किसान संगठनों की चेतावनी, 14 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा पर कब्जा और जयपुर हाईवे होगा बंद
नई दिल्ली। सितंबर 2020 में केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का 16वां दिन है। किसान और सरकार के बीच पांच दौर की वार्ता के बावजूद अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। किसान इन कानूनों को पूरी तरह से वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार इस बात पर अड़ी हुई है कि इन कानूनों में संशोधन हो सकता है लेकिन इन्हें वापस नहीं लिया जा सकता है। वहीं किसानों ने अब सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तो 14 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा पर कब्जा किया जाएगा और दिल्ली जयपुर हाईवे को जाम किया जाएगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर केंद्र सरकार हमारी 15 में से 12 मांगों पर सहमत है तो इसका मतलब है कि कानून सही नहीं है। किसान नेता तीनों कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे हैं। किसानों की इस चेतावनी के बाद हरियाणा पुलिस अलर्ट हो गई है।
किसानों की चेतावनी को देखते हुए गुरुग्राम पुलिस और जिला प्रशासन ने शांति व्यवस्था के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया है। इसके लिए तमाम तरह की एडवाइजरी और दो हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।एसीपी हेडक्वार्टर उषा कुंडू के मुताबिक पुलिस की तैनाती के साथ साथ शांति व्यवस्था खराब न हो इसके लिए खुफिया तंत्र को भी एक्टिव करके पैनी नजर रखी जा रही है।
किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए सरकार हर कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर के रेड लाइट पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर आपदा महामारी अधिनियम और विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। वहीं दूसरी ओर किसानों ने देश के सबसे अमीर मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की कंपनी के उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।