Uttarakhand Bharti SCAM : विधानसभा-UKSSSC Paper Leak समेत सभी भर्तियों की जांच का CM धामी ने किया ऐलान, कांग्रेस CBI जांच की मांग पर अड़ी, 30 अगस्त से प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान
UKSSSC Paper Leak Exclusive : भर्ती घोटाले में गिरफ्तार चन्दन मनराल की CM धामी के साथ फोटो आयी सामने, सरकारी विभागों में दलाली है इसकी मुख्य पहचान
सलीम मलिक की रिपोर्ट
Uttarakhand Bharti Scam : अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उत्तराखंड में हुए भर्ती घोटाले पर ट्वीट किए जाने के बाद राज्य सरकार ने विधानसभा सचिवालय सहित सभी शक के दायरे में आने वाली नियुक्तियों की जांच की बात मान ली है। हालांकि राज्य सरकार के इस स्टैण्ड से कांग्रेस खुश नहीं है। वह अभी भी दूध का दूध और पानी का पानी साफ करने के लिए हाई कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई जांच को लेकर सरकार पर न केवल हमलावर है, बल्कि उसने 30 अगस्त से इस मुद्दे पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की भी घोषणा कर दी है।
यह है भर्तियों का पूरा प्रकरण
उत्तराखंड में उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में गड़बड़ी होने पर बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की शिकायत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच शुरू करवाई थी। सबसे पहले छह युवकों को अलग-अलग उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार करते एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद किया था। यह कैश परीक्षा में शामिल हुए विभिन्न छात्रों से पेपर लीक करने के लिए लिया गया था। फिर इसके तार जब ठीक से खुलने लगे तो इस मामले में अब तक कुल ऐसे 27 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो देखते ही देखते फर्श से लेकर अर्श तक का सफर तय कर बैठे थे।
विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर भी माननीय विधानसभा अध्यक्ष जी से अनुरोध करूंगा कि किसी भी समय या कार्यकाल में यदि भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियां पाई जाती हैं तो उस पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाए। हमारे लिए युवाओं का सुरक्षित भविष्य सर्वोपरि है।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 28, 2022
इन गिरफ्तार लोगों में भारतीय जनता पार्टी का एक जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत भी शामिल था। जिससे पार्टी ने तत्काल छः साल के लिए निष्कासित कर इससे अपना पिंड छुड़ाया था। लेकिन हाकम सिंह रावत सहित रामनगर के चन्दन सिंह मनराल की गिरफ्तारी के बाद जब उनके राजनीति और प्रशासन के शक्तिशाली लोगों के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर नुमाया होने लगीं तो मामले ने हाई प्रोफाइल रूप ले लिया। इसी जांच के दौरान पुलिस को कुछ ऐसे इनपुट मिले कि उनसे परीक्षा की यह धांधली केवल एक परीक्षा तक नहीं, बल्कि अब तक की हुई अधिकांश भर्ती परीक्षाओं तक पहुंचने लगी।
एसटीएफ की जांच में हो रही हर गिरफ्तारी के साथ परीक्षाओं की धांधली की नई-नई कहानियां सामने आने पर प्रदेश की राजनीति गर्म हो चुकी थी। ऐसे में इन भर्तियों में हुई धांधलियों की आंच उस विधानसभा सचिवालय तक पहुंच गई, जहां हर सरकार के कार्यकाल में आंखे मूंदकर प्रदेश के युवाओं के भविष्य को बरबाद करने की पटकथा लिखते हुए अपने चहेतों को जमकर इन नौकरियों की रेवड़ियां बांटी गईं। ऐसे में धांधलियों की व्यापकता को देखते हुए इन सभी कारनामों की सीबीआई जांच की मांग हो रही थी।
राहुल गांधी की पोस्ट के बाद सकते में सरकार
इस मामले में ट्विस्ट तब आया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पूरे प्रकरण को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया था। राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट डालकर इस मामले में भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए लिखा था कि भाजपा सरकार में बेरोज़गारों से भी धोखा ! उत्तराखंड में नौकरी माफिया का बोलबाला है। पटवारी, लेखपाल, पुलिस कांस्टेबल, फ़ॉरेस्ट गार्ड और अन्य कई पदों पर नौकरी पाने के लिए लोग जी-तोड़ मेहनत करते हैं, लेकिन भाजपा सरकार में ग़रीब और मध्यम वर्ग के हिस्से की नौकरी पैसा लेकर अमीरों और सरकार के क़रीबी लोगों को बेची जा रही है।
राहुल गांधी ने आगे लिखा था कि नौकरियों में भ्रष्टाचार उत्तराखंड की विधानसभा तक आ पहुंचा है। भर्ती पर भर्ती, परीक्षा पर परीक्षा रद्द हो रही है और मुख्यमंत्री सिर्फ जांच का आदेश देकर अपनी नाकामी से पल्ला झाड़ रहे हैं। रोज़गार की आस में बैठे युवाओं के सपनों से खेलने वालों पर आखिर कार्रवाई कब होगी? ऐसी नाकाम सरका पर बने रहने का अधिकार खो चुकी है भर्तियों में भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस लड़ती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने की सभी धांधलियों की जांच की घोषणा
राहुल द्वारा यह मामला उठाने के बाद से ही उत्तराखंड सरकार असहज हो रही थी। इसके बाद तमाम आलोचनाएं झेल रही धामी सरकार ने विधानसभा सचिवालय सहित सभी संदिग्ध भर्तियों की जांच की घोषणा की। रविवार को सीएम धामी ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में जहां भी गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हो रही है, वहां हमने सख्त जांच के आदेश दे दिये हैं। कुछ मामले एसटीएफ को दिये गये हैं एवं कुछ पर विजिलेंस को नियुक्त किया गया है। सभी मामलों पर कार्यवाही चल रही है। भर्ती घोटालों में किसी को भी नही बख्शा जायेगा, चाहे किसी के हाथ कितने भी लम्बे क्यों न हो कानून द्वारा अपना काम किया जायेगा। विधानसभा में नियुक्तियों में गड़बड़ी की आ रही शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है। हम विधानसभा अध्यक्षा से अनुरोध करेंगे कि विधानसभा में जितनी भी भर्तियां हुई हैं, जिनमें शिकायत आ रही है, वहनियुक्ति चाहे किसी भी कालखण्ड की हो उनमें निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जांच कि विषय में राज्य सरकार से जो भी सहयोग मांगा जायेगा वह दिया जायेगा।
कांग्रेस को सीबीआई जांच से कम कुछ मंजूर नहीं, 30 अगस्त से आंदोलन की घोषणा
उत्तराखंड में अलग अलग विभागों में हुई भर्तियों में धांधली के मामलों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग को लेकर कांग्रेस सरकार पर अभी भी हमलावर है। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने 30 अगस्त से प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान करते हुए कहा कि जिस प्रकार से इन धांधलियों में खुलासे हो रहे हैं, इनकी जांच एसटीएफ के भरोसे किसी अंजाम तक नहीं पहुंच सकती है।
पार्टी राज्य में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग समेत सभी संदिग्ध भर्तियों की जांच सीबीआई से हाई कोर्ट नैनीताल के सिटिंग जज की निगरानी में जांच की मांग करती है। रविवार को उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के लिए संघर्ष करने वालों का सपना था कि पृथक राज्य बन जाने के बाद उत्तराखंड के नौनिहालों को अपने ही राज्य में रोजगार मिलेगा। अपने बूढे माँ-बाप को छोड़ कर पलायन नहीं करना पड़ेगा। आज वे लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
धस्माना ने कहा कि सबसे बड़े अफसोस कि बात तो यह है कि राज्य के विभिन्न विभागों से होता हुआ भर्ती घोटाला राज्य की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा के भीतर प्रवेश कर गया है। जहां राज्य की जनता की ओर से निर्वाचित कर भेजे गए कानून बनाने वाले बैठकर प्रदेश की जनता के भाग्य का फैसला करते हैं। धस्माना ने कहा कि प्रदेश के नौजवानों के अंदर भारी आक्रोश है कि इनके हिस्से की नौकरियां उन लोगों के हिस्से में चली गईं, जिनकी जेबें भारी या वे किसी नेता मंत्री या मुख्यमंत्री के नजदीकी हैं या रिश्तेदार हैं। धस्माना ने कहा कि यह राहुल गांधी के बयान का ही असर है कि अब मुख्यमंत्री ने विधानसभा में हुई सभी कालखंडों में हुई नियुक्तियों की जांच की बात कही है। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस सभी भर्ती घोटालों की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग को लेकर 30 अगस्त से राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। 30 अगस्त को पूरे में सभी जिला, महानगरों में राज्य सरकार का पुतला दहन किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के हर ब्लॉक में धरना दिया जाएगा।
जब बंगाल में सीबी आई जांच हो सकती है तो उत्तराखंड में क्यों नहीं?
इस मामले में कांग्रेस के सदन में उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने राज्य सरकार को भर्ती घोटाले पर घेरते हुए एक वाजिब सवाल उठाया है। भुवन कापड़ी ने कहा है कि जब केंद्र सरकार पश्चिमी बंगाल में भाजपा की सरकार नहीं बनने पर ममता बनर्जी की सरकार में सीबीआई जांच करा सकती है तो वह जांच उत्तराखंड में क्यों नहीं हो सकती? केंद्र सरकार एक देश एक विधान एक संविधान कहने की बात करती है तो केंद्र सरकार का पश्चिमी बंगाल में सीबीसीआईडी जांच कराना और उत्तराखंड में अपनी ही सरकार होने के कारण जांच न कराना उसकी नियत पर संदेह प्रकट करता है।