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Bihar Panchayat Election: BPSC की तैयारी छोड़ 21 वर्ष की आकांक्षा बनीं मुखिया, पिता की हत्या के बाद सपना पूरा किया

Janjwar Desk
2 Dec 2021 3:38 AM GMT
Bihar Panchayat Election: BPSC की तैयारी छोड़ 21 वर्ष की आकांक्षा बनीं मुखिया, पिता की हत्या के बाद सपना पूरा किया
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BPSC की तैयारी छोड़ मुखिया चुनाव में उतरी आकांक्षा, लोगों ने दिलाई जीत

Bihar Panchayat Election: मां बाप की 4 बेटियां और एक बेटा में आकांक्षा सबसे बड़ी है। उसका सपना सरकारी अफसर बनने का था। दिल्ली में रहकर वह बीपीएससी की तैयारी कर रही थी...

Bihar Panchayat Election 2021: बिहार के खगड़िया (Khagaria) में मृत पिता के सपने को पूरा करने के लिए एक बेटी ने BPSC की तैयारी छोड़कर पंचायत चुनाव में उतरी, चुनाव लड़ा और जीत गई। खगड़िया की 21 वर्ष की आकांक्षा (Khagaria Akanksha) की आज हर तरफ चर्चा हो रही है। आकांक्षा के पिता की जब हत्या हुई तो वे भी गांव के मुखिया थे। पिता की मौत के बाद वह भी चुनाव में कूद गई। आकांक्षा दिल्ली में बीपीएससी की तैयारी कर रही थी।

आकांक्षा ने खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के मघौना पंचायत से मुखिया पद (Mukhiya election) पर जीत का परचम लहराया है। भाकपा नेता स्‍वर्गीय जगदीशचंद्र बसु उर्फ मुन्ना मुखिया की बड़ी बेटी आकांक्षा बसु ने मात्र 21 वर्ष की उम्र में जीत हासिल की है, जो अबतक का खगड़िया जिले में रिकार्ड है। आकांक्षा ने मेघौना पंचायत से 2,806 वोट से जीत हासिल की है। उनके पिता भाकपा नेता जगदीश चन्द्र बसु 4 बार मुखिया रहे चुके थे। पिछले साल 2020 में अपराधियों ने रंजिश में उनकी हत्या कर दी थी।

पिता के नक्शे कदम पर चलकर जीती

मां बाप की 4 बेटियां और एक बेटा में आकांक्षा सबसे बड़ी है। उसका सपना सरकारी अफसर बनने का था। पिता की मौत के बाद आकांक्षा ने पूरे परिवार को संभाला। दिल्ली में रहकर वह बीपीएससी की तैयारी कर रही थी। अचानक उन्हें मुखिया बननकर अपने पिता की तरह लोगों की सेवा करने का ख्याल आया तो वे पढ़ाई छोड़कर गांव आ गई। मुखिया बनने के लिए पंचायत चुनाव से पहले ही आकांक्षा ने तैयारी शुरू कर दी। चुनाव से पहले ही वह हर गांव का दौरा कर रही थी। लोगों के बीच घूम घूम कर वे पिता की हत्या और पंचायत के विकास के लिए उनके पिता के सपने के बारे में बताया। पिता के नक्शे कदम पर चलते ही पंचायत चुनाव में जीत हासिल कर ली।

जनता ने दिया गांव की बेटी को मौका

आकांक्षा भौतिकी विज्ञान से स्नातक उत्तीर्ण है। दिल्ली में वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी लेकिन पिता की हत्या के बाद वह गांव वापस आ गईं। फिर उनका लक्ष्य ही बदल गया। उन्होंने पिता की तरह मुखिया बनने का सोचा। मेघौना पंचायत से मुखिया पद से कुल 18 प्रत्याशी मैदान में थे। मगर पंचायत की जनता मे भी पढ़ी लिखी बिटिया को मुखिया बनाना उचिता समझा। नतीजतन, आकांक्षा ने खगड़िया जिले के मेघौना पंचायत से 2,806 वोट पाकर रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की है।

मुखिया पद से विजयी परचम लहराने के बाद आकांक्षा बसु ने कहा कि वह अपराधियों के खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगी। पिताजी की शहादत बेकार नहीं जाएगी। गरीबों के हक और विकास को लेकर लड़ाई जारी रहेगी। आकांक्षा ने कहा कि गांव में स्वास्थ्य सेवा में सुधार को लेकर भी वे प्रयास करेंगी। मेघौना जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा बदहाल है, जिसमें सुधार की जरूरत है।

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