Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

AIMS Rishikesh Scam : एम्स ऋषिकेश में साढ़े चार करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश, सीबीआई ने मारा छापा, जानिए क्या कार्रवाई हुई?

Janjwar Desk
23 April 2022 8:45 PM IST
AIMS Rishikesh Scam : एम्स ऋषिकेश में साढ़े चार करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश, सीबीआई ने मारा छापा, जानिए क्या कार्रवाई हुई?
x

AIMS Rishikesh Scam : एम्स ऋषिकेश में साढ़े चार करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश, सीबीआई ने मारा छापा, जानिए क्या कार्रवाई हुई?

AIMS Rishikesh Scam : बीते गुरुवार (21 अप्रैल) की रात सीबीआई ने एम्स में दवा और उपकरणों में अनियमितताओं के मामले में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली समेत 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी...

AIMS Rishikesh Scam : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS) ऋषिकेश में 4.41 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। सीबीआई ने स्वीपिंग मशीन और फर्जी ढंग से मेडिकल स्टोर स्थापित करने के अलग-अलग मामलों में एम्स के पांच अधिकारियों समेत आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

आपको बता दें बीते गुरुवार (21 अप्रैल) की रात सीबीआई ने एम्स में दवा और उपकरणों में अनियमितताओं के मामले में उत्तराखंड (Uttarakhand), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), हरियाणा (Haryana) और दिल्ली (Delhi) समेत 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी। सीबीआई का छापा पड़ने की खबर के बाद छापा पड़ने की खबर से एम्स के प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

इस दौरान सीबीआई टीम (CBI Team) ने एम्स के अधिकारियों और संबंधित कंपनियों के मालिकों से भी पूछताछ की है। धांधली की पुष्टि होने पर सीबीआई ने एम्स के पांच अधिकारियों और एक फर्म के मालिक के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज किया था।

वहीं एम्स में स्थापित मेडिकल स्टोर के दो मालिकों के खिलाफ दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया है। स्वीपिंग मशीन की खरीद में 2.41 करोड़ और फर्जी तरीके से मेडिकल स्टोर स्थापित करने में दो करोड़ के नुकसान की पुष्टि हुई है।

आपको बता दें कि एजेंसी ने मामले में जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है उनमें माइक्रोबायोलॉजी विभाग के पूर्व अ​तिरिक्त प्रो. बलराम ओमपर, एनाटॉमी विभाग के पूर्व प्रमुख और प्रोफेसर डॉ. विजेंद्र सिंह, पूर्व सहायक प्रोफेसर डा. अनुभा अग्रवाल, एम्स के पूर्व प्रशासनिक अधिकारी शशिकांत और पूर्व आउंटेंट दीपक जोशी शामिल हैं।

मामले में शकरपुर दिल्ली स्थित प्रो. मेडिक डिवाइसेज के मालिक दीपक जोशी, त्रिवेणी सेवा फार्मेसी के पार्टनर पंकज शर्मा, शुभम शर्मा समेत कंपनी को भी आरोपित किया गया है।

(जनता की पत्रकारिता करते हुए जनज्वार लगातार निष्पक्ष और निर्भीक रह सका है तो इसका सारा श्रेय जनज्वार के पाठकों और दर्शकों को ही जाता है। हम उन मुद्दों की पड़ताल करते हैं जिनसे मुख्यधारा का मीडिया अक्सर मुँह चुराता दिखाई देता है। हम उन कहानियों को पाठक के सामने ले कर आते हैं जिन्हें खोजने और प्रस्तुत करने में समय लगाना पड़ता है, संसाधन जुटाने पड़ते हैं और साहस दिखाना पड़ता है क्योंकि तथ्यों से अपने पाठकों और व्यापक समाज को रु-ब-रु कराने के लिए हम कटिबद्ध हैं। हमारे द्वारा उद्घाटित रिपोर्ट्स और कहानियाँ अक्सर बदलाव का सबब बनती रही है। साथ ही सरकार और सरकारी अधिकारियों को मजबूर करती रही हैं कि वे नागरिकों को उन सभी चीजों और सेवाओं को मुहैया करवाएं जिनकी उन्हें दरकार है। लाजिमी है कि इस तरह की जन-पत्रकारिता को जारी रखने के लिए हमें लगातार आपके मूल्यवान समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है। सहयोग राशि के रूप में आपके द्वारा बढ़ाया गया हर हाथ जनज्वार को अधिक साहस और वित्तीय सामर्थ्य देगा जिसका सीधा परिणाम यह होगा कि आपकी और आपके आस-पास रहने वाले लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित करने वाली हर ख़बर और रिपोर्ट को सामने लाने में जनज्वार कभी पीछे नहीं रहेगा, इसलिए आगे आएं और अपना सहयोग दें।)

Next Story