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आंदोलन

Lucknow News: मिर्जापुर में बिजली विभाग के मुख्य अभियंता की मौत ने पकड़ा तूल, विरोध प्रदर्शन के बाद पत्नी ने दी FIR के लिए तहरीर

Janjwar Desk
21 Nov 2022 7:01 PM IST
मिर्जापुर में बिजली विभाग के मुख्य अभियंता की मौत ने पकड़ा तूल, विरोध प्रदर्शन के बाद पत्नी ने दर्ज कराई FIR
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मिर्जापुर में बिजली विभाग के मुख्य अभियंता की मौत ने पकड़ा तूल, विरोध प्रदर्शन के बाद पत्नी ने दर्ज कराई FIR

Lucknow News: मुख्य अभियंता राजाबाबू की पत्नी सुधा कटियार ने सिटी कोतवाली मिर्जापुर में तहरीर दी है। दी गई तहरीर में UPPCL चेयमैन एम देवराज सहित PUVVNL प्रबंध निदेशक शंभू कुमार के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में मुख्य अभियंता की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसी सिलसिले में आज सोमवार को पावर कारपोरेशन के शीर्ष प्रबंधन द्वारा बिजली कामगारों व अभियंताओं के उत्पीड़न व शोषण पर वर्कर्स फ्रंट ने चिंता जताई है। ऊर्जा विभाग प्रबंधन की स्वेच्छाचारिता और दमनकारी रवैये के विरोध में 29 नवंबर से बेमियादी आंदोलन-कार्यबहिष्कार की घोषणा का वर्कर्स फ्रंट ने समर्थन किया है।

इस मामले में इनपुट है कि मुख्य अभियंता राजाबाबू की पत्नी सुधा कटियार ने सिटी कोतवाली मिर्जापुर में तहरीर दी है। दी गई तहरीर में UPPCL चेयमैन एम देवराज सहित PUVVNL प्रबंध निदेशक शंभू कुमार के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये मुख्य अभियंता को प्रताड़ित करने से हृदयाघात होने का आरोप है। संघर्ष समिति ने दैनिक वीडियो कांफ्रेंसिंग बंद करने की अपील भी की है।

मामले में मीडिया से मुखातिब हुए सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता व वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश उपाध्यक्ष इं. दुर्गा प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों व अभियंताओं के उत्पीड़न पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होने कहा कि मुख्य समस्या यह है कि विगत दो दशक में डिस्कॉम नेटवर्क, पारेषण नेटवर्क और उत्पादन ईकाइयों समेत उपभोक्ताओं की संख्या में पर्याप्त बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में स्वीकृत पदों को बढ़ाया जाना चाहिए था लेकिन पूर्व स्वीकृत पदों को भी नहीं भरा गया जिससे कर्मचारियों व अभियंताओं पर काम का अतिरिक्त बोझ है।

इसके अलावा ऊर्जा प्रबंधन के मनमाने फरमानों, राजस्व वसूली के अव्यवहारिक लक्ष्य और उत्पीड़न से हालात और जटिल हो गये हैं। जानकारी के अनुसार अभी तक 50 से ज्यादा कार्मिकों, जिसमें सर्वाधिक अभियंता है, को बर्खास्त किया जा चुका है और बड़े पैमाने पर निलंबन की कार्यवाही की गई है। उत्पीड़न की कार्रवाई व ऊर्जा प्रबंधन के स्वेच्छाचारी व्यवहार के परिप्रेक्ष्य में संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा मिर्जापुर के मुख्य अभियंता इं. राजा बाबू कटियार की हार्टअटैक से मौत की वजह ऊर्जा विभाग प्रबंधन द्वारा वीडियो कांफ्रेंस के दौरान दबाव बना कर मानसिक उत्पीड़न का आरोप बेहद गंभीर मामला है, इसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए और दोषी पाये जाने पर जिम्मेदारों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाये।

विरोध प्रदर्शन में यह भी कहा गया कि ऊर्जा प्रबंधन का मुख्य मकसद पावर सेक्टर के निजीकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाने का है जिसका कर्मचारियों की ओर से देशव्यापी विरोध हो रहा है। दरअसल ऊर्जा प्रबंधन की अदूरदर्शिता और अविवेकपूर्ण नीतियों से लगातार रेटिंग में गिरावट आई है । इसी तरह संसाधनों का अभाव बता समुचित मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर कारपोरेट बिजली कंपनियों से मंहगी दर पर बिजली खरीद समझौते हैं जिससे अरबों रुपये की राजस्व क्षति पहुंचाई गई।

25 हजार करोड़ रुपये मीटर खरीद के टेंडर प्रक्रिया को भी उन्होंने गैर जरूरी बताया गया। इसका उपयोग अगर बिजली उत्पादन व डिस्कॉम नेटवर्क पर किया जाता तो प्रदेश में बिजली संकट दूर होता और अत्यधिक मंहगी दर से बिजली खरीद से बचा जा सकता है। लेकिन सरकार की मंशा तो पावर सेक्टर को कारपोरेट्स के हवाले करने की है। इसीलिये इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल-2022 का मकसद ही डिस्कॉम को कारपोरेट्स के हवाले करने का है।

बता दें कि शनिवार को मिर्जापुर में बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर राजा बाबू कटियार के असामयिक निधन पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने रोष जताया था। आरोप है कि राजस्व वसूली के लिए उच्चाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये धमका रहे हैं। चीफ इंजीनियर कटियार भी शुक्रवार को एमडी की बैठक के बाद घर आये थे। शनिवार सुबह उनका निधन हो गया था।

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