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आंदोलन

भाजपा सांसद अनिल बलूनी की वादाखिलाफी से आक्रोशित वनग्राम सुंदरखाल और देवीचौड़ा खत्ता के ग्रामीणों ने धरना देकर दी कड़ी चेतावनी !

Janjwar Desk
1 Dec 2025 6:36 PM IST
भाजपा सांसद अनिल बलूनी की वादाखिलाफी से आक्रोशित वनग्राम सुंदरखाल और देवीचौड़ा खत्ता के ग्रामीणों ने धरना देकर दी कड़ी चेतावनी !
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पिछले 25 वर्षों में भाजपा व कांग्रेस की डबल इंजन की सरकार है सत्ता में रही है, चुनाव के समय इन पार्टियों के नेता आकर वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने के नाम पर जनता से वोट ठगते रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की देश के अंतिम गांव तक बिजली पहुंचाने की घोषणा भी एक जुमला बनकर रह गई है...

रामनगर। भाजपा सांसद अनिल बलूनी की वादा खिलाफी से आक्रोशित वन ग्राम सुंदरखाल व देवीचौड़ा खत्ता के ग्रामीणों ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के धनगढ़ी गेट के समक्ष आज 1 दिसंबर को धरना देकर आक्रोश व्यक्त किया तथा 25 दिसंबर तक वन गांवों में बिजली, पानी आदि की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने तथा राजस्व ग्राम की मान्यता नहीं दिए जाने पर सांसद अनिल बलूनी एवं भाजपा सरकार के खिलाफ हल्ला बोल कार्यक्रम शुरू करने की चेतावनी दी।

धनगढ़ी गेट पर धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में ग्रामीणों ने कहा कि पिछले वर्ष अप्रैल माह में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने गांव में आकर वादा किया था कि चुनाव जीतने के एक माह के भीतर उनके गांव में बिजली आ जाएगी, परंतु आज डेढ़ साल बाद भी उनके गांव में बिजली नहीं पहुंची है। इस बीच ग्रामीण दो बार सांसद बलूनी से मिलने दिल्ली जा चुके हैं। इस दौरान भी सांसद अनिल बलूनी ने गांववासियों को एक सप्ताह के भीतर बिजली पानी व मूलभूत सुविधाएं देने का आश्वासन दिया था, वो भी पूरा नहीं हुआ है।

धरनास्थल पर हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में भाजपा व कांग्रेस की डबल इंजन की सरकार है सत्ता में रही है, चुनाव के समय इन पार्टियों के नेता आकर वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने के नाम पर जनता से वोट ठगते रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की देश के अंतिम गांव तक बिजली पहुंचाने की घोषणा भी एक जुमला बनकर रह गई है।

वक्ताओं ने कहा कि आज भी उत्तराखंड में दो सौ से अधिक गांव ऐसे हैं, जिन्हें राजस्व ग्राम का दर्जा प्राप्त नहीं है। यहां के लाखों निवासी विधायक और सांसद तो चुन सकते हैं परंतु उन्हें आजादी के 75 वर्ष बाद भी ग्राम पंचायत चुनने एवं चुने जाने का अधिकार प्राप्त नहीं है। इन वन ग्रामों में निवास कर रहे लाखों लाख लोग अब अपने अधिकारों के लिए जागरूक हो रहे हैं। वन ग्रामवासियों ने चेतावनी दी है कि हम अपने वोट से यदि विधायक, सांसद और मंत्री बना सकते हैं तो उन्हें कुर्सी से उतार भी सकते हैं। अतः सरकार हमारी आवाज को गंभीरता से सुने।

कार्यक्रम में खीमराम, प्रेमराम, कौशल्या चुनियाल, गिरीश चंद्र, जगमोहन सिंह, कैलाश चंद्र, मनोनीत ग्राम प्रधान पूरन चंद्र, मीरा, इंद्र लाल, योगेन्द्र कुमार,गणेश, उत्तम चंद्र, समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के मोहम्मद आसिफ, महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।

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