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महिला आरक्षण बिल पर माले महासचिव ने उठाये सवाल, कहा आखिर इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने में क्या है दिक्कत

Janjwar Desk
20 Sep 2023 12:34 PM GMT
महिला आरक्षण बिल पर माले महासचिव ने उठाये सवाल, कहा आखिर इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने में क्या है दिक्कत
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file photo

Women reservation bill : महिला आरक्षण संसदीय क्षेत्र में महिलाओं के बेहद कम प्रतिनिधित्व को ठीक करने के समाधान के रूप में देखा जा रहा है। इस समस्या को समझने के लिए हमें एक और जनगणना और डिलिमिटेशन की जरूरत नहीं है...

Women reservation bill : "मोदी सरकार चाहती है कि हम मान लें वह महिला आरक्षण लागू करने के प्रति इतनी गंभीर है कि इसके लिए उसने संसद का विशेष सत्र बुलाया है, लेकिन जो बिल लाया गया है उससे सरकार की नीयत का खुलासा हो गया है, यह बिल जनगणना पूरी होने और उसके बाद डिलिमिटेशन की प्रक्रिया चलाने के बाद ही लागू होगा। इसे तत्काल लागू करने से हमें कौन रोक रहा है?" यह बात भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एक प्रेस बयान जारी कर प्रकट किया है।

दीपांकर ने कहा है, "मोदी सरकार भारत के इतिहास की एकमात्र ऐसी सरकार है जो 10 साल बाद होने वाली जनगणना को करने में फेल हुई है। कोविड के बावजूद दुनिया में इस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देशों ने चीन, अमेरिका और ब्रिटेन समेत अपने यहां जनगणना का कार्य पूरा कर लिया है, बस मोदी के राज में भारत ही फेल हुआ है। महिला आरक्षण संसदीय क्षेत्र में महिलाओं के बेहद कम प्रतिनिधित्व को ठीक करने के समाधान के रूप में देखा जा रहा है। इस समस्या को समझने के लिए हमें एक और जनगणना और डिलिमिटेशन की जरूरत नहीं है।"

बकौल दीपांकर, "जो बिल सम्पूर्ण संसदीय गंभीरता का हकदार है उसे लगता है काफी जल्दबाजी में तैयार कर पेश कर दिया गया है। जब क्रिप्प्स मिशन ने भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस का प्रस्ताव दिया था, तब महात्मा गांधी ने उसे "एक घाटे वाली बैंक का पोस्ट डेटेड चेक" कहा था, यह बिल भी वैसा ही पोस्ट डेटेड चेक है। महिला आरक्षण बिल के लिए महिला आंदोलन दशकों से संघर्ष कर रहा है, जिसे व्यापक दायरे की प्रगतिशील राजनीतिक शक्तियों का समर्थन प्राप्त है, इसे एक और चुनावी कलाबाजी में पतित नहीं होने दिया जाएगा।"

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