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आंदोलन

अन्न उगाने वाला किसान खुद भूखों मरने पर मजबूर, आज भी क्रांतिकारियों का सपना अधूरा

Janjwar Desk
28 Feb 2023 1:29 PM IST
अन्न उगाने वाला किसान खुद भूखों मरने पर मजबूर, आज भी क्रांतिकारियों का सपना अधूरा
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Gohana news : डॉ. सीडी शर्मा कहते हैं, चन्द्रशेखर आजाद बेशक कम पढ़े-लिखे थे, लेकिन उन्होंने अपने छोटे से जीवन में यह अनुभव प्राप्त कर लिया था कि भारत की गरीबी और बदहाली का मूल कारण अंग्रेजों द्वारा स्थापित शोषणमूलक पूजीवादी समाज व्यवस्था है...

Gohana news : कल 27 फरवरी को क्रान्तिकारी शहीद चन्द्रशेखर आजाद के 93वें शहादत दिवस पर जन चेतना मंच, जन संघर्ष मंच हरियाणा, समतामूलक महिला संगठन, निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन व मनरेगा मजदूर यूनियन द्वारा गोहाना शहर में जुलूस निकाला गया, जो शहीद भगत सिंह चौक गोहाना से शुरू होकर शहीद चन्द्रशेखर पार्क में पहुँचकर सभा में तब्दी हो गया।

सभा को सम्बोधित करते हुए मदन अत्री ने चन्द्रशेखर आजाद के जीवन पर प्रकाश डाला। किसान नेता सूरजभान चहल ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज भी क्रान्तिकारियों का सपना अधूरा है। अन्न उगाने वाला किसान खुद भूखों मरने पर मजबूर हैं। डॉ. सुनीता त्यागी ने कहा कि शहीद चन्द्रशेखर महिलाओं का विशेष सम्मान करते थे, इसलिये हम उनके शहादत दिवस को अश्लीलता विरोधी व नशा विरोधी दिवस के रूप में मनाते हैं।

पूर्व प्राचार्य रघुबीर विरोधिया ने कहा कि चन्द्रशेखर आजाद को देशवासी एक जुझारू, निडर व कुशल क्रान्तिकारी नेता के रूप में तो याद करते हैं, परन्तु जब तक उनके विचारों को ध्यान में रखकर उनके क्रान्तिकारी कार्यक्रम को जनता तक नहीं पहुँचाया जाएगा, तब तक उनकी यादगार सभाएँ औपचारिकता बनकर रह जाएंगी।

मुख्य वक्ता डॉ. सीडी शर्मा ने चन्द्रशेखर आजाद के जीवन संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि चन्द्रशेखर आजाद बेशक कम पढ़े—लिखे थे, लेकिन उन्होंने अपने छोटे से जीवन में यह अनुभव प्राप्त कर लिया था कि भारत की गरीबी और बदहाली का मूल कारण अंग्रेजों द्वारा स्थापित शोषणमूलक पूजीवादी समाज व्यवस्था है। इसलिए उन्होंने भगत सिंह और अन्य कामरेडों के साथ मिलकर इस व्यवस्था को क्रान्ति द्वारा उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से 'हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन' का गठन कर अपना जीवन भारत में मेहनतकश आवाम के लिए कुर्बान कर दिया।

मंच का संचालन महेश कुमार ने किया। सभा में प्रदीप त्यागी, अशोक कुमार, श्याम रैबारी, सेवाराम, भोला राम, संदीप कालड़ा,राजीव बुटाना, सोनू, रमन, केशव, सतबीर सिंह, रोहतास शर्मा, रघुवीर देशवाल, रेखा त्यागी, रितु विरोधिया, कृष्णा, सुशीला, शांति समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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