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राष्ट्रीय

पीएम और भगवान राम की आलोचना करने पर असम के प्रोफेसर पर मुकदमा दर्ज, ABVP कार्यकर्ता की भावना हुई थी आहत

Janjwar Desk
10 Aug 2020 4:21 PM IST
पीएम और भगवान राम की आलोचना करने पर असम के प्रोफेसर पर मुकदमा दर्ज, ABVP कार्यकर्ता की भावना हुई थी आहत
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यकर्ता द्वारा दर्ज कराई गई इस FIR में यह भी आरोप लगाया गया है कि उनके पोस्ट से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं...

नज्वार। भगवान राम (Deity Ram) के विरुद्ध कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी (Derogatory comments) को लेकर असम में एक असिस्टेंट प्रोफेसर के विरुद्ध FIR दर्ज (FIR Lodged against Assistant Professor) कराई गई है। असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा यह टिप्पणी फेसबुक पोस्ट (Facebook Post) के माध्यम से की गई थी। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के एक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद FIR दर्ज की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 8 अगस्त को असिस्टेंट प्रोफेसर अनिंद्य सेन (Anindya Sen) के विरुद्ध यह FIR दर्ज की गई है। रोहित चंद्रा (Rohit Chandra) नामक व्यक्ति की शिकायत पर यह FIR दर्ज कराई गई। रोहित ने खुद को विद्यार्थी संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता बताया था।

(असिस्टेंट प्रोफेसर अनिंद्य सेन द्वारा किया गया फेसबुक पोस्ट)

कैचर (Cacher) के एसपी बीएल मीणा ने मीडिया से कहा 'धार्मिक भावनाएं आहत करने (Hurting Religious Sentiments) वाली फेसबुक पोस्ट के संबन्ध में शिकायत मिली थी। हम इस मामले की जांच करेंगे।'

अनिंद्य सेन सिलचर स्थित असम यूनिवर्सिटी (Asam University) के अंग्रेजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उनके विरुद्ध IPC की धारा 294 (यह धारा सार्वजनिक रूप से गंदे शब्दों के प्रयोग या हरकत से संबंधित है ), 295A (जानबूझकर ऐसी हरकत करना, जिससे धार्मिक भावना आहत हो) तथा धारा 501 (मानहानि कारक बातों को छापना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

5 अगस्त को अयोध्या में राममंदिर का भूमिपूजन हुआ था। पीएम मोदी ने शिलान्यास (Foundation Ceremony) का यह पूजन किया था। 5 अगस्त को ही अनिंद्य सेन द्वारा एक फेसबुक पोस्ट किया गया था। FIR में चंद्रा ने आरोप लगाया है कि उस पोस्ट में सेन ने भगवान राम के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी की है।

FIR के अनुसार, यह भी आरोप लगाया गया है कि सेन द्वारा लगातार हिन्दू धर्म को नीचा दिखाने और संवैधानिक पदों, जैसे प्रधानमंत्री और गृहमन्त्री के पदों पर बैठे व्यक्तियों के विरुद्ध गाली जैसे शब्दों के प्रयोग वाले पोस्ट किए जाते रहे हैं।

हालांकि सेन अपना बचाव करते हुए कहते हैं 'रामायण एक महान कथा है। इसके कई संस्करण हैं। कई स्थानों पर राम की भी आलोचना की गई है। मैं कोई पहला व्यक्ति नहीं हूं, जिसने यह आलोचना की है, इससे पहले भी आलोचना हुई है।

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