Delhi riots : खालिद सैफी की बीवी ने रो-रोकर सभी से की अपील, कहा - उनकी तबीयत ठीक नहीं, जेल में हो रहा है जुल्म
Delhi riots : करीब ढ़ाई साल पहले घटित दिल्ली दंगे ( Delhi riots ) के आरोपी खालिद सैफी ( Khalid Saifi ) इन दिनों मंडोली जेल में बंद हैं। बताया जा रहा है किउनकी तबीयत ठीक नहीं है। खालिद सैफी की पत्नी नरगिस खालिद सैफी ( Nargis Khalid Saifi ) ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनके पति की तबीयत ठीक नहीं है। उनके लिए तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की जरूरत है।
खालिद सैफी पत्नी नरगिस खालिद सैफी इस बाबत एक भावुक वीडियो भी जारी की है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो खालिद की बेहतरी के लिए आवाज उठाएं। ताकि उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके।
Khalid Saifi please इस विडीयो को सुनिए
Khalid Saifi please इस विडीयो को सुनिए
— Khalid Saifi (@KSaifi) July 23, 2022
और मेरे साथ मेरे शौहर के लिए उन को सही इलाज़ मिल सके उन के लिए आवाज़ उठाए।।
मेरा साथ दे।।#staystrongkhalidsaifi #KhalidSaifiKoRihaKaro #ReleaseAllPoliticalPrisoners pic.twitter.com/bIiJWWqUBo
खालिद सैफी ( Khalid Saifi ) की पत्नी नरगिस खालिद सैफी ( Nargis Khalid Saifi ने वीडियो में कहा है कि उनके शौहर की तबीयत बहुत खराब है उन्हें जेल में सही से इलाज़ नहीं मिल रहा है। उन्होंने सभी से गुजारिश करते हुए कहा कि उनको सही इलाज मुहैया कराने के लिए सभी एक साथ आवाज उठाएं। मेरा साथ दें।
वीडियो में खालिस सैफी ( Khalid Saifi ) की पत्नी नरगिस खालिद सैफी ( Nargis Khalid Saifi का रो-रोकर बुरा हाल है। वह रोती हुई कह रही हैं कि उन्हें सैफी का फोन आया था और उन्हें बताया कि उनकी (सैफी की) तबीयत ठीक नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जेल में उनके पति का उपयुक्त इलाज नहीं किया जा रहा है। दूसरी तरफ जेल अधिकारियों ने दावा किया कि सैफी की तबीयत ठीक है।
बता दें कि खालिद सैफी ( Khalid Saifi ) पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों का साजिशकर्ता होने का आरोप है। दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे।
ककड़डूमा कोर्ट ने जमानत देने से किया था इनकार
8 अप्रैल 2022 को दिल्ली दंगे की साजिश के मामले में यूनाइटेड अगेंस्ट हेट अभियान के संस्थापक खालिद सैफी ( Khalid Saifi ) की जमानत अर्जी कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज कर दी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट ने कहा था कि दंगे में सभी आरोपितों की अलग-अलग भूमिका है। समग्र रूप से पूरे मामले को देखा जाना चाहिए। आरोपित पर आरोप सही प्रतीत होते हैं, ऐसे में जमानत नहीं दी जा सकती। इससे पहले साजिश के अन्य आरोपितों सिफा-उर-रहमान और मीरान हैदर की भी जमानत अर्जी भी खारिज हो चुकी है। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि खालिद सैफ ने फरवरी 2020 में खुरेजी में हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन की कमान संभाल रखी थी। उसका काम था लोगों को धरना प्रदर्शन तक लाना और हर एक गतिविधि पर नजर रखना।