Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के लिए किसानों ने कसी कमर, जारी किया विस्तृत प्लान

Janjwar Desk
17 Jan 2021 10:22 PM IST
26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के लिए किसानों ने कसी कमर, जारी किया विस्तृत प्लान
x

(File photo)

मोर्चा ने कहा कि देश के अन्न दाता देश के जवानों के साथ गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं और एक अनुशासित परेड निकालकर गर्व को बरकरार रखने वाले हैं...

जनज्वार। तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन रविवार को 54वें दिन भी जारी रहा। केंद्र सरकार के साथ किसान संगठनों की 9 दौर की वार्ता अबतक विफल रही है। इस बीच किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड निकालने की घोषणा कर रखी है। किसानों का कहना है कि अगर 26 जनवरी के पहले केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे दिल्ली की सड़कों पर ट्रैक्टर रैली का आयोजन करेंगे।

रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जनवरी के 'किसान गणतंत्र दिवस परेड' की योजनाओं का विवरण भी जारी कर दिया। मोर्चा ने कहा कि देश के अन्न दाता देश के जवानों के साथ गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं और एक अनुशासित परेड निकालकर गर्व को बरकरार रखने वाले हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा, 'किसी भी असामाजिक तत्व को इसमें घुसपैठ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हम आग्रह करते हैं कि हरियाणा और दिल्ली पुलिस हमें सहयोग करे। परेड शांतिपूर्ण होगी और आधिकारिक गणतंत्र दिवस परेड को बाधित नहीं करेगी। किसी भी राष्ट्रीय विरासत स्थलों, या किसी अन्य साइट पर कोई खतरा नहीं होगा।'

किसान नेताओं ने बताया कि परेड आउटर रिंग रोड पर होगी। परेड में वाहनों में झांकियां शामिल होंगी जो ऐतिहासिक क्षेत्रीय और अन्य आंदोलनों के प्रदर्शन के अलावा विभिन्न राज्यों की कृषि वास्तविकता को दर्शाएंगी। सभी किसान वाहनों पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाएंगे और इसमें किसान संगठनों के झंडे भी होंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के झंडे को अनुमति नहीं दी जाएगी। परेड में आंदोलन के शहीद किसानों के परिवारों, रक्षा सेवा कर्मियों, सम्मानित खिलाड़ियों, महिला किसानों आदि की भागीदारी होगी।

जो लोग इस परेड में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली नहीं आ सकते, वे अनुशासन और शांति के साथ समान मानदंडों के साथ राज्य की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर परेड का आयोजन करेंगे। मोर्चे ने सभी नागरिकों से आगे आने और अपना समर्थन और एकजुटता व्यक्त करने और परेड देखने की अपील की है।

किसान नेताओं ने कहा कि इससे पहले 18 जनवरी की तिथि को महिला किसान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। कृषि में महिलाओं की अतुलनीय भूमिका, विरोध प्रदर्शन और हर क्षेत्र में महिला एजेंसी का सम्मान करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस दिन महिलाओं द्वारा ही मंच का प्रबंधन किया जाएगा और इस दिन सभी वक्ता महिलाएँ होंगी। समाज मे महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करते हुए अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

मोर्चा के नेताओं ने दावा किया कि आगामी दिनों में देश भर के किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। किसान नेताएँ ने बताया कि उधर कृषक संगठन के नेतृत्व में ओडिशा से दिल्ली के लिए रवाना हुए किसानों का एक बड़ा जत्था आज झारखंड पहुंचा। महाराष्ट्र के सैकड़ों आदिवासी किसान, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं, शाहजहांपुर मोर्चे पर पहुंच गए हैं। कर्नाटक के बेलागवी में, कर्नाटक राज्य के कई किसान नेताओं ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की यात्रा के अवसर पर आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तारी दी।

वहीं सयुंक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन के समर्थकों और ट्रांसपोर्टरों आदि जैसे सेवा प्रदाताओं के खिलाफ एनआईए के इस्तेमाल की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पूछताछ के लिए समन नहीं है, बल्कि पंजाब में केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए मामलों की शुरूआत है। यह सब सरकार के साथ पिछली बैठक में इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से चर्चा होने और सरकार से आश्वासन मिलने के बावजूद हो रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि इस आंदोलन में अब तक 131 किसान शहीद हो चुके हैं। शहीद हुए किसानों के लिए एक अखंड ज्योति शुरू करने की योजना की घोषणा की गई।

संयुक्त किसान मोर्चा ने यह अपील भी की है कि कॉरपोरेट घरानों, खासकर अंबानी और अडानी के उत्पादों और सेवाओं का बहिष्कार करें। भाजपा और एनडीए के उनके सहयोगियों की वास्तविकता को उजागर करें और उनका हर क्षेत्र में विरोध किया जाय।

Next Story

विविध