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Chhattisgarh News : 'आदिवासियों के कानूनी अधिकारों को कुचलकर अडानी-अंबानी के लिए मोदी सरकार का एक और तोहफा'

Janjwar Desk
15 July 2022 12:22 PM IST
Chhattisgarh News : आदिवासियों के कानूनी अधिकारों को कुचलकर अडानी-अंबानी के लिए मोदी सरकार का एक और तोहफा
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Chhattisgarh News : 'आदिवासियों के कानूनी अधिकारों को कुचलकर अडानी-अंबानी के लिए मोदी सरकार का एक और तोहफा'

Chhattisgarh News : नियमों में संशोधनों के अनुसार वन जमीन को निजी पूंजी-कंपनियों के लिए डायवर्सन के सम्वन्ध में त्वरित कार्यवाही की जाएगी, इस प्रक्रिया में राज्य सरकार तथा संवैधानिक ग्रामसभा की भूमिका लगभग नगण्य कर दी गई है...

जनज्वार। मोदी सरकार की "इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस" नीति के तहत केंद्रीय वन पर्यावरण एव जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के द्वारा 28 जून 2022 को वन सरंक्षण अधिनियम 1980 के नियम में संशोधन किया है। नियमों में संशोधनों के अनुसार वन जमीन को निजी पूंजी-कंपनियों के लिए डायवर्सन के संबंधमें त्वरित कार्यवाही की जाएगी। इस प्रक्रिया में राज्य सरकार तथा संवैधानिक ग्रामसभा की भूमिका लगभग नगण्य कर दी गई है। वन भूमि के डायवर्सन के संबंध में संघीय सरकार का अधिकार सर्वोपरि बना दिया गया है।

कोविड में 5 लाख वन अधिकार के दावे गैर कानूनी रूप से खारिज

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह संशोधन देश के आदिवासी एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों के साथ हुए "ऐतिहासिक अन्याय' को सुधारने के लिए तथा औपनिवेशिक वन प्रशासन को ग्रामसभा के जरिए लोकतांत्रिक करने की दिशा में लाए गए "वन अधिकार मान्यता कानून 2006" को सिरे से खारिज करता है एवं वन विभाग के हाथ मे असीम क्षमता देते हैं।

निजी पूंजी को सहूलियत देने के लिए कानूनों-नियमों में परिवर्तन कर लोकतांत्रिक कानूनों-नियमों को न्यून या खारिज कर देना ही मोदी सरकार का "मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेस" की नीति है।

वैसे भी वन अधिकार मान्यता कानून को लागू किए 15 वर्ष हो चुके हैं । इसके प्रभावी क्रियान्वयन से देश के लगभग 1,77,000 गांव में स्थित सभी वन क्षेत्र (400 लाख हेक्टर से ज़्यादा) ग्रामसभा के अधीन हो जाना था, लेकिन सच्चाई यह है कि इस क्षेत्र का सिर्फ 3-5% वन क्षेत्र ही ग्रामसभा के नाम से हो पाया है। इसके विपरित कोविड के समय देश में लगभग 5 लाख वन अधिकार के दावों को गैर कानूनी रूप से खारिज़ कर दिया गया।

कानूनी रूप से हस्तांतरित वन क्षेत्र की राशि नहीं दी गई

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक मंडल सदस्य ओलाक शुक्ला के मुताबिक, वर्ष 2008 से 2019 तक विभिन्न परियोजनाओं के लिए लगभग 2,53,179 हेक्टेयर वन जमीन का डायवर्सन किया गया तथा 47,500 हेक्टर जमीन वनीकरण के नाम से गैर-कानूनी रूप से ग्रामसभा की सहमति बिना ही हस्तांतरित कर दिया गया। यहां तक की कानूनी रूप से हस्तांतरित वन क्षेत्र का "नेट-प्रेजेंट वेल्यू" ,जो प्रति हेक्टर 10.69 लाख से 15.95 लाख है, वह राशि ग्रामसभा को हस्तांतरित नहीं की गई।

अब इन संशोधित नियम {नियम 9 (6)(b)(ii)} से संघीय सरकार को सर्वोपरि एवं निरंकुश बनाते हुए पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार मान्यता कानून 2006 को पूरी तरह खारिज़ कर दिया है। यहां तक की नियम {9( 4)(a)} के तहत 5 हेक्टर के न्यून वनक्षेत्र के डायवर्सन में जांच के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया जबकि वह वन क्षेत्र जो वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं, जैसे छत्तीसगढ़ में "राजस्व वन, बड़े झाड़-छोटे झाड़ "इत्यादि के लिए जिला कलेक्टर एवं डी एफ ओ को संयुक्त जांच के लिए अधिकृत हैं।

आदिवासी और वन निवासियों के कानूनी अधिकारों को कुचलने की तैयारी

संशोधित नियम 9(4)(f) के अनुसार पेट्रोलियम या माइनिंग लीज के लिए प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस के लिए कोई स्वीकृति की ज़रूरत नहीं है।

नियम 9(5)(a) इत्यदि वन अधिकार मान्यता कानून , पेसा कानून तथा वन क्षेत्र को परिभाषित करते हुए 1996 में माननीय सर्वोच्च न्यायलय द्वारा दी गयी आदेश के विपरीत है।

मोदी के द्वारा इन नियमों के संशोधन के जरिए वन क्षेत्र का मौद्रीकरण (मॉनिटाइज) करते हुए निजी पूंजी के हाथ में निर्वाद रूप से सुपुर्द करने की मंशा है जो संविधान, आदिवासी एवं अन्य वन निवासियों के कानूनी अधिकारों की कुचलते हुए लागू की जाएगी।

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन छत्तीसगढ़ के आदिवासी तथा अन्य वन निवासियों के संगठनों एवं राज्य सरकार से आग्रह करता है कि ऐसे निरंकुश कारपोरेट परस्त जन -विरोधी गैर-कानूनी नियम के विरुद्ध संसद से सड़क तक आवाज उठाएं। आदिवासी आंदोलनों से विशेष आग्रह है की 9 अगस्त अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर ऐसे जन विरोधी, आदिवासी विरोधी नियमों को तुरंत खारिज़ करने के लिए प्रमुखता से अपनी आवाज़ बुलंद करें।

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन पूरे प्रदेश में एवं देश के अन्य जनवादी संगठनों के साथ मिलकर इन संशोधनों के खिलाफ व्यापक जमीनी आंदोलन शुरू करेगा।

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