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आंदोलन

सरकारी कर्मचारियों ने आज पूरे देश में मनाया 'कर्तव्य दिवस', अपनी कमियों को दूर करने का लिया संकल्प

Janjwar Desk
1 July 2020 2:38 PM GMT
सरकारी कर्मचारियों ने आज पूरे देश में मनाया कर्तव्य दिवस, अपनी कमियों को दूर करने का लिया संकल्प
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आज प्रत्येक विभाग के कर्मचारियों ने जनता के प्रति अपनी जवाबदेही पूरी तरह से निभाने हेतु सरकारी क्षेत्र को मजबूत करने व अपनी कमियों को दूर करने का संकल्प लिया....

नई दिल्ली। आज दिनांक 1 जुलाई 2020 को इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर पूरे देश में कर्मचारियों ने कर्तव्य दिवस के रूप में मनाया। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज फेडरेशन के महासचिव प्रेम चंद ने कहा कि लंबे समय से चाहे किसी भी रंग की सरकार क्यों न हो सभी सरकारे, सरकारी क्षेत्र को कमजोर करती आ रही है जिसके कारण आज कोरोना-19 महामारी के थोड़े ही समय पूरी की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है।

प्रेम चंद ने एक बयान में कहा कि आज देश के कर्मचारी-जनता शिद्दत से महसूस कर रहे है कि देश मे पब्लिक हेल्थ सर्विस, पब्लिक एजुकेशन सिस्टम, पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, पब्लिक वाटर सप्लाई, पब्लिक इलेक्ट्रिक सप्लाई एवं पब्लिक डिस्ट्रब्यूशन सिस्टम क्यों मजबूत होना चाहिए, इस बात को वह भालि-भाति समझ गई है। इसलिए कर्मचारियों ने फैसला लिया कि सरकारी क्षेत्र को मजबूत करने का काम उन्ही को करना होगा।

आज प्रत्येक विभाग के कर्मचारियों ने जनता के प्रति अपनी जवाबदेही पूरी तरह से निभाने हेतु सरकारी क्षेत्र को मजबूत करने व अपनी कमियों को दूर करने का संकल्प लिया। पूरे देश में कर्मचारियों ने न केवल संकल्प लिया बल्कि कोरोना-19 में जो जांबाज कर्मचारियों को भी देशभर में सम्मानित किया गया।

इस मौके पर इंडियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी मिश्रा व महा सचिव प्रेम चन्द ने कहा कि हमने बहुत पहले सरकार को आगाह किया था कि सरकार सरकारी क्षेत्र को किसी भी तरीके से कमजोर करने का प्रयास न करे किंतु सरकार ने हमारी मांग को अनसुना किया, जिसका नतीजा आज देश में लाखों लोग इस महामारी से पीड़ित हुए हैं। हजारों को अपनी जान देनी पड़ी, इसलिए आज सरकारी कर्मचारी का दायित्व है कि वह जनता के साथ मिलकर सरकारी क्षेत्र को मजबूत करने की ओर जाएगा।

कर्तव्य दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, ओडिसा, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर, झारखंड, बिहार, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, असम, गुजरात, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों के कर्मचारियों ने संकल्प लिया।

दिल्ली में भी बहुत सारे कर्मचारियों ने इसमें हिस्सा लिया जिसमें जामिया मिलिया इस्लामिया, केन्द्रीय विध्यालय, जेएनयू इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी टीचर, दिल्ली सरकार के टीचर, एनडीएमसी, एमसीडी, सीपीडब्ल्यूडी, नेशनल जूलॉजिकल पार्क समेत सैकड़ों कर्मचारी संगठन शामिल हुए।

इन कर्मचारियों का कहना है कि उनका परिवार इस लड़ाई में जनता के बीच जाकर जन जागरण अभियान चलाएगा ताकि सरकारी कर्मचारियों के बारे में जो विभिन्न माध्यमों से जनता को गुमराह किया जा रहा है उसको ठीक किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई कर्मचारी जनता को नाजायज परेशान करेगा तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करने से नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि आज कोई भी मौका देने के मूड में नहीं हैं जिससे सरकारी क्षेत्र बदनाम हो।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस पर कुछ नहीं करेगी तो स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त के दिन को देशभर के कर्मचारी 'अधिकार दिवस' के रूप में मनाएंगे जिसमें कर्मचारी यह तमाम बुनियादी चीजों को अधिकार के रूप में मांग करेंगे।



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