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आंदोलन

पूछड़ी में हाईकोर्ट से स्टे के बावजूद ग्रामीणों के साथ मारपीट, अवैध हिरासत में लिये जाने और बुल्डोजर कार्रवाई के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीणों ने निकाला जुलूस !

Janjwar Desk
8 Dec 2025 4:35 PM IST
पूछड़ी में हाईकोर्ट से स्टे के बावजूद ग्रामीणों के साथ मारपीट, अवैध हिरासत में लिये जाने और बुल्डोजर कार्रवाई के खिलाफ सैकड़ों ग्रामीणों ने निकाला जुलूस !
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कानूनन जब तक अधिकार निर्धारण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती, तब तक किसी भी ग्रामीण को उसके आवास व भूमि से बेदखल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद विगत 7 दिसंबर को तड़के 5 बजे से वन विभाग व जिला प्रशासन द्वारा बलपूर्वक बेदखली की कार्रवाई की गई...

Ramnagar news : बुल्डोजर राज के खिलाफ संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। उपजिलाधिकारी के माध्यम से कुमाऊं कमिश्नर को प्रेषित ज्ञापन में ग्राम पूछड़ी व उत्तराखंड में चल रही सभी बेदखली एवं दमनात्मक कार्रवाइयों पर तत्काल रोक लगाने व 7 दिसंबर को बेदखल परिवारों को पुनर्वासित करने, महिलाओं व ग्रामीणों के साथ हुई मारपीट व अवैध हिरासत की न्यायिक/उच्च स्तरीय जांच कराने,उच्च न्यायालय के स्टे आदेशों के उल्लंघन हेतु उत्तरदायी डीएफओ प्रकाश आर्य व अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई करने, उत्तराखंड में वनाधिकार कानून का अनुपालन कर वन भूमि पर बसे सभी वन ग्रामों, गोठ व खत्तों को राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग की गई।

तहसील परिसर में हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि ग्राम पूछड़ी में विगत वर्ष ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति का विधिवत गठन हो चुका है। कानूनन जब तक अधिकार निर्धारण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती, तब तक किसी भी ग्रामीण को उसके आवास व भूमि से बेदखल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद विगत 7 दिसंबर को तड़के 5 बजे से वन विभाग व जिला प्रशासन द्वारा बलपूर्वक बेदखली की कार्रवाई की गई। जिन लोगों को हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ तथा जिनको अभी केवल बेदखली का नोटिस दिया गया है, उनके ऊपर भी बुल्डोजर कार्रवाई की गई।

ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति की अध्यक्ष धना तिवारी एवं सदस्य सीमा तिवारी को स्टे आदेश दिखाने के बाद भी मारपीट कर उन्हें हिरासत में लिया गया तथा दर्जनों लोगों पूरे दिन अवैध हिरासत में रखा गया। ग्रामीणों की गेहूं की खेती उजाड़कर वहां पर नगर पालिका कूड़ा डंप कर रही है और पर्यावरण विनाश कर रही है।

वक्ताओं ने कहा कि भूमि खाम भूमि है। वन विभाग ने 1966 से‌ इसे गैरकानूनी तरीके से आरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर रखा है। वन विभाग काशीपुर न्यायालय में इसका मुकदमा 1990 में हार चुका है तथा सूचना आयोग में वन विभाग स्टांप पर लिखकर दे चुका है कि इसके पेपर उसके पास नहीं हैं।

कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रामनगर क्षेत्र के कोने-कोने से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे। आंदोलन की आगामी रणनीति के लिए 9 दिसंबर को पूछड़ी एकता चौक में बैठक आयोजित की गई है।

कार्यक्रम का सरस्वती जोशी ने किया। सभा को पीपी आर्य, कैलाश पांडे, ललित उप्रेती, ललिता रावत, प्रभात ध्यानी, खीम राम, रेनु सैनी, नेहा, सोनम शेख, लालमणी, तुलसी छिंबाल, दीपक तिवारी, सीमा तिवारी, मोहम्मद अकरम, रमेश आर्य, महेश जोशी, जगमोहन रावत ने संबोधित किया।

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