Dehradun News: खूंखार भालू ने बुरी तरह नोंच डाला बुजुर्ग का चेहरा-हालत गंभीर, गुलदार के बाद अब पहाड़ में बढ़ा भालू का आतंक
Dehradun News: उत्तराखंड में वन्य जीवों के इंसानों पर हो रहे हमलों का लगातार विस्तार हो रहा है। गुलदार, बाघ और हाथियों के बाद अब जंगली भालू लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। बुधवार को बागेश्वर जिले में एक बुजुर्ग पर भालू ने जानलेवा हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। भालू के हमले में बुजुर्ग का चेहरा इतना वीभत्स हो गया कि देखने वालों की रूह कांप उठी।
जानकारी के अनुसार बागेश्वर जिले के चुचेर गांव गांव स्थित धरमघर वन क्षेत्र के अंतर्गत बुधवार की सुबह लगभग सात बजे 68 वर्षीय भगत सिंह कोरंगा चारापत्ती लेने के लिए जा रहे थे। घर से महज 200 मीटर की दूरी पर गौना गधेरे पर भालू ने उन पर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया। अचानक हुए भालू के इस हमले से घबराए भगत सिंह ने जान बचाने का प्रयास करते हुए भालू से बचने के लिए ढलान की तरफ दौड़ लगा दी। शोर सुनकर मौके पर और ग्रामीण भी पहुंचे तो भालू भगत सिंह को बुरी तरह लहूलहान हालत में छोड़कर वहां से भाग गया। भालू ने इस हमले में भगत के चेहरे को बुरी तरह नोंच दिया है। ग्राम प्रधान भूपाल सिंह ने बताया कि बुजुर्ग बुरी तरह से जख्मी है। वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। उनको अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा है। हमले के बाद उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया जा रहा है। भालू के हमले के बाद अत्यधिक रक्तस्राव होने से बुजुर्ग की हालत बेहद गंभीर हो चली है।
इस मामले में वन क्षेत्राधिकारी धरमघर प्रदीप कांडपाल का कहना है कि भालू के हमले में घायल भगत सिंह कोरंगा को 10 हजार रुपये प्रदान किए गए हैं। जबकि इस मुआवजे पर सवाल उठाते हुए ग्रामीण परसीलाल वर्मा, मान सिंह कोरंगा ने कहा कि वन विभाग का मामूली मरहम है। उन्होंने तत्काल अधिक से अधिक मुआवजा देने की मांग की है। ग्रामीणों ने वन विभाग पर ग्रामीणों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने गश्त करने और खूंखार जंगली जानवरों पर नियंत्रण करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि भालू आबादी के निकट लोगों के घर के पास तक पहुंच रहा है।
इधर ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में भालू के हमले की एक माह में यह दूसरी घटना है। जिसके चलते ग्रामीणों में दहशत है। इससे पहले बीते 13 नवंबर को भी भालू ने क्षेत्र के भनार निवासी 55 वर्षीय शेर सिंह पुत्र भीम सिंह पर उस समय हमला कर दिया था जब वह जंगल में भेड़-बकरियां चरा रहे थे। जंगल में एकाएक आया यह भालू सीधे उन पर झपट पड़ा और चेहरे और पैरों पर हमला करते हुए अपने दांतों से काट खाया। आसपास मौजूद अन्य लोगों ने शेर सिंह को बमुश्किल भालू के चंगुल से बचाया। उनका बरेली के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है। जहां वह अभी भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं।