मुंगेर गोलीकांड से विवादों में फंसी आइपीएस लिपि सिंह, महागठबंधन की मांग हाइकोर्ट की निगरानी में हो जांच
Lipi Singh File Photo.
जनज्वार। बिहार के मुंगेर में दुर्गा पूजा के बाद देवी दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोगों पर की गई पुलिस की हिंसक कार्रवाई का मामला तूल पकड चुका है। महागठबंधन के घटक दलों ने बुधवार को पटना में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर इस मामले की हाइकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम मुंगेर गोलीबारी की निंदा करते है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद गृहमंत्री भी हैं और डबल इंजन सरकार की इसमें भूमिका है। उन्होंने कहा कि हम उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से पूछना चाहते हैं कि मुंगेर की एसपी लिपि सिंह को जनरल डायर बनने की अनुमति किसने दी। तेजस्वी ने कहा कि इस मामले की जांच हाइकोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए।
We condemn firing by police in Munger, in which 1 person was killed. This double-engine govt definitely had a role in it. We want to ask Dy CM Sushil Modi, who gave permission to become General Dyer? We want High Court-monitored probe: RJD leader Tejashwi Yadav on Munger incident pic.twitter.com/NlXiajkxwg
— ANI (@ANI) October 28, 2020
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार और भाजपा सरकार की सरपरस्ती में मां दुर्गा के उपासकों को जानबूझ कर निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस ने इतनी निर्ममतापूर्वक मां दुर्गा के भक्तों की पिटाई की, गोलियां चलाई की सोच कर रूह कांप जाती है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भजपा व जदयू की सरकार को एक मिनट भी गद्दी पर बैठने का अधिकार नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने अराजकता की सारी हदें पार कर दी है और वर्दी में अपराधियों की खुली छूट दे दी है। यह सरकार शाप व पाप की भागी है। नैतिकता का यह मापदंड है कि अब एक मिनट भी नीतीश कुमार व सुशील कुमार मोदी को कुर्सी पर नहीं रहना चाहिए।
दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि नीतीश कुमार और भाजपा की सरपरस्ती में बिहार के दुर्गा माँ के उपासकों को जानबूझकर कर निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस ने इतनी निर्ममतापूर्वक दुर्गा भक्तों की पिटाई की, जानवरों जैसा व्यवहार किया : श्री @rssurjewala#आज_बदलेगा_बिहार#मुंगेर_नरसंहार pic.twitter.com/F6qTeN1qmM
— INCBihar (@INCBihar) October 28, 2020
घटना के बाद से सोशल मीडिया पर मुंगेर नरसंहार व लिपि सिंह डायर कर रहा है ट्रेंड
यह घटना सोमवार रात की मुंगेर के लोहापट्टी इलाके में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के वक्त घटी, जब पुलिस विसर्जन करने जा रहे लोगों पर लाठियां बरसाने लगी। इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर मुंगेर नरसंहार व वहां की एसपी लिपि सिंह ट्रेंड कर रही हैं। लोग आइपीएस लिपि सिंह को जनरल डायर बता रहे हैं जिसने आजादी के पहले जालियांवाला बाग में गोलियां चलवायी थी।
सीबीआइ के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव ने भी मांग की है कि मुंगेर के डीएम व एसपी का ट्रांसफर किया जाना चाहिए और पीड़ित के परिवार को पांच करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए। चर्चित आइपीएस व कर्नाटक की गृह सचिव डी रूपा ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा है कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोगों को काबू में करने के लिए पुलिस कार्रवाई मं नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा सीआरपीसी में अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए न्यूनतम बल प्रयोग और भीड़ के अवरोध पैदा करने पर बल की उचित संख्या निर्धारित है।
SP/Munger Lipi Singh with <4 yrs service is rookie.
— M. Nageswara Rao IPS (@MNageswarRaoIPS) October 28, 2020
DM Rajesh Meena is senior.
DM &SP responsible for brutal handling of self-created problem.@BiharCMOffice should
1.Transfer DM &SP
2.Order Judicial Enquiry
3. 5 Cr compensation &Govt job to family of killed@ECISVEEP@BJP4India https://t.co/mgLESZHZXQ
Use of minimum force by police to disperse the unruly mob; reasonable amount of force proportional to the resistance by mob is what is prescribed by CrPC. Prior to use of actual bullets, announcement of warning, followed by use of tear gas is the SOP, sadly not seen in #Munger https://t.co/PdUKSaxaEr
— D Roopa IPS (@D_Roopa_IPS) October 27, 2020
मालूम हो कि 2016 बैच की आइपीएस अधिकारी लिपि सिंह जदयू के कद्दावर नेता व राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह की बैटी हैं। लिपि सिंह इससे पहले बाहुबली विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर चर्चा में आयी थीं।
मुंगेर के व्यापारियों ने भी इस कार्रवाई की निंदा की है और कार्रवाई नहीं होने तक बंद रखने का आह्वान किया है। लोग ट्विटर पर लगातार लिपि सिंह को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने यह कार्रवाई कुछ उपद्रवियों द्वारा की गई पत्थरबाजी के बाद की जिसमें कुछ पुलिस वाले घायल हो गए।