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जनज्वार ने उठाई किसानों की समस्या तो छत्तीसगढ़ सरकार ने संवाददाता पर दर्ज किया मुकदमा

Janjwar Desk
21 Oct 2020 1:16 PM GMT
जनज्वार ने उठाई किसानों की समस्या तो छत्तीसगढ़ सरकार ने संवाददाता पर दर्ज किया मुकदमा
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शासन—प्रशासन की असलियत दिखाने का खाामियाजा : छत्तीसगढ़ सरकार ने पत्रकार मनीष कुमार पर दर्ज किया मुकदमा

किसानों की जमीन बेदखली की खबर जनज्वार पर वीडियो रिपोर्ट के रूप में सामने आने के बाद तमाम मीडिया माध्यमों ने उठाया मुद्दा तो संवाददाता मनीष कुमार पर ही महापौर ने दर्ज करा दिया मुक़दमा...

जनज्वार। छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में पत्रकार मनीष कुमार पर सच दिखाना एक बार फिर भारी पड़ गया। राज्य के अंबिकापुर में नगर निगम द्वारा अटल आवास योजना के नाम पर जिस तरह किसानों की पकी धान की फसल जोकि 5 एकड़ में फैली हुई थी, रौंद दी गयी, उसे जनज्वार में वीडियो रिपोर्ट के तौर पर दिखाया गया था। इस रिपोर्ट के बाद तमाम मीडिया माध्यमों ने इस मुद्दे को उठाया और यह एक सवाल बना। बजाय किसानों को मुआवजा देने या फिर उनकी अन्य तरह से सहायता करने के प्रशासन ने सच दिखाने वाले पत्रकार पर ही एफआईआर दर्ज करवा दी है।

किसानों की धान की पकी फसल अटल आवास के नाम रौंदे जाने की खबर दिखाये जाने के बाद अम्बिकापुर नगर निगम के महापौर अजय तिर्की की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने दबाव में आकर पत्रकार मनीष कुमार पर मुकदमा दर्ज कराया दिया ळै।

गौरतलब है कि अम्बिकापुर नगर निगम द्वारा शहर के भगवानपुर में किसानों के खेतों में धान की खड़ी फ़सल पर जेसीबी चलाने की ख़बर जनज्वार पर वीडियो रिपोर्ट के तौर पर आयी थी, जिसके बाद इसे तमाम बड़े मीडिया घरानों ने प्रमुखता से उठाया। धान की लहलहाती फ़सल पर जेसीबी चलाने के कारण वीडियो में किसान रोता हुआ दिख रहा है, जिससे नगर निगम के कार्यप्रणाली पर लोग सवाल करने लगे।

इस मामले से खिन्न अम्बिकापुर नगर निगम महापौर अजय तिर्की समेत सभी कांग्रेस के नेताओं की जमकर किरकिरी होने लगी। इसी बीच किसी ने उक्त वीडियो की मीम बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया, जिसमें साफ तौर पर ये बात समझ मे आता है कि मनीष की बनाई हुई ख़बर वाली वीडियो को किसी ने डाउनलोड कर 2.50 मिनट का मीम बनाया है, एडिटिंग कर लिखा गया है कि "स्थानीय भाजपा या कांग्रेस नेता सिर्फ चीन पाकिस्तान में उलझे रहते हैं, स्थानीय समस्या उन्हें नहीं दिखती।"

चूंकि धान की फसल पक चुकी थी और 15 दिन बाद किसान वो फ़सल काटकर अपने घर ले जाता, परन्तु जिस तरह से नगर निगम का अमला यह कहकर धान को नष्ट कर रहा था कि उस जगह पर अटल आवास बनाना प्रस्तावित है, ये वीडियो देखने वालों पर गहरा असर छोड़ रहा था कि इस तरह से लोग सवाल करने लगे कि कांग्रेस की सरकार असंवेदनशील कैसे हो सकती है?

निगम प्रशासन सिर्फ़ 15 दिन यदि रुक जाती तो ये फ़सल किसान के घर चला जाता और किसान के मेहनत सफल हो जाता पर उन्होंने रोते हुए किसान के खिलाफ एक न सुनी और 5 एकड़ में लगे धान को चौपट कर दिया।

मीम को आधार बनाकर महापौर अजय तिर्की में शिकायत में कहा है कि इस वीडियो क्लिप से कांग्रेस की बदनामी हो रही है। वहीं किसान पर भी कांग्रेसियों ने दबाव बनाकर उसे डरा दिया, जिससे किसान अब कुछ भी कहने से बच रहा है। पर जिन 3 किसानों की फ़सल निगम ने बर्बाद की है, उनमें से एक किसान महेंद्र कुशवाहा ने नगर निगम के अधिकारियों के ख़िलाफ़ गांधीनगर में लिखित शिकायत करते हुए कहा है कि उक्त जमीन का पट्टा 1962 से है, जिसपर वे खेती करते आ रहे थे, निगम ने बिना किसी नोटिस के उनके फसल को बर्बाद कर दिया जिस बावत जिम्मेदार अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करें।

फ़सल पर जेसीबी चलाने और उसे नष्ट करने के मामले में जहां निगम के महापौर अजय तिर्की कर भी झूठ नहीं बोल पा रहे हैं। तिर्की का कहना है कि मानवता के आधार पर किसान का फ़सल नष्ट नहीं करनी चाहिए थी।

इधर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता कह रहे हैं कि जमीन किसान की है ही नहीं, जो नष्ट किया गया वो धान नही बल्कि घास थी। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष धान को जिस तरह घास बता रहे हैं उससे कांग्रेस और भी निशाने पर आ गयी है।

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