Begin typing your search above and press return to search.
आंदोलन

'सत्ताधारी ऐतिहासिक विरासत-संघर्षों को नष्ट करने की चला रहे मुहिम और फासीवादी ताक़तें धर्म-जाति के नाम पर मेहनतकश को नफरत की आग में झोंक अम्बानियों-अडानियों को पहुंचा रहे मुनाफा'

Janjwar Desk
28 Sept 2025 4:18 PM IST
सत्ताधारी ऐतिहासिक विरासत-संघर्षों को नष्ट करने की चला रहे मुहिम और फासीवादी ताक़तें धर्म-जाति के नाम पर मेहनतकश को नफरत की आग में झोंक अम्बानियों-अडानियों को पहुंचा रहे मुनाफा
x
पूँजीवादी लूट, दमन, नफरत और झूठ-फ्राड भरे विचारों की पूरी आँधी बह रही है, ताकि मुनाफाखोरों के हित में मेहनतकश जनता की विरासत को पूरी तरह से मिटाया जा सके...

शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस पर रूद्रपुर के कल्याणी व्यू/रवींद्र नगर में कार्यक्रम आयोजित

रुद्रपुर । आज 28 सितंबर को शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के जन्मदिवस पर सेंटर फॉर स्ट्रगलिंग ट्रेड यूनियंस (सीएसटीयू) की ओर से कल्याणी व्यू/रवींद्र नगर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभा में भगत सिंह और साथियों के क्रांतिकारी विरासत और आज के हालात पर चर्चा हुई। इस दौरान भगत सिंह के विचारों की एक पोस्टर प्रदर्शनी और क्रांतिकारी साहित्य की प्रदर्शनी भी लगाई गई और “ऐ भगत सिंह तू ज़िंदा है हर एक लहू के कतरे में!” पर्चा वितरित हुआ।

सभा में शहर के एकमात्र भगतसिंह पार्क में वर्षों से भगत सिंह की मूर्ति न लगाने और वहाँ कार्यक्रमों पर रोक लगाने पर रोष प्रकट किया गया और पूर्व की भांति शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाने और पार्क का ताला खोलकर उसे सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए सुलभ बनाने की माँग की गई।

वक्ताओं ने कहा कि इतिहास के किताबों में वह नहीं पढ़ाया जाता है, जो क्रांतिकारियों की सोच, शानदार संघर्ष और महान कुर्बानियों में था। सत्ताधारी आज ऐतिहासिक विरासत, संघर्षों और प्रतीकों को नष्ट करने की मुहिम चला रहे हैं। फासीवादी ताक़तें धर्म-जाति के नाम पर मेहनतकश को नफरत की आग में झोंककर अम्बानियों-अडानियों को मुनाफा पहुंचा रही हैं। पूँजीवादी लूट, दमन, नफरत और झूठ-फ्राड भरे विचारों की पूरी आँधी बह रही है, ताकि मुनाफाखोरों के हित में मेहनतकश जनता की विरासत को पूरी तरह से मिटाया जा सके।

वक्ताओं ने कहा कि जिस आज़ादी का ख्वाब भगत सिंह और उनके साथियों ने देखा था वह आज भी अधूरा है। 1990 के बाद देश में खुले लूट का उदारवादी दौर शुरू हुआ और मिले अधिकार भी छिनते गए। पिछले एक दशक से मोदी सरकार के राज में देश की 90 फीसदी आबादी के लिए केवल तबाही मची हुई है। श्रम क़ानूनी अधिकारों को खत्म करके मालिकों के हित में चार श्रम संहिताएं लागू हो रही हैं। देश की संपत्तियाँ तेजी से बिक रही हैं। बुलडोजर राज चल रहा है और गरीबों के घर-रोजगार ध्वस्त हो रहे हैं। ठेका प्रथा का चौतरफा बोलबाला है। मालिकों की मनमर्जी है और फोकट में मजदूरी कराने का धंधा है। देश की 92 फ़ीसदी आबादी असंगठित क्षेत्र में है। तमाम युवा घरों में सामान डिलीवरी करने या टैक्सी चलाने वाले ऑनलाइन ड्राइवर आदि के रूप में गिग और प्लेटफार्म वर्कर है। ना कोई सामाजिक सुरक्षा है न हीं रोजगार की कोई गारंटी है। महंगाई और बेरोजगारी बेलगाम है।

आज भगत सिंह और ऐसे तमाम तमाम क्रांतिकारियों के अधूरे सपने को पूरा करने का कार्यभार हमारे सामने है। एक ऐसे आजाद भारत की लड़ाई जहां पर इंसान को इंसान समझा जा सके, जहां हर मजदूर का हकूक मिल सके, जहां गैर बराबरी न हो। नफ़रत की जगह प्यार, इंसाफ और बराबरी का हक मिले, सच्ची आजादी और सम्मानजनक जीवन मिले।

सभा में सीएसटीयू के केन्द्रीय महासचिव मुकुल, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से शिवदेव सिंह, इंकलाबी मजदूर केंद्र से फिरोज खान, भाकपा माले से ललित मटियाली, समता सैनिक दल से गोपाल गौतम, एडिएंट कर्मकार यूनियन से गंगा सिंह, एडविक कर्मचारी संगठन से विकल, LGB वर्कर्स यूनियन से गोबिंद सिंह, भगवती श्रमिक संगठन से लोकेश पाठक, नेस्ले कर्मचारी संगठन से संजय नेगी, बजाज ऑटो संगठन से अतुल त्रिपाठी, आनंद निशिकावा इम्प्लाइज यूनिया से गंगा सिंह, डेल्टा एम्प्लाइज यूनियन से पूरन बिष्ट, रॉकेट रिद्धि सिद्धि कर्मचारी संगठन से महबूब आलम, परफेटी मजदूर संघ से अमित, शंभू शर्मा आदि संगठनों के नेतृत्व में मज़दूर साथी उपस्थित रहे। सभा का संचालन धीरज जोशी ने किया।

Next Story

विविध