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रगौली जेल हत्याकांड में साजिश की एक और कड़ी से उठा पर्दा, मुन्ना बजरंगी की हत्या में मौजूद वार्डर निकला अंशुल का भी करीबी

Janjwar Desk
19 May 2021 4:51 AM GMT
रगौली जेल हत्याकांड में साजिश की एक और कड़ी से उठा पर्दा, मुन्ना बजरंगी की हत्या में मौजूद वार्डर निकला अंशुल का भी करीबी
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चित्रकूट की इसी रगौली जेल में 14 मई को खूनी खेल खेला गया था. इस कांड में 3 कैदियों की मौत हुई थी.

जगमोहन वही जेल वार्डर बताया जा रहा है जो चित्रकूट से पहले बागपत जेल में तैनात था। बागपत जेल में 9 जुलाई 2018 को मुन्ना बजरंगी की हत्या के समय जगमोहन वारदात की जगह मौजूद था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जगमोहन का तबादला चित्रकूट कर दिया गया था...

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। यूपी में चित्रकूट की रगौली जेल में हुआ सनसनीखेज हत्याकांड शुरू से ही संदिग्ध बना हुआ है। और तो अब एक बड़ा रहस्य भी खुलकर सामने आया है, वह यह कि बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के समय जेल वार्डर के तौर पर तैनात रहा सिपाही चित्रकूट कांड के समय रगौली जेल के अंदर ही था। इस वार्डर ने ना सिर्फ अंशु से बात की थी बल्कि उसे सरेंडर करने को भी कहा था।

रगौली जेल शूटआउट को लेकर मंगलवार 18 मई को बड़ा खुलासा सामने आया है। जिस वक्त मेराज व मुकीम काला की हत्या करने के बाद अंशुल ने जेल के 5 बंदियों को बंधक बनाया था उस वक्त एक जगमोहन नाम का वार्डर उससे लगातार बात कर रहा था। वह हत्यारे से ना सिर्फ बात कर रहा था बल्कि उसे सरेंडर कर देने और बच जाने की बात भी कहता सुना जा रहा था।

जगमोहन वही जेल वार्डर बताया जा रहा है जो चित्रकूट से पहले बागपत जेल में तैनात था। बागपत जेल में 9 जुलाई 2018 को मुन्ना बजरंगी की हत्या के समय जगमोहन वारदात की जगह मौजूद था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जगमोहन का तबादला चित्रकूट कर दिया गया था। तब से वह रगौली जेल में तैनात है। अब यह बड़ी वारदात और जगमोहन किसी साजिश का हिस्सा हैं अथवा महज इत्तेफाक एजेंसियां जांच कर रही हैं।

अब तक की जांच में वार्डर जगमोहन पर शक की सुई घूम रही है। पुख्ता यहां होता है कि जब वार्डर जगमोहन की 6 मई को कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी, जिसके बाद उसे आइसोलेशन में रहने की सख्त हिदायत दी गई थी। बावजूद इसके 13 मई की रात जगमोहन रगौली जेल के भीतर देखा गया था। 14 मई को गोलीकांड के बाद जब ्ंशुल को घेरा जा रहा था तब जगमोहन भी वहां मौजूद था।

बागपत जेल में भी यही एक बड़ा सवाल उठा था कि सुनील राठी के पास पिस्टल कैसे पहुँची? और अब चित्रकूट जेल में भी यही सवाल घूम रहा। मजे की बात यह है कि इन दोनो ही सवालों में जगमोहन कॉमन विषय है। जांच एजेंसियों ने जगमोहन से पूछताछ शुरू कर दी है। जेल सू्रों की माने तो अंशुल ने मेराज व काला को मारने के बाद जेल पीसीओ में जाकर किसी से बात भी की थी।

बताया जा रहा है कि अंशुल के जेल एनकाउंटर के बाद उसके पास 9 एमएम की पिस्टल मिली थी। बाद में वह टर्की मेड 19 राउण्ड की इंग्लिश पिस्टल बताई गई थी। अब जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक यह ऑस्ट्रिया मेड ग्लो पिस्टल है। जिसकी मारक छमता 50 मीटर तक है। यह पिस्टल पुलिस और सेना के जवानो को दी जाती है। एजेंसी पता लगा रही है कि यह पिस्टल विदेस से आई कि पुलिस से लूटी गई है।

चित्रकूट की रगौली जेल में हुए हत्याकांड पर न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जेल सुप्रिटेंड असोक कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मामले की न्यायिक जांच की जाएगी। इसकी जांच स्वयं न्यायिक मजिस्ट्रेट करेंगे।

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