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राष्ट्रीय

Kheda : आईजी, एसपी समेत 15 पुलिसकर्मियों पर गिरी गुजरात हाईकोर्ट की गाज, पूछा - आपके खिलाफ क्यों न की जाए कार्रवाई

Janjwar Desk
21 Oct 2022 4:47 AM GMT
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Ahmedabad News : गुजरात हाईकोर्ट ने गुजरात पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा​ कि खेड़ा में जो कुछ हुआ वो पुरी तरह से नियमों का उल्लंघन है। इसके लिए आप लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।

Ahmedabad News : नवनात्र पूजा के दौरान यानि चार अक्टूबर को खेड़ा ( Kheda ) में पत्थरबाजी में शामिल मुस्लिम युवकों की सार्वजनिक तौर पर पिटाई ( Public flogging ) अब वहां की पुलिस ( Kheda Police ) पर भारी पड़ गया है। गुजरात हाईकोर्ट ( Gujrat High Court ) ने नियम विरुद्ध मुस्लिम युवकों ( Muslim Youth ) की सार्वजनिक तौर पर पिटाई को लेकर वहां की पुलिस को नोटिस जारी कर 12 दिसंबर से पहले जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने आईजी, एसपी समेत 15 पुलिसकर्मियों को नोटिस ( Notice ) जारी किया है।

गुजरात उच्च न्यायालय ( Gujrat High Court ) की एक खंडपीठ ने इस महीने की शुरुआत में नवरात्रि के दौरान पथराव की घटना के बाद खेड़ा जिले के उंधेला गांव में मुस्लिम पुरुषों की सार्वजनिक पिटाई में शामिल पुलिसकर्मियों सहित राज्य के अधिकारियों को गुरुवार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति ए जे शास्त्री की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आईएच सैयद ने कहा कि पुलिसकर्मियों ने खुद वीडियो बनाया और उन्हें सोशल मीडिया पर डाल दिया। एक पुलिस वैन में उन्हें पीड़ितों को थाने से लाया गया, प्रत्येक व्यक्ति को बाहर निकाला गया, पीटा गया और फिर पुलिस वाहन में डाल दिया गया। यह सब सार्वजनिक तौर पर हुआ। यह पूरी तरह से नियमों का उल्लंघन है। ऐसा करते समय पुलिस ने हिरासत और गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी ​दिशा-निर्देशों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया।

हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता जहीरमिया मालेक, मकसूदाबानु मालेक, सहदमिया मालेक, शाकिल्मिया मालेक और शाहिदराजा मालेक की याचिका पर सुनवाई के बाद 15 पुलिस कर्मियों को नोटिस जारी किया। जिन पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किया गया उनमें आईजी (अहमदाबाद रेंज) और खेड़ा एसपी, मटर पुलिस स्टेशन के 10 कांस्टेबल और खेड़ा में स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी), एलसीबी के एक निरीक्षक और दो उप निरीक्षकों के नाम शामिल हैं।

याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि डीके बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों की अवमानना ​​और गैर-अनुपालन के लिए पुलिसकर्मियों को सख्त से सख्त सजा मिले। साथ ही पीड़ित लोगों के लिए मुआवजे की मांग भी की है।



Ahmedabad News : बता दें कि खेड़ा के उंधेला गांव में गरबा कार्यक्रम में प्रतिभागियों पर कथित रूप से पत्थर फेंकने के आरोप में कुछ मुस्लिम युवकों को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद युवकों को एक बिजली के खंभे से बांधकर सार्वजनिक तौर पर पीटा गया। इस घटना के बाद सात अक्टूबर को गुजरात में एक स्वयंसेवी संगठन ने गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को कानूनी नोटिस भेजा था। अल्पसंख्यक समन्वय समिति (एमसीसी) के संयोजक मुजाहिद नफीस ने कानूनी नोटिस के माध्यम से राज्य सरकार से गलती करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की अपील की थी। नफीस ने कहा था​ कि यदि कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वो अदालत का सहारा लेने के लिए बाध्य होंगे। नफीस ने कहा था कि सार्वजनिक तौर पर मुस्लिम युवकों की पिटाई संविधान के अनुच्छेद 21 का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है। साथ ही एक सभ्य समाज की संपूर्ण संवैधानिक भावना के खिलाफ है। इसमें कहा गया है कि कथित पथराव की घटना पुलिस कर्मियों द्वारा गांव की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं को आहत करने के लिए जनता को कोड़े मारने की इजाजत नहीं देती।

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