आईआईटी बीएचयू की छात्रा के निर्मम व शर्मनाक यौन उत्पीड़न की घटना के विरोध में बीएचयू के छात्र पिछले दो दिनों से लंका गेट पर धरने पर हैं। रविवार को उन्होंने बीएचयू प्रशासन के असंवेदनशील रवैये के खिलाफ लंका गेट से रविदास गेट तक पैदल मार्च का आयोजन किया था। आंदोलकारी छात्रों के द्वारा यौन उत्पीड़न की पीड़ित छात्रा के लिए न्याय की लड़ाई लड़ना बीएचयू प्रशासन, पुलिस प्रशासन और एबीवीपी को खतरा लगा। जिसके बाद प्रशासन की शह पर एबीवीपी के गुंडों ने आंदोलनकारी छात्राओं पर हमला किया।