Nagpur Police के लचर रवैये पर कोर्ट का सख्त रुख, कहा - 28 दिनों के अंदर RSS के खिलाफ FIR दर्ज कर रिपोर्ट दाखिल करो
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Nagpur News : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) के पास कितने हथियार हैं, का ब्यौरा न देने और अदालती आदेशों के बावजूद संघ के खिलाफ केस दर्ज न करने के एक मामले में नागपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ( Nagpur Court ) ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। अदालत ने नागपुर पुलिस ( Nagpur Police ) को चेताते हुए कहा है कि 28 दिनों के अंदर मुकदमा ( FIR ) दर्ज कर रिपोर्ट दाखिल करो। ऐसा न करने पर हम सख्त फैसला ले सकते हैं।
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में नागपुर जिला और सत्र न्यायालय ने हथियारों के गैर कानूनी कब्जे को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) के खिलाफ शिकायत मिलने के बावजूद केस दर्ज करने में विफल रहने के बाद यह नोटिस जारी किया है। अदालत ने नागपुर पुलिस को बताया कि 28 दिनों के अंदर न केवल मुकदमा दर्ज करें बल्कि जवाब दाखिल करने का भी आदेश दिया है। जिला एवं सत्र न्यायालय सामाजिक कार्यकर्ता मोहसिन जबलपुरे की याचिका पर सुनवाई के बाद ये आदेश स्थानीय पुलिस को दिए हैं।
दरअसल, मोहसिन जबलपुरे सोशल एक्टिविस्ट होने के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने ने 2018 में एक आरटीआई दायर कर स्थानीय कोतवाली पुलिस स्टेशन से आरएसएस के हथियारों के बारे में विवरण मांगा था। जबलपुरे ने इस बात की भी जानकारी मांगी थी कि क्या आरएसएस के हथियार चुनाव के दौरान या अन्य आपात स्थितियों के दौरान जब्त किए गए थे।
मोहसिन जबलपुरे ने नागपुर कोतवाली पुलिस से आरएसएस ( RSS ) द्वारा हथियार रखने के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए संपर्क किया था, लेकिन पुलिस ने इस पर ध्यान नहीं दिया। पुलिस के लचर रवैये से निराश सामाजिक कार्यकर्ता ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने 2018 में कोतवाली पुलिस स्टेशन को नोटिस भी जारी किया था लेकिन चार साल बाद भी कोतवाली पुलिस इस मामले में कोई ठोस जवाब देने में विफल रही।
इस मामले में विगत शनिवार यानि 19 अगस्त को सुनवाई हुई थी। सुनवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसबी गावंडे ने फिर से कोतवाली पुलिस को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
Nagpur News : बता दें कि हर साल आरएसएस विजय दशमी उत्सव के दौरान अपने मुख्यालय में शस्त्र पूजा करता है। सरसंघचालक या आरएसएस प्रमुख वार्षिक प्रथागत भाषण से पहले यह पूजा करते हैं।