Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

Chhattisgarh Journalist Arrested : छत्तीसगढ़ में पत्रकार की गिरफ्तारी: स्वतंत्र पत्रकारों का दमन राज्यसत्ता का स्वभाव बन गया है?

Janjwar Desk
4 March 2022 3:29 PM GMT
Chhattisgarh Journalist Arrested : छत्तीसगढ़ में पत्रकार की गिरफ्तारी: स्वतंत्र पत्रकारों का दमन राज्यसत्ता का स्वभाव बन गया है ?
x

 छत्तीसगढ़ में पत्रकार की गिरफ्तारी: स्वतंत्र पत्रकारों का दमन राज्यसत्ता का स्वभाव बन गया है ?

Chhattisgarh Journalist Arrested : छत्तीसगढ़ में 2 मार्च की रात पुलिस ने रायपुर के पत्रकार नीलेश शर्मा (Nilesh Sharma) को उनके लोकप्रिय राजनीतिक व्यंग्य लेखन के 'अपराध' के चलते गिरफ्तार कर लिया.....

दिनकर कुमार की रिपोर्ट

Chhattisgarh Journalist Arrested : जिस तरह लोकतंत्र के तमाम अंगों को कुचलने का अभियान देश में चलाया जा रहा है उसी तरह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom Of Speech) को पूरी तरह खत्म करने के लिए निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारों (Journalists) की आवाज को बंद करने के लिए देशभर की राज्य सरकारें दमनकारी कानूनी धाराओं का इस्तेमाल कर रही हैं। दमन के मामले में भाजपा (BJP) के साथ गैर भाजपा सरकारों का चरित्र भी एक जैसा ही नजर आ रहा है।

मीडिया की आजादी (Press Freedom) किस हद तक खतरे में है इसके संकेत मोदी राज के पिछले आठ सालों में मिले हैं। गलत सूचनाओं से निपटने की आड़ में अधिनायकवादी सत्ता ने दमनकारी कानूनी उपायों का सहारा लिया है। ऑनलाइन जानकारी को नियंत्रित करने के लिए नवीन तरीकों का उपयोग किया जा रहा है जिससे पत्रकारिता पर सरकारों का दबाब बना रहे। पत्रकार लगातार हिंसा के शिकार हो रहे हैं और उनकी मनचाहे ढंग से गुप्त निगरानी की जा रही है। पत्रकारों पर इन हमलों के लिए अक्सर कोई जवाबदेही नहीं होती है, जबकि पत्रकारों के खिलाफ पुलिस या सुरक्षा बलों के लोग या राजनेता षड्यंत्रपूर्वक हिंसा और दबाने का कार्य करते हैं।

ताजा मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का है जहां 2 मार्च की रात पुलिस ने रायपुर के पत्रकार नीलेश शर्मा (Nilesh Sharma) को उनके लोकप्रिय राजनीतिक व्यंग्य लेखन के 'अपराध' के चलते गिरफ्तार कर लिया। विडम्बना की बात है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) केंद्र की मोदी सरकार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए पिछले कई सालों से नसीहत देते रहे हैं लेकिन कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ में ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलने की कोशिश हो रही है।

रायपुर के पड़ोस के नगर आरंग के एक अल्पज्ञात कांग्रेसी कार्यकर्ता खिलावन निषाद की तरफ से दर्ज शिकायत के आधार पर रायपुर पुलिस के साइबर सेल ने तत्परता से कदम उठाया और शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। शर्मा इंडिया राइटर पत्रिका और इंडिया राइटर पोर्टल के संपादक हैं। उनको 3 मार्च को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

शर्मा के खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा गया है कि वह अपने राजनीतिक व्यंग्य के कालम 'घुरवा के माटी' के जरिये कांग्रेस नेताओं की छवि को धूमिल कर रहे हैं। वह मंत्रियों और विधायकों के काल्पनिक नाम रखकर उनके चरित्र का हनन कर रहे हैं। शिकायत में शर्मा को गोदी मीडिया का एक अंग बताया गया है। हकीकत यह है कि जब प्रदेश में रमन सिंह की अगुआई में भाजपा सरकार थी तब भी शर्मा 'चोखेलाल' कालम के जरिये तत्कालीन सरकार की आलोचना करते थे।

इन दिनों देश भर में पत्रकार आधारहीन मुकदमों का लगातार सामना कर रहे हैं। ऐसे मुकदमे पत्रकारों और अन्य ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए लादे गये हैं जो शक्तिशाली व्यक्तियों या ताकतवर कम्पनियों या व्यापारियों के व्यवहार पर आलोचनात्मक टिप्पणियां करते हैं। एक पत्रकार या मानवाधिकार रक्षक पर मुकदमे दबाव डालने के लिए लाए जाते हैं, न कि अधिकार को साबित करने के लिए और यह प्रायः बेकार, तुच्छ या अतिरंजित दावों पर आधारित होते हैं।

स्वतंत्र पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एक और चुनौती सरकारों द्वारा ऑनलाइन सूचना पर पाबंदी लगाने की कोशिशें हैं। कठोर और दमनकारी माहौल को लागू करने के लिए इंटरनेट को नियंत्रित या समय समय पर बंद किया जाता है।

कई देश अलग-अलग तरीकों से ऑनलाइन अभिव्यक्ति पर तेजी से नकेल कस रहे हैं। कई देशो के भीतर अलग अलग क्षेत्रों में इंटरनेट को अत्यधिक नियंत्रित किया जा रहा है। इसमें इंटरनेट को या तो समय-समय पर अवरुद्ध किया जाता है या फिर वेबसाइटों को फ़िल्टरिंग के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है।

इस समय स्वतंत्र पत्रकारिता को गम्भीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पत्रकारिता के माध्यम से जीविका चलाने में मुश्किलें हो रही हैं क्योकि सत्ताधारी लोग कठिन क़ानूनों को ज़बरदस्ती थोप रहे हैं।

Next Story

विविध