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Covid Vaccine Deaths: कोरोना टीके लगवाने से मौत के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं, सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर

Janjwar Desk
29 Nov 2022 5:55 PM IST
Covid Vaccine Deaths: कोरोना टीके लगवाने से मौत के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं, सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर
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Covid Vaccine Deaths: कोरोना टीके लगवाने से मौत के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं, सुप्रीम कोर्ट में जवाब दायर

Covid Vaccine Deaths: कोरोना वैक्सीन से मौतों को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है. सरकार ने हलफनामा दायर करते हुए कहा- मृतकों व उनके परिजनों के प्रति उसकी पूरी हमदर्दी है, लेकिन टीके के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

Covid Vaccine Deaths: कोरोना वैक्सीन से मौतों को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है. सरकार ने हलफनामा दायर करते हुए कहा- मृतकों व उनके परिजनों के प्रति उसकी पूरी हमदर्दी है, लेकिन टीके के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

सरकार ने आगे कहा जिन मामलों में वैक्सीन के कारण मौत हुई हो, उनमें सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर मुआवजा मांगा जा सकता है. दरअसल, 2021 में दो युवतियों की कथित तौर पर कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद मौत हो गई थी. इस मामले में युवतियों के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

केंद्र सरकार ने उक्त याचिका पर अपना जवाब दाखिल किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दायर जवाब में कहा गया कि टीकों के प्रतिकूल प्रभाव के कारण बेहद कम मौतों व मुआवजे के लिए केंद्र को जिम्मेदार मानना कानूनी रूप से उचित नहीं होगा.

आगे हलफनामे में यह भी बताया गया कि सिर्फ एक मामले में एईएफआई की कमेटी ने इसकी वजह टीकाकरण का प्रतिकूल असर पाया है. आगे कहा गया कि यदि किसी व्यक्ति को टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभाव के कारण शारीरिक चोट आती है या उसकी मौत होती है तो कानून के मुताबिक वह या उसका परिवार मुआवजे या हर्जाने की मांग को लेकर सिविल कोर्ट में दावा दायर लगा सकता है. केंद्र सरकार ने कहा कि सहमति का सवाल वैक्सीन जैसे दवा के स्वैच्छिक उपयोग पर लागू नहीं उठता है.

पेश याचिका में मांग की गई है कि कोविड वैक्सीन से मौत के मामलों की स्वतंत्र जांच कराई जाए और टीकाकरण के बाद किसी भी प्रतिकूल प्रभाव का समय रहते पता लगाकर उससे बचाव के उपाय करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा बोर्ड बनें. याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ये मौतें नहीं होती, यदि टीके के खतरों के बारे में पूर्व में सूचना देकर सहमति ले ली जाती.

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