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Congress Chintan Shivir : 'हमारे कुछ सीनियर नेता डिप्रेशन में हैं..', उदयपुर के चिंतन शिविर में राहुल ने ये ताना किसे और क्यों मारा ?

Janjwar Desk
16 May 2022 7:09 AM GMT
Congress Chintan Shivir : हमारे कुछ सीनियर नेता डिप्रेशन में हैं...उदयपुर के चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने ये ताना किसे और क्यों मारा ?
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Congress Chintan Shivir : हमारे कुछ सीनियर नेता डिप्रेशन में हैं...उदयपुर के चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने ये ताना किसे और क्यों मारा ?

Congress Chintan Shivir : हालांकि अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी ने किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन नेताओं के डिप्रेशन को लेकर उनके बयान का इशारा साफ तौर पर कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 नेताओं की ओर था। जी-23 में शामिल कांग्रेस के तमाम नेता कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व खासकर गांधी परिवार को चुनौती देते हुए नजर आए थे...

Congress Chintan Shivir : उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) के आखिरी दिन राहुल गांधी ने संबोधित ( Rahul Gandhi Speech ) किया। उन्होंने अपने भाषण में हमला तो बीजेपी पर किया, लेकिन सीधे तौर पर कांग्रेस नेताओं को नसीहत देने से पीछे नहीं रहे। राहुल ने कहा कि जब भी कांग्रेस के नेता हमारे पास आते हैं तो यही बात करते हैं कि हमें क्या मिलेगा। जबकि होना यह चाहिए कि हम जनता को क्या देंगे। यही कारण है कि हमारे कुछ सीनियर नेता डिप्रेशन में चले गए हैं। इसलिए इस चिंतन शिविर में यह निर्णय लिया गया है कि अक्टूबर में पूरी कांग्रेस पार्टी देश की जनता के बीच जाएगी। यात्रा करेगी और जो जनता के साथ कांग्रेस का रिश्ता था और जो है, उसे एक बार फिर से मजबूत करेगी।

हालांकि अपने भाषण (Congress Chintan Shivir) के दौरान राहुल गांधी ने किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन नेताओं के डिप्रेशन को लेकर उनके बयान का इशारा साफ तौर पर कांग्रेस के असंतुष्ट G-23 नेताओं की ओर था। जी-23 में शामिल कांग्रेस के तमाम नेता कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व खासकर गांधी परिवार को चुनौती देते हुए नजर आए थे। माना जा रहा है कि चिंतन शिविर के दौरान राहुल गांधी ने अपना यही दर्द बयान किया है। आपको बता दें कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद से कई मौकों पर वे पार्टी से नाराज चल रहे G-23 के निशाने पर रहे हैं। यही नहीं, उनके कुछ भरोसेमंद साथियों ने भी अलग राह भी पकड़ ली। जिनमें माधव राव सिंधिया, जितिन प्रसाद और आरपीएन सिंह जैसे नेता है। जो कभी राहुल बहुत करीबी रहे थे पर अब उन्होंने भगवा खेमे का दामन थाम लिया है। यही कारण है कि राहुल गांधी ने सीधे तौर पर तो कुछ कहने से परहेज किया पर इशारों ही इशारों में पार्टी से नाराज चल रहे जी-23 नेताओं पर निशाना साध ही दिया।

जी 23 समूह में कांग्रेस के कई वरिष्ठ असंतुष्ट नेता शामिल हैं। यह समूह पहली बार 2020 में पहली बार चर्चा में आया। तब इसमें 23 नेता शामिल थे। इसलिए इन्हें G-23 कहा गया। जी 23 समूह में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रताप सिंह, शंकर सिंह बघेला, शशि थरूर, एमए खान, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पीजे कुरियन, राजिंदर कौर भट्टल, मिलिंद देवड़ा, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री, रेणुका चौधरी, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर और प्रेणित कौर शामिल हैं।

कांग्रेस के नाराज खेमे जी-23 में कौन-कौन से नेता शामिल हैं

नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के असंतुष्ट जी 23 नेताओं की संसदीय बोर्ड के गठन की प्रमुख मांग को संगठनात्मक मुद्दों पर बनाए गए उपसमूह ने स्वीकार कर लिया है और इसे कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में रखा जाएगा। CWC की बैठक बाद में होगी और इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। लेकिन, कांग्रेस संसदीय बोर्ड (CPB) के सदस्य चुने जाएंगे या मनोनीत होंगे, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। खबरों की मानें तो कुछ समय पहले ही CPB को बंद कर दिया गया था और अब इसकी मांग पर उदयपुर में 'चिंतन शिविर' के दौरान चर्चा की गई और जी-23 नेताओं ने पार्टी फोरम में इस मुद्दे को उठाया।

जनता के बीच में जाने का आह्वान

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के नेताओं से जनता के बीच में जाने का आह्वान करते हुए कहा कि देश के लोगों के साथ पार्टी का संपर्क टूट गया है और उसे फिर से जोड़ना होगा। उन्होंने पार्टी के चिंतन शिविर के दौरान अपने संबोधन में यह भी कहा कि आगामी अक्टूबर महीने में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे और उनके मुद्दों को समझेंगे। राहुल गांधी ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र की मौजूदा सरकार में प्रदेशों और जनता को संवाद करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संवाद का मंच प्रदान करती है जो बीजेपी, आरएसएस और क्षेत्रीय पार्टियों में संभव नहीं है।

रीजनल पार्टियां कभी भी बीजेपी को नहीं हरा सकती

राहुल गांधी ने कहा कि हमें जनता को बताना होगा कि यह लड़ाई रीजनल पार्टियां नहीं लड़ सकती। यह लड़ाई केवल कांग्रेस ही लड़ सकती है। रीजनल पार्टियां बीजेपी को कभी भी नहीं हरा सकती। क्योंकि उनके पास कोई विचारधारा नहीं है, वे अलग-अलग हैं।

कांग्रेस का संपर्क जनता से टूट गया है

राहुल गांधी ने युवाओं को पूरा मौका देने का आह्वान करते हुए है कि संगठन में अनुभवी और युवा नेताओं का संतुलन बनाना होगा। उन्होंने कहा कि चाहे हमारे वरिष्ठ नेता हों, कनिष्ठ नेता हों या कार्यकर्ता हों, उन्हें जनता के बीच जाना चाहिए। जनता के साथ कांग्रेस का संपर्क टूट गया है, उसे स्वीकार करना होगा। उसे फिर से बनाना होगा। जनता समझती है कि कांग्रेस पार्टी ही देश को आगे ले जा सकती है।

हिन्दुस्तान में आग लगने वाली है, हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को बचाएं

अपने संबोधन (Congress Chintan Shivir) के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दुस्तान में आग लगने वाली है। मैंने आपको कोविड से पहले चेताया था, अब फिर कह रहा हूं । वर्तमान सरकार देश के अहम संस्थानों को तोड़ रही है, ये जितना संस्थानों को खत्म करेंगे उतनी ही आग लगेगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि देश में यह आग नहीं लगे। यह हमारे नेता और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। यह काम केवल कांग्रेस कर सकती है। इस देश में ऐसा कोई धर्म, जाति, व्यक्ति नहीं है जो यह कह दे कि उसने कांग्रेस के लिए दरवाजे बंद कर दिए हो। कांग्रेस सबकी पार्टी है।

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