Women's Marriage Age: "18 साल की उम्र में PM चुन सकते हैं, तो शादी क्यों नहीं" मोदी सरकार से ओवैसी का सवाल
(ओवैसी ने लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल बढ़ाए जाने की आलोचना की)
Legal Age of Girls Marriage: मोदी सरकार के नए फैसले के अनुसार, अब लड़कियों की शादी करने की न्यूनतम आयु सीमा 21 साल होगी। 21 साल से पहले लड़कियों का विवाह (Girls Legal Age of Marriage) कानूनन अपराध होगा। मगर मोदी सरकार के इस निर्णय का AIMIM के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आलोचना की है। शुक्रवार 17 दिसंबर ओवैसी ने अपने ट्विटर पर कहा कि 'जब 18 साल की उम्र में हमे वोट देने के काबिल समझा जाता हैं, तो शादी क्यो नहीं?' एआईएमआईएम प्रमुख (AIMIM Chief Owaisi) ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को कानूनी रूप से 18 साल की उम्र में शादी करने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि अन्य सभी उद्देश्यों के लिए कानून द्वारा उन्हें वयस्कों के रूप में मान्यता दी गई है।
असदुद्दीन ओवैसी (AsaduddinOwaisi) ने कहा कि 'मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए शादी की उम्र बढ़ाकर 21 करने का फैसला किया है। यह विशिष्ट पितृसत्ता है जिसकी हम सरकार से उम्मीद करते आए हैं। 18 साल के पुरुष और महिला अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, प्रधान मंत्री चुन सकते हैं और सांसद और विधायक चुन सकते हैं लेकिन शादी नहीं कर सकते हैं?' उन्होंने केंद्र सरकार के फैसले को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि, '18 साल के बाद युवा को यौन संबंधों और लिव-इन पार्टनरशिप (Live In Partnership) के लिए सहमति दे सकते हैं लेकिन अपने जीवन साथी का चयन नहीं कर सकते हैं?'
बाल विवाह के लिए सामाजिक सुधार जरूरी
कम उम्र में बच्चों की शादी को लेकर ओवैसी ने कहा कि, '10 साल के होने से पहले ही 1.2 करोड़ बच्चों की शादी हो चुकी है। इनमें से 84% बच्चे हिंदू परिवारों से हैं और केवल 11% ही मुस्लिम वर्ग के हैं। इससे यह स्पष्ट है कि बाल विवाह को रोकने के लिए शिक्षा और मानव विकास में सामाजिक सुधार और सरकारी पहल महत्वपूर्ण हैं। शादी की कानूनी उम्र से अधिक बेहतर शिक्षा और बेहतर आर्थिक संभावनाएं ज्यादा जरूरी पहलू हैं, जो शादी पर प्रभाव डालती हैं।' एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि बाल विवाह अधिकतर गरीब परिवारों में होता है।
मोदी पर ओवैसी का निशाना
ओवैसी ने कहा, 'अगर मोदी (PM Narendra Modi) ईमानदार होते तो उन्होंने महिलाओं के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया होता। भारत इकलौता ऐसा देश है जहां कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी में गिरावट आ रही है यह 2005 में 26 प्रतिशत से 2020 में गिरकर 16 प्रतिशत हो गई।' उन्होंने कहा, 'एक कानून के बावजूद बाल विवाह बड़े पैमाने पर होते हैं। भारत में हर चौथी महिला की शादी 18 साल की उम्र से पहले हुई थी, लेकिन बाल विवाह के महज 785 आपराधिक मामले दर्ज किए गए। यदि पहले के मुकाबले में बाल विवाह (Child Marriage) कम हुए हैं तो यह शिक्षा और आर्थिक प्रगति के कारण है, आपराधिक कानून के कारण नहीं।'