बीजेपी ने अपने राज्यसभा सदस्यों के लिए जारी किया व्हिप, कल किसानों का देशव्यापी बंद
File photo
जनज्वार। तीन नये कृषि कानूनों के विरुद्ध किसान दिल्ली के टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन पिछले 70 दिनों से ज्यादा समय से जारी है। इस बीच देश-विदेश के कई सेलिब्रेटिज खुलकर पक्ष-विपक्ष में खड़े हो गए हैं। देश के विपक्षी राजनीतिक दल जहां आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं, वहीं सदन में भी हंगामा हो रहा है। इस बीच केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने दल के राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है।
भाजपा ने राज्यसभा सांसदों को तीन लाइनों का व्हिप जारी किया है। इसमें सांसदों को 8 से 12 फरवरी के बीच सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है, ताकि कृषि कानूनों पर पार्टी का पक्ष मजबूती से रखा जा सके।
इस बीच, किसान संगठन 6 फरवरी यानी शनिवार होने वाले राष्ट्रव्यापी चक्का जाम को लेकर तैयारी में जुटे हैं। वहीं, 26 जनवरी की घटना के बाद से दिल्ली की सीमों पर पुलिस और सुरक्षाबल पूरी तरह से मुस्तैद हैं।
चक्का जाम के संबंध में भारतीय किसान यूनियन (दोआबा) के अध्यक्ष मंजीत सिंह राय ने कहा कि 'हमने 6 तारीख़ को चक्का जाम का ऐलान किया है। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम रहेगा। हम इस चक्का जाम से दिखाना चाहते हैं कि पूरे देश के किसान एक हैं। पूरा देश किसानों के साथ हैं. हमें सरकार को अपनी ताकत दिखानी है।'
उधर किसान आंदोलन को लेकर केंद्र पर ''असंवेदनशील'' रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए राकांपा प्रमुख और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि अगर किसानों ने प्रदर्शन का शांतिपूर्ण रास्ता छोड़ दिया, तो देश में बड़ा संकट पैदा हो जाएगा और भाजपा सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी।
वहीं पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने भी प्रतिक्रिया दी है। ट्विटर पर कपिलदेव ने लिखा, 'मैं अपने देश भारत से बेहद प्यार करता हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द किसान और सरकार के बीच ये मुनमुटाव जल्द खत्म हो। इसी के साथ उन्होंने लिखा कि एक्सपर्ट्स को फैसला लेने दें। साथ ही उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ बड़ी कामयाबी के लिए शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि मैं भारतीय टीम को भी इंग्लैंड के खिलाफ आने वाली सीरीज के लिए बधाई देता हूं।'
उधर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन अब तक 'अराजनीतिक' रहा है और 'आगे भी रहेगा' तथा किसी भी राजनीतिक दल के नेता को उसके मंच का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।