यूपी में बेकारी और श्रम कानूनों के कमजोर होने से भुखमरी के शिकार हो रहे मजदूर
मंदुरी, आजमगढ़। किसान एकता समिति द्वारा आज 29 सितंबर को किसान जन संवाद सम्मेलन का आयोजन बलदेव मंदुरी में किया गया। कार्यक्रम में आये वक्ताओं ने कहा कि सालों साल से नहरों में पानी नहीं आ रहा। किसानों को लेकर जो योजनाएं हैं, वह सिर्फ कागजों में हैं। सच्चाई यह है कि खाद मार्केट से गायब हो गई है। सहकारी समितियां मृतप्राय हो चुकी हैं। ग्राम पंचायत में कृषि अधिकारी किसान चौपाल नहीं लगाते हैं। बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी की जांच उन्नतशील बीज के बारे में किसानों में कोई जागरूकता कार्यक्रम सरकार नहीं चलाती है। ग्राम पंचायत कार्यालय संचालित नहीं होते हैं।
मनरेगा योजना पूरी तरह फेल है, धड़ल्ले से जेसीबी से काम करवाया जाता है। रोजगार के अवसरों की अनुपलब्धता और श्रम कानूनों में बदलाव के चलते मजदूर भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। उपजाऊ भूमि अधिग्रहण कर सड़कों को विकास बताने वाली सरकारी नीतियों के चलते पर्यावरण असंतुलित हो गया है। जून में हीट वेब से लोगों की जानें गईं। ग्राम सभाओं के चारागाह या कब्जा हो गए हैं या विकास के नाम पर अधिग्रहीत कर लिए गए हैं इसके चलते पशुओं को चराने की जगह नहीं हैं। कृषि प्रधान भारत का विकास खेती किसानी से होगा न कि एयरपोर्ट से होगा, न एक्सप्रेस वे से।
किसान संवाद में खिरिया बाग आंदोलन के पूर्व प्रधान अवधू यादव, सुनीता, नीलम, रविन्द्र यादव, सिंटू यादव, नंदलाल यादव आदि को किसान एकता समिति द्वारा एयरपोर्ट के नाम पर जमीन छीने जाने के खिलाफ चलाए गए आंदोलन की जीत पर बधाई दी गई।
कार्यक्रम के अध्यक्षता किसान एकता समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव, संयोजन महेंद्र यादव और संचालन दीपक राय ने किया। किसान संवाद को दिनेश यादव मास्टर, किसान नेता राजीव यादव, वीरेंद्र यादव, रामरूप आचार्य, राजदेव यादव, योगेंद्र यादव, रामपलट, रामशकल, सत्य नारायण गुप्ता, कलावती, सुरेश राम, मुन्नालाल राम, रामविलास यादव, साहब लाल आदि ने संबोधित किया।
किसान संवाद में साहेबदीन, चंद्रेश यादव, जमुना प्रसाद यादव, रामसागर, शिव आसरे, श्रीभान उपाध्याय, चंद्रभान तिवारी, जय प्रकाश, पूर्व बीडीसी नागेंद्र यादव, श्याम नारायण यादव, राम पलट शांति उपाध्याय आदि मौजूद थे।