भारत बंद के दौरान मऊ से कई किसान नेताओं को STF ने किया गिरफ्तार, हिरासत में मारपीट के बाद फर्जी धाराओं में जेल भेजने का आरोप
'संयुक्त किसान मोर्चा' के आह्वान पर 27 सितम्बर को देशभर में किया गया था भारत बंद
लखनऊ, जनज्वार। 'संयुक्त किसान मोर्चा' द्वारा 27 सितम्बर को भारत बंद (Bharat Band) के आह्वान के दौरान घोसी (मऊ) में शान्तिपूर्ण आंदोलन में शामिल किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया, जिसे असंवैधानिक ठहराते हुए सामाजिक-राजनीतिक संगठन रिहाई मंच ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि किसान नेताओं को योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के इशारे पर एसटीएफ ने आधी रात में ही गिरफ्तार कर लिया और बेरहमी से मारा-पीटा। घोसी (मऊ) में 27 सितम्बर को संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर हुए भारत बंद के दौरान हुए प्रतिरोध कार्यक्रम में शामिल चार किसान नेताओं अवधेश बागी, चन्द्रशेखर, राघवेंद्र, और राजेश मंडेला को आधी रात को एसटीएफ की टीम ने घर से उठा लिया और हिरासत में उनके साथ मारपीट की। बाद में इनमें से एक नेता राजेश मंडेला को छोड़ दिया, लेकिन बाकी तीन नेताओं को फर्जी धाराओं में मुकदमा कर जेल भेज दिया।
किसान नेता रजनीश भारती, रुआब, जिला अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ तथा जनवादी किसान सभा के अन्य नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ की छापेमारी जारी है। इतना ही नहीं, सरकार की नीतियों के विरुद्ध शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले कई किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं के घर पर पुलिस अब भी लगातार दबिश दे रही है। परिवार वालों के साथ बदसलूकी कर उन्हें परेशान कर रही है।
रिहाई मंच अलोकतांत्रिक दमनात्मक कार्रवाई की कड़ी निन्दा करते हुए गिरफ्तार किए सभी किसान नेताओं पर दर्ज़ फर्जी मुकदमे वापस लेते हुए तत्काल रिहाई की मांग करता है।
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर भारत बंद की कार्यवाहियों में घोसी में नेशनल हाइवे पर यातायात को किसानों ने शांतिपूर्वक रोका और इसी बीच तहसील मुख्यालय पर तहसीलकर्मियों ने भारत बंद का समर्थन करते हुए तहसील कार्यालय की तालाबंदी कर दी। तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन किया।
शांतिपूर्वक उच्च अधिकारियों ज्ञापन भी दिया। आम जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी गई। 4 बजे तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन रहा, आधी रात को पुलिस ने किसान नेताओं को घर से जबरन उठाया। परिवारजनों के विरोध करने पर उनके साथ गाली गलौच और मारपीट की गई। महिलाओं तक के बदसलूकी की गई।