Aaj Ki Taza Khabar 9 november 2021: पढ़ें देश की बड़ी खबरें, सिर्फ एक क्लिक में जानें आज की ताजा खबर
(आज की ताजा खबरें )
Aaj Ki Taza Khabar 9 november 2021: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बदमाशों ने खुद को पुलिसवाला बता कर चेकिंग के बहाने एक महिला से उसके गहने लूट लिए। यह घटना सोमवार दोपहर की बताई जा रही है। पीड़ित महिला के साथ यह घटना गोरखपुर (Gorakhpur Crime News) के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास घटी। कथित तौर पर इंजीनियरिंग कॉलेज के पास रहने वाली महिला देवरिया जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी। तभी तीन बदमाश बाइक पर सवार होकर आए और खुद को पुलिसकर्मी बताकर गहने लूटकर ले गए। बदमाशों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। आए दिन लूट-पाट की घटना की खबरें आती रहती है। पुलिस सतर्क रहने को बोलती है। साथ ही पुलिस का दवा है कि हर रोज घट रही ऐसी घटनाओं पर वह रोकथाम की कोशिश कर रही है लेकिन बावजूद इसके ठगी और लूट-पाट की घटना होती रहती है। ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुई है। दरअसल सिंघडि़या के बसेरा कालोनी में रहने वाली महिला के कुछ बदमाशों ने गहने लूट लिए है।
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मस्जिदों पर हुए कथित हमलों के मामले में त्रिपुरा पुलिस (Tripura Police) ने पत्रकारों समेत 102 लोगों के खिलाफ यूएपीए (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं इस मामले पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editor Guild Of India) की ओर से बयान सामने आया है। एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई से हैरान है जो राज्य में हालिया सांप्रदायिक हिंसा और रिपोर्टिंग और लेखन कर रहे थे। एडिटर्स गिल्ड (EGI) की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि पुलिस ने दिल्ली के उन कुछ वकीलों के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप दायर किए थे जो सांप्रदायिक हिंसा के मामले में एक स्वतंत्र तथ्य खोजने वाले जांच आयोग के हिस्से के रूप में त्रिपुरा गए थे। उसके कुछ दिन बाद यह डिवलपमेंट सामने आया है। पत्रकारों में से एक श्याम मीरा सिंह (Shyam Meera Singh) ने आरोप लगाया है कि केवल 'त्रिपुरा इज बर्निंग' (त्रिपुरा जल रहा है) ट्वीट करने पर उनके खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह एक बेहद परेशान करने वाला ट्रेंड है, जहां इस तरह के कठोर कानून, जिसमें जांच और जमानत आवेदनों की प्रक्रिया बेहद कठोर और कठिन है, का इस्तेमाल केवल सांप्रदायिक हिंसा की रिपोर्ट करने और विरोध करने पर किया जा रहा है।
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महाराष्ट्र में कर्मचारियों की हड़ताल के चलते महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के 223 डिपो पर बस परिचालन सोमवार 8 नवंबर की सुबह बंद कर दिया गया। कर्मचारी संगठन निगम के राज्य सरकार में विलय की मांग करते हुए हड़ताल कर रहे हैं। एसटी बसों के कार्यकर्ताओं के इस आंदोलन का असर उनके परिवार पर भी पड़ रहा है। दापोली एसटी डिपो चालक अशोक वनवे ड्यूटी पर हाथों में चूड़ियां पहनकर पहुंचा तो सब हैरान रह गए। ड्राइवर अशोक वनवे ने बताया कि सुबह उसकी पत्नी के साथ कहासुनी हो गई। कहासुनी के दौरान पत्नी ने अशोक को ताना देते हुए कहा कि लोग मर रहे हैं और तुम ड्यूटी पर जा रहे हो। अशोक की पत्नी ने उसे काम पर नहीं जाने को कहा। उसकी पत्नी ने कहा कि अगर उसे काम पर जाना है तो अपने हाथों में चूड़ियां पहनकर जाओ। अशोक ने कहा कि अगर वो काम पर नहीं आता तो उसे मेमो मिल जाता और दूसरी तरफ पत्नी से बहस भी खत्म करनी थी। मेमो न छूटे और उसकी पत्नी का गुस्सा भी शांत हो जाए इसलिए हाथों में चूड़ियां पहन लीं।
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बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने 5 नवंबर को एविएटर-उद्योगपति विजयपत सिंघानिया (Vijaypat Singhania) की आत्मकथा 'एन इनकंप्लीट लाइफ' (An Incomplete Life) की बिक्री, प्रसार और वितरण पर रोक लगा दी। रेमंड समूह (Raymond Group) के पूर्व अध्यक्ष 83 वर्षीय विजयपत सिंघानिया पुस्तक के विमोचन को लेकर अपने अलग हुए बेटे गौतम सिंघानिया और रेमंड कंपनी के साथ कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। 2019 में रेमंड लिमिटेड और इसके अध्यक्ष गौतम सिंघानिया (Gautam Singhania) ने ठाणे जिला सत्र अदालत और मुंबई की एक दीवानी अदालत में मुकदमा दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पुस्तक की सामग्री मानहानिकारक है। अप्रैल 2019 में ठाणे अदालत ने पुस्तक के विमोचन पर निषेधाज्ञा दी थी। कंपनी ने गुरुवार को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर तत्काल राहत की मांग करते हुए दावा किया कि विजयपत सिंघानिया ने 31 अक्टूबर को 232 पन्नों की किताब का "गुप्त रूप से" विमोचन किया। 5 नवंबर को न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की अवकाशकालीन पीठ ने रेमंड की याचिका पर सुनवाई की और पुस्तक के आगे बिक्री, वितरण और प्रसार पर रोक लगाने का आदेश पारित किया।
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महामारी (Covid-19) के प्रकोप ने पूरे विश्व को हिला दिया। इसकी वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट (Financial Crisis) ने हजारों जिंदगियों को संकट में डाला है, और यही वजह है कि भारत में व्यापारियों के बीच आत्महत्या के मामलों (Suicide Cases) में 50 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। अगर 2019 से तुलना करें तो 2020 में किसानों से ज्यादा कारोबारियों ने सुसाइड किया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में 11,716 कारोबारियों ने आत्महत्या की थी, जबकि इसी दौरान कुल 10,677 किसानों ने आत्महत्या की थी। इन 11 हजार से ज्यादा आत्महत्या के मामलों में 4,356 मामले व्यापारियों के थे, वहीं 4,226 मामले वेंडर्स के थे। वहीं अन्य मामले 'दूसरे बिजनेस' से जुड़े हुए पाए गये। दरअसल एनसीआरबी ने इन तीन कैटेगिरी में बिजनेस समुदाय से जुड़े मामलों को दर्ज करते हुए रेखांकित किया है। 2019 से तुलना करें तो बिजनेस समुदाय में 2020 में आत्महत्या के मामलों में 29 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।
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