अतुल राय के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराने वाली युवती की मौत, सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद को किया था आग के हवाले
(युवती ने बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ दर्ज कराया था दुष्कर्म का मुकदमा)
जनज्वार। मऊ जिले के घोसी से सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दायर कराने वाली पीड़िता ने दम तोड़ दिया है। युवती के साथी की इससे पहले 21 अगस्त को मौत हो गई थी। युवती और उसके साथी ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सामने खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। यही नहीं इस घटना को फेसबुक पर लाइव भी किया था।
दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के गेट नंबर डी के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया था। युवक की मौत के तीन दिन बाद 24 अगस्त को युवती ने भी दम तोड़ दिया। दोनों गंभीर रूप से झुलस गए थे। इसके बाद दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा था।
आत्मदाह के लाइव वीडियो में पीड़िता और उसके साथी ने वाराणसी पुलिस के तत्कालीन अफसरों और न्याय व्यवस्था को कोसते हुए यह कदम उठाया था। दोनों का दिल्ली के एक अस्पताल में उपचार चल रहा था। युवती वाराणसी के कॉलेज की पूर्व छात्रा थी जबकि उसका साथी गाजीपुर का रहने वाला था।
बलिया की रहने वाली युवती ने 1 मई 2019 को बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ वाराणसी के लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप था कि अतुल राय ने 7 मार्च 2018 को उसे लंका स्थित अपने फ्लैट में पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था। वहां पहुंचने पर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसका वीडियो भी बना लिया था।
बसपा सांसद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता के खिलाफ चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भारतेंद्र सिंह की कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले मं गैर जमानती वारंट जारी किया था। 2 अगस्त को अदालत ने यह आदेश वाराणसी कमिश्नरेट की कैंट पुलिस की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया था।
देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट के सामने उठाए गए इस आत्मघाती कदम का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस मामले में जल्द रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा था। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने यूपी के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर युवती को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई पर जवाब मांगा था। उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने को कहा था।
युवक और युवती के द्वारा आत्मदाह की कोशिश के मामले में वाराणसी कमिश्नरेट के पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। 17 अगस्त को कैंट थाना प्रभारी राकेश सिंह और विवेचक गिरिजा शंकर को सस्पेंड कर दिया गया। कमिश्नरेट पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि प्रकरण की नए सिरे से जांच कराई जा रही है। इस केस से जुड़े पुलिस अधिकारी, कर्मी और आरोपियों के साथ ही उनके करीबियों से भी पूछताछ की जाएगी।