किसानों ने गोदी मीडिया के खिलाफ खोला मोर्चा, इंटरनेट यूजर्स बोले #किसान_विरोधी_मीडिया
नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। धीरे-धीरे इस आंदोलन को देशभर से समर्थन मिलने लगा है। पंजाब और हरियाणा के किसानों के अलावा अन्य प्रदेशों के किसान भी इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं देश के कथित मेनस्ट्रीम मीडिया में अब भी इस आंदोलन को वजह नहीं दी जा रही है जो मिलनी चाहिए थी। जिन समाचार चैनलों और समाचार पत्रों में किसान आंदोलन पर खबर प्रकाशित भी की जा रही है तो वहां उन्हें खालिस्तान समर्थक बताया जा रहा है। वहीं सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के कई नेता इस आंदोलन के किसानों को कांग्रेस के भड़काए हुए बता चुके हैं।
मीडिया पर अबतक सत्ता समर्थक होने और विपक्ष की आवाज कुचलने के आरोप लगते रहे हैं। इसलिए विपक्ष द्वारा सत्ता समर्थक मीडिया चैनलों को 'गोदी मीडिया' की उपमा भी दी जाती है। लेकिन इस बार आंदोलनकारी किसान खुलकर मीडिया का विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस बात की चर्चा हो रही है। ट्विटर पर इस वक्त 'किसान विरोधी मीडिया' टॉप ट्रेंड है।
#किसान_विरोधी_मीडिया
— Shakil Akhter {6k} (@imShakil18) December 3, 2020
I support this hastag.
If you support
then Retweet.👇
भारतीय मीडिया government or.. corporate का गुलाम बन गई है#किसान_विरोधी_मीडिया #किसान_विरोधी_मीडिया pic.twitter.com/3gmPBNOnUt
Our Farmers are not Terrorist 😢
— Abutalha (@Abutalh00059094) December 3, 2020
Raise your voice against godi media✊💪
I support this hastag.👇
If you support
then Retweet.✊#किसान_विरोधी_मीडिया pic.twitter.com/Nlg44Vnq8f
Farmers hold the backbone of the agricultural system.
— Aafiyah J (@JAafia) December 3, 2020
No Farmers No Food 🙁
I support these Hashtags👇🏻#किसान_विरोधी_मीडिया #FarmersAreNotTerrorists pic.twitter.com/jF4vDmh0jn
Stones for farmers & loans for corporates.
— Tejash Vachhani (@Tejashvachhani_) December 3, 2020
That's how Modi government works
Agree = Retweet#किसान_विरोधी_मीडिया @HardikPatel_ pic.twitter.com/nyycJ3MalT
#Shameless #Media...It's high time this licking lapdog is taught a lesson..And there is no one better than our #farmers to do the honours. #किसान_विरोधी_मीडिया #किसान_आंदोलन https://t.co/8V2wkQkvaw
— Monica Chopra Jagtap (@monadoctor) December 3, 2020
It is very easy for paid media to call farmers terrorists but it is very difficult to show the real truth of farmers, how Anandata is on the sadak#किसान_विरोधी_मीडिया pic.twitter.com/nf1F1Vgj7s
— Puneet (@impuneetsood) December 3, 2020